बिहार में लाल अलर्ट जारी, मुजफ्फरपुर‑वैशाली सहित 26 जिलों को भारी बारिश का खतरा

बिहार में लाल अलर्ट जारी, मुजफ्फरपुर‑वैशाली सहित 26 जिलों को भारी बारिश का खतरा

अक्तू॰, 6 2025

जब इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने बिहार के 26 जिलों के लिए लाल अलर्टबिहार जारी किया, तो लोगों की थैली में घबराहट थम गई। इस अलर्ट में मुजफ्फरपुर और वैशाली जैसे बड़े शहर भी शामिल थे, जहाँ बाढ़ की संभावना के कारण जन सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी।

बारिश की तीव्रता और सबसे अधिक प्रभावित जिले

अक्टूबर के शुरुआती दो दिनों में उत्तरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 210 मिलीमीटर से अधिक की असामान्य बारिश दर्ज हुई। कुछ जगहों पर सामान्य बारिश की तुलना में 300‑600 % अधिक पानी बरसा। इस दौरान सीवान, गोपालगंज, ईस्ट चम्पारण, भोजपुर, और रोहतास को सबसे अधिक सतही जल स्तर मिला।

उदाहरण के तौर पर, सीवान के महाराजगंज में 320 मिमी, भोजपुर के जगदीशपुर में 290 मिमी, और सीवान के गोरिकोठी में 280 मिमी बारिश गिरी। इन आंकड़ों ने इन जिलों में सिंगल‑डेस्क रिकॉर्ड तोड़ दिया।

विज्ञान के पीछे: निम्न दाब प्रणाली

इंटेंस बारिश का कारण एक निम्न दाब प्रणाली था, जो पश्चिमी झारखंड, दक्षिणी बिहार, दक्षिण‑पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर‑पश्चिमी छत्तीसगढ़ के आसपास विकसित हुई थी। यह प्रणाली धीरे‑धीरे उत्तर‑पश्चिमी दिशा में सरकते हुए गंगा बेसिन में ग़ज़ियाबाद, कालीप्रंग, और डार्जिलिंग जैसे उप-हिमालयी क्षेत्रों तक पहुँच गई, जहाँ भी लाल अलर्ट जारी किया गया।

राज्य‑व्यापी जलवायु परिवर्तन की झलक

अक्टूबर सामान्यतः बिहार में कम बरसात वाला महीना माना जाता है, लेकिन इस साल की टेम्पर्रीचर प्रोफ़ाइल ने यह सिद्ध कर दिया कि मौसमी पैटर्न बदल रहा है। पहले हफ्ते में सभी जिलों ने औसत से अधिक वर्षा दर्ज की, सिवाय मुंगेर के, जहाँ मात्र 12 % सामान्य स्तर पर बरसात हुई। गोपालगंज ने 1,452 % की बढ़ोतरी के साथ शीर्ष पर पहुंचा, उसके बाद शिहोर ने 1,280 % की बढ़ोतरी दर्ज की।

सितंबर में कुल 135 मिमी बारिश हुई, जो औसत से 38 % कम थी, लेकिन फिर भी कश्मीरगंज में 315.7 मिमी का रेकॉर्ड बना रहा।

प्रभावित जिलों के लिये चेतावनी और तत्परता कदम

प्रभावित जिलों के लिये चेतावनी और तत्परता कदम

लाल अलर्ट के साथ ही 26 जिलों – जिसमें गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बक्सर, भोजपुर, पटना, गया और नालंदा शामिल हैं – में गरज‑बिजली और तेज़ हवाओं (30‑40 किमी/घंटा) की चेतावनी जारी की गई। इन क्षेत्रों में बाढ़‑रोधी बाढ़‑नियंत्रण कार्यों को तेज किया गया और स्थानीय प्रशासन ने एग्रीकल्चर विभाग के साथ मिलकर क्षतिग्रस्त फसलों की त्वरित जाँच का आदेश दिया।

स्मार्ट मोबाइल ऐप द्वारा हर 30 मिनट में अपडेट भेजे जाएंगे, जिससे जनता को रियल‑टाइम जानकारी मिल सके।

तापमान की बदलती परिप्रेक्ष्य

आगामी 48 घंटों में अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान 2‑3 °C तक बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थानीय कृषि पर असर पड़ सकता है। सोमवार को पश्चिमी चम्पारण के वल्मीकी नगर में अधिकतम 33 °C दर्ज किया गया, जबकि पटना में 30 °C रहा। बुधवार तक अधिकांश क्षेत्रों में 32‑34 °C के बीच तापमान स्थिर रहने का अनुमान है।

उतर प्रदेश में समान स्थिति

उतर प्रदेश में समान स्थिति

उतर प्रदेश के कई जिलों में भी बाढ़‑भरे दृश्य देखे गए। वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर, भदौही आदि में जलस्तर इतना बढ़ा कि सड़कों पर पानी का तालाब बन गया। उत्तर प्रदेश ने 32 जिलों में लाल और नारंगी अलर्ट जारी किया, जहाँ तेज़ हवाओं की गति 40 किमी/घंटा तक पहुँची।

आगे क्या उम्मीदें?

भारी बारिश समाप्त होने के बाद अगले तीन दिनों में उत्तर‑पूर्वी बिहार में बिखरी हुई बौछारें जारी रह सकती हैं, लेकिन मुख्यतः जिलों में सूखा फड़फड़ाने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले सप्ताह के अंत तक अधिकांश क्षेत्र स्थिर रहेगा, परंतु मौसमी परिवर्तन के कारण अचानक ठंडी हवा या हल्की बुकुशि की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

लाल अलर्ट का असर किसान वर्ग पर कैसे पड़ेगा?

बिजली‑तुरंत गिरती बारिश ने कई धान और गेहूँ की फसलों को नुकसान पहुँचाया। सरकार ने बीमा कवरेज के तहत अतिरिक्त राहत रकम की घोषणा की है, पर किसानों को जल्द‑से‑जल्द फसल बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है।

क्या वैशाली और मुजफ्फरपुर में बाढ़ के खतरों से बचने के लिए विशेष योजना बनाई गई है?

स्थानीय प्रशासन ने निकासी केंद्र स्थापित किए हैं, जलरोधक बैरियर्स बनवाए हैं और गरीब परिवारों को त्वरित रॉडन फॉग बायर्स (आरएफबी) प्रदान करने की घोषणा की है। साथ ही, मोबाइल ऐप के माध्यम से रीयल‑टाइम चेतावनी जारी की जाएगी।

निम्न दाब प्रणाली से भविष्य में और किस तरह की मौसम संबंधी घटनाएँ अपेक्षित हैं?

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की प्रणाली का आगमन शरद ऋतु में बार‑बार होने की संभावना है, जो तेज़ बदलते तापमान और अचानक बाढ़ के कारण बन सकती है। जलवायु मॉडल दर्शाते हैं कि अगले दो साल में इस क्षेत्र में समान या उससे अधिक तीव्रता की घटनाएँ देखी जा सकती हैं।

बिजली विभाग ने इस बारिश के दौरान किन उपायों को लागू किया?

ड्रेनज सिस्टम की त्वरित सफाई, हाइवे पर जलरोधी सड़कों की मरम्मत और एम्बुलेंस व राहत वाहन के लिए विशेष रूटिंग प्लान लागू किया गया है। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में वोल्टेज को स्थिर रखने के लिए अतिरिक्त ट्रांसफ़ॉर्मर स्थापित किए गए।

आगामी हफ्ते में मौसम विभाग ने कौन से पूर्वानुमान जारी किए हैं?

इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने अगले सात दिनों में अधिकांश जिलों में सूखे का अनुमान लगाया है, परंतु उत्तर‑पूर्वी सीमा पर कभी‑कभी बोरियों की संभावना बनी रहेगी। तापमान में धीरे‑धीरे वृद्धि और धूप‑छाया का संतुलन रहेगा।

1 टिप्पणियाँ

  • Avadh Kakkad
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Avadh Kakkad
    20:17 अपराह्न 10/ 6/2025

    इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने जो लाल अलर्ट जारी किया है, वह सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि कई जिलों में जल निकासी की क्षमता पहले से कम हो गई है। सीवान, गोपालगंज जैसे जिलों में रिकॉर्ड‑ब्रेट बारिश ने नदियों के जल स्तर को आसमान छू लिया। इससे बाढ़‑रोधी बैंकरों की फुर्ती पर भारी दबाव पड़ेगा। प्रशासन को जल्दी से जल्दी निचले इलाकों को खाली करवाना चाहिए।

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