BCCI ने रोहित शर्मा और विराट कोहली की 2027 विश्व कप में भागीदारी के लिए कोई गारंटी नहीं दी, घरेलू क्रिकेट में वापसी की चेतावनी दी।
चयन समिति – कैसे तय होती है टीम और नीति की दिशा
जब हम चयन समिति की बात करते हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि यह एक चयन समिति, एक समूह जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा, संसाधन या नीति‑निर्धारण के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन करता है. अक्सर इसे Selection Committee भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में क्रिकेट चयन समिति, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा गठित निकाय जो राष्ट्रीय टीम के लिए खिलाड़ियों का चयन करता है. इसके अलावा राजनीतिक चयन समिति, पार्टी या सरकारी संस्थाओं में प्रमुख पदों के लिए उम्मीदवार चुनने वाली समिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खेल के बड़े इवेंट में आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप, एक अंतरराष्ट्रीय टुर्नामेंट जहाँ चयन समिति टीम को तैयार करती है और टेस्ट टीम चयन प्रक्रिया, जिला‑स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक खिलाड़ियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर अंतिम टीम बनाना शामिल हैं।
सेलेक्शन की जिम्मेदारी सिर्फ नाम लिखने तक सीमित नहीं होती; यह उम्मीदवारों के आँकड़े, फॉर्म, फिटनेस और कॉमन‑केमिक मैचों में प्रदर्शन को तौलता है। उदाहरण के तौर पर, जब क्रिकेट चयन समिति ने हार्दिक पंड्या की चोट को ध्यान में रखते हुए रिंकु सिंह को एशिया कप फाइनल में शामिल किया, तो यह एक रणनीतिक कदम था—टेस्ट टीम चयन प्रक्रिया में अक्सर इसी तरह के फे़सलों की जरूरत पड़ती है। इसी तरह, राजनीतिक चयन समिति अपने सदस्य चयन में स्थानीय नेता, वरिष्ठ पार्टी सदस्य और जनसाधारण के राय को शामिल करती है, जिससे नीति निर्धारण में विविधता आती है।
सेलेक्शन के प्रमुख पहलू और उनका वास्तविक असर
एक अच्छी चयन समिति के पास स्पष्ट कंट्रोल मीट्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया होती है। क्रिकेट में यह अक्सर पिछले सीज़न की बॉलिंग एवरिज, बैटिंग स्ट्राइक रेट या फील्डिंग इम्प्रूवमेंट रिपोर्ट पर आधारित होती है। राजनीतिक क्षेत्र में यह पार्टी के घोषणापत्र, चुनावी रणनीति और सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखती है। दोनों ही मामलों में, चयन समिति का कार्य उपयुक्तता का मूल्यांकन, सही उम्मीदवार को सही समय पर चुनना है। जब सही चयन किया जाता है, तो वह टीम या नीति के प्रदर्शन को सीधे बढ़ाता है। गलत चयन से ही असंतुलन और आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
अभी हाल ही में आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप में भारत की मिड‑टर्निंग लीड ने दर्शाया कि चयन समिति ने गेंदबाजों की वेरिएबिलिटी और बैटरों की डिफ़ेंडिंग स्ट्रैटेजी को संतुलित करने वाला मिश्रण तैयार किया। इसी तरह, टेस्ट टीम चयन प्रक्रिया में जडेजा जैसे मल्टीपर्पज ऑलराउंडर को शामिल करना अगले सीज़न की सफलता की कुंजी बन सकता है। इन सभी उदाहरणों से स्पष्ट है कि चयन समिति का काम सिर्फ “ऐड करना” नहीं, बल्कि “सही मिश्रण” तैयार करना है।
आगे पढ़ने वाले लोग यहाँ से क्या उम्मीद कर सकते हैं? इस टैग पेज पर आप चयन समिति से जुड़ी विभिन्न कहानियों – खेल, राजनीति और सामाजिक पहलुओं पर – एक साथ देखेंगे। चाहे वो क्रिकेट की टीम में नए चेहरों की कहानी हो, या किसी राजनीतिक पार्टी के अंदरूनी चयन की प्रक्रिया, सभी लेख आपको प्रक्रिया के पीछे की तर्कशक्ति और प्रभाव दिखाएंगे। अब नीचे के लेखों में डुबकी लगाएँ और समझें कैसे चयन समिति आपके रोज़मर्रा के बदलावों को आकार देती है।