महाराष्ट्र में Ladki Bahin Yojana के तहत करीब 8 लाख लाभार्थियों को अब 1,500 की जगह 500 रुपये महीना मिलेगा। यह कटौती उन महिलाओं पर लागू है जिन्हें एक साथ Namo Shetkari Mahasanman Nidhi (NSMN) से 1,000 रुपये मिल रहे हैं। सरकार ने साफ किया है—कुल मासिक लाभ 1,500 रुपये से ज्यादा नहीं होगा। राज्य पर 2025-26 के लिए कर्ज अनुमान 9.3 लाख करोड़ रुपये है और इसी दबाव में योजना का बजट 46,000 करोड़ से घटाकर 36,000 करोड़ किया गया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दावा है कि पात्रों का हक नहीं काटा गया, बल्कि भुगतान जरूरत के हिसाब से संरचित है और जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त प्रावधान होगा।
क्या बदला, किस पर असर
मुख्यमंत्री माजी ‘लाडकी बहिण’ योजना 21 से 65 वर्ष की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये महीना देने का वादा लेकर शुरू हुई थी। अब सरकार ने एक ही समय में दो योजनाओं का लाभ लेने पर “कुल 1,500 रुपये” की सीमा तय कर दी है। यानी जिन्हें NSMN से 1,000 रुपये मिल रहे हैं, उन्हें Ladki Bahin से 500 रुपये ही मिलेंगे। बाकी महिलाएं जिन्हें कोई दूसरी नकद सहायता नहीं मिलती, उन्हें पहले की तरह 1,500 रुपये मिलते रहेंगे।
- डबल-बेनीफिट कैप: कुल मासिक सहायता 1,500 रुपये से ज्यादा नहीं।
- किस पर असर: वे लाभार्थी जो NSMN से 1,000 रुपये ले रही हैं—उनका Ladki Bahin भुगतान 500 रुपये।
- बजट स्थिति: 2025-26 में योजना आवंटन 46,000 करोड़ से 36,000 करोड़।
- कर्ज दबाव: राज्य का कर्ज अनुमान 9.3 लाख करोड़ रुपये।
आवेदन और जांच के मोर्चे पर सरकार ने सख्ती बढ़ाई है। अक्टूबर में 2.63 करोड़ आवेदन आए थे, जांच के बाद यह 2.52 करोड़ रह गए। फरवरी-मार्च में 2.46 करोड़ खातों में भुगतान हुआ। प्रशासन ने ई-केवाईसी को अनिवार्य किया है—दो महीने के भीतर पूरा करना होगा। जांच में 26.34 लाख अपात्र लोग—जिनमें पुरुष भी शामिल—भुगतान लेते मिले। फरवरी 2025 में करीब 5 लाख अपात्र हटाए गए और बाद में 2,289 सरकारी कर्मचारियों को भी सूची से निकाला गया।
यह बदलाव दो लक्ष्य साधता है—पहला, एक ही परिवार/व्यक्ति को नकद सहयोग का दोहराव कम करना; दूसरा, सीमित बजट में ज्यादा पात्रों तक कवरेज बनाए रखना। एक बैक-ऑफ-द-एंवेलप हिसाब से देखें तो 2.46 करोड़ लाभार्थियों को 1,500 रुपये महीना देना पड़े तो हर महीने लगभग 3,690 करोड़ और सालाना करीब 44,280 करोड़ का खर्च बैठता है। डबल-बेनीफिट कैप और अपात्रों की कटौती से यह बिल कुछ कम होता है, जो घटे हुए आवंटन के भीतर योजना को चलाने में मदद देता है।

लाभार्थियों के लिए क्या करना है
अगर आप लाभार्थी हैं और भुगतान में बदलाव दिख रहा है, तो पहले यह जांचें कि आपको NSMN के तहत 1,000 रुपये मिल रहे हैं या नहीं। अगर हां, तो Ladki Bahin से 500 रुपये मिलना अब नीति के अनुरूप है। अगर NSMN नहीं मिल रहा और फिर भी राशि 1,500 से कम आई है, तो अपनी केवाईसी/पात्रता स्थिति की जांच करें।
- ई-केवाईसी जरूरी: आधार-आधारित OTP या बायोमेट्रिक से ई-केवाईसी दो महीने के अंदर पूरा करें। देर होने पर भुगतान रोका जा सकता है।
- जरूरी दस्तावेज: आधार कार्ड, बैंक पासबुक/खाता विवरण, आधार से लिंक मोबाइल।
- बैंक खाता: सक्रिय, DBT-सक्षम और आधार-सीड होना चाहिए।
- डुप्लिकेट रोकथाम: एक ही व्यक्ति/दस्तावेज से दो आवेदन पकड़े जाने पर भुगतान रुक सकता है।
आपत्तियां और सुधार: जिनका नाम “अपात्र” सूची में चला गया है या राशि कट चुकी है, वे अपने तहसील/जिला स्तर के कार्यालय में दस्तावेजों के साथ आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। सरकारी नौकरी या दूसरी अपात्र श्रेणियों में आने वालों के मामले में राशि बंद रह सकती है। अगर किसी महीने ज्यादा भुगतान हो गया था, तो प्रशासन आगे की किस्तों में समायोजन कर सकता है।
योजना की समयरेखा पर नजर डालें तो शुरुआत 2024 विधानसभा चुनाव से पहले हुई, और तब से डेटाबेस लगातार साफ किया जा रहा है। फडणवीस पहले ही संकेत दे चुके हैं कि जांच के बाद 10–15 लाख तक लाभार्थियों की संख्या घट सकती है। सरकार का कहना है कि मानदंड बदले नहीं हैं; फोकस सिर्फ यह सुनिश्चित करने पर है कि पैसा सही हाथों तक पहुंचे।
नीति का बड़ा सवाल यही है—सीमित संसाधनों में महिला कल्याण की नकद सहायता कैसे स्थिर रखी जाए। डबल-बेनीफिट कैप से एक तय सीमा में सबको कवर करने की कोशिश है, ताकि जिन महिलाओं को किसी दूसरी योजना से नकद मदद नहीं मिल रही, उन्हें पूरी 1,500 रुपये की राशि मिलती रहे। वहीं, जो दूसरी योजना से भी लाभ ले रही हैं, उनके कुल लाभ को समान स्तर पर रखा जा रहा है।
अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है, तो इसे प्राथमिकता दें। दस्तावेज तैयार रखें, आधार-लिंक मोबाइल सक्रिय हो, और जरूरत पड़े तो नजदीकी सेवा केंद्र पर बायोमेट्रिक के जरिए प्रक्रिया पूरी करें। राशि में किसी भी असंगति पर बैंक एंट्री और संदेशों का रिकॉर्ड रखें—यही आपके सुधार आवेदन में काम आएंगे।