जब अभिलश कोईक्करा, हेड – फॉरेक्स & कमोडिटीज Nuvama Professional Clients Group ने कहा कि सोने का समर्थन स्तर अभी भी मजबूत है, तब भी 18 सितंबर 2025 को सोना‑चांदी दोनों में स्पष्ट गिरावट देखी गई। यह गिरावट US Federal Reserve के 2025 के पहले दर‑कट के बाद डॉलर के आश्चर्यजनक मजबूती और बाजार में प्रोफ़िट‑बुकिंग के कारण हुई।
बाजार की शुरुआती चालें और MCX पर कीमतों का रुझान
भारत में Multi Commodity Exchange (MCX) के अक्टूबर‑3 सोना कॉन्ट्रैक्ट ने 10 ग्राम पर ₹1,09,180 से शुरुआती गिरे, पिछले क्लोज़ ₹1,09,822 से ₹642 नीचे। सत्र के दौरान कीमतें ₹1,08,690 के नीचले स्तर तक पहुंचीं, यानी कुल ₹1,132 का धक्क़ा। अंत में, सोना ₹1,08,790 पर ट्रेड हुआ, 0.94% गिरावट के साथ।
डिसंबर कॉन्ट्रैक्ट भी 0.88% गिरते हुए ₹1,10,500 पर बंद हुआ। News18 ने बताया कि शुरुआती ट्रेड में सोना 0.52% गिरकर ₹1,09,250 पर रहा। फिजिकल मार्केट में मुंबई में 24‑कैरेट सोने की कीमत ₹1,11,170 प्रति 10 ग्राम और 22‑कैरेट ₹1,01,900 थी।
चांदी के भविष्य और शहर‑वार कीमतें
चांदी के भविष्य पर भी दबाव बना रहा। MCX पर दिसंबर डिलिवरी फ्यूचर ₹1,25,999/kg से शुरू हुआ, पिछले क्लोज़ ₹1,26,984 से ₹985 गिरते हुए, और फिर ₹1,25,430 के न्यूनतम पर पहुँचा। अंतिम ट्रेड ₹1,25,897/kg पर आया, 0.86% गिरावट। News18 ने इस गिरावट को 0.76% बतलाया।
फिजिकल बाजार में कीमतें शहर‑दर बदलती रही: दिल्ली और मुंबई दोनों में लगभग ₹1,31,000/kg, कोलकाता में भी वही, जबकि चेन्नई में ₹1,41,000/kg तक उछाल देखा गया। Angel One ने मुंबई में 999 फाइन सिल्वर (1 kg) का मूल्य ₹1,26,020 बताया, जबकि 5paisa ने ₹131/ग्राम (₹1,31,000/kg) के आंकड़े पेश किये।
विशेषज्ञों की तकनीकी टिप्पणी और समर्थन‑विरोध स्तर
अभिलश कोईक्करा ने कहा, "सोना‑चांदी कीमत गिरावटभारत के सामने सोने का समर्थन ₹1,09,000 पर है, जो निकट‑भविष्य में मजबूत फर्श प्रदान कर सकता है। अगर कीमतें इस स्तर से ऊपर बनी रहती हैं, तो ₹1,11,000 की ओर कदम बढ़ सकता है। नीचे गिरने पर नई बिकरियां दबाव डालेंगी।"
चांदी के लिए उन्होंने बताया, "MCX सिल्वर ने ₹1,30,000 से ₹1,26,000 तक सुधार देखा। वर्तमान बाजार मूल्य (CMP) ₹126,840, लक्ष्य ₹129,000, स्टॉप‑लॉस ₹125,000 पर सेट किया गया है।"
भविष्य की कीमतों के अंदाज़े और कारक
एनालिस्टों का मानना है कि यदि भारतीय रुपये की USD के मुकाबले औसत 88.5 की सीमा बनी रहती है, तो छः महीनों में चांदी की कीमत ₹1,35,000/kg और एक साल में ₹1,50,000/kg तक पहुँच सकती है। यह अनुमान वैश्विक भू‑राजनीतिक तनाव, सुरक्षित‑हैवन गोल्ड की मांग, और भविष्य में संभावित दर‑कट के आधार पर है।
अमेरिकी बाजार में GoldPrice.org ने बताया कि सोना $3,668.99 (₹1,08,? ग्राम) पर बंद हुआ, 0.70% गिरावट, जबकि सिल्वर $41.81 पर, 1.95% गिरावट। गोल्ड‑सिल्वर अनुपात 87.75 रहा, जो 1.23% बढ़ा।
नजिक के दिनों में बदलाव और त्योहार‑सीजन का असर
19 सितंबर 2025 को सोने में तेज़ी आई। GoodReturns ने बताया कि MCX पर सोना फ्यूचर ₹1,09,473 प्रति 10 ग्राम पर उछला, यह नेवरत्री उत्सव की शुरुआत से पहले आया, जब भारत में सोने की मांग सामान्यतः बढ़ जाती है। इस बढ़ोतरी का कारण निवेशकों का मौसमी खरीद‑पसंद और रभारी परिधान की अपील है।
नाइट्रती के दौरान रीटेल ब्यूलेटिन में बताया गया कि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में सोने की मांग 10‑15% तक बढ़ सकती है, जिससे अस्थायी मूल्य समर्थन मिल सकता है।
सारांश‑केंद्रित बुलेट‑प्वाइंट
- सोना‑चांदी दोनों की कीमतें 18‑सितंबर को गिरें, US फेडरैल रेट कट के बाद।
- MCX सोना अक्टूबर‑3 कॉन्ट्रैक्ट ₹1,08,790/10 ग्राम, 0.94% गिरावट।
- MCX सिल्वर दिसंबर फ्यूचर ₹1,25,897/kg, 0.86% गिरावट।
- अभिलश कोईक्करा ने सोने के समर्थन स्तर ₹1,09,000 पर प्रकाश डाला।
- चांदी की 6‑महीने की लक्ष्य ₹1,35,000/kg, 12‑महीने की ₹1,50,000/kg।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सोने की गिरावट से छोटे निवेशकों को क्या नुकसान हो सकता है?
यदि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सोने का बड़ा हिस्सा रखे हुए हैं और कीमतें 1 % से अधिक गिरें, तो उनका वैल्यू लगभग ₹1,08,000‑₹1,07,000 के स्तर पर गिर सकता है। लेकिन ऐतिहासिक रूप से सोना 3‑6 महीने की सत्र में फिर से उछलता है, इसलिए अल्पकालिक नुकसान को दीर्घकालिक लाभ के साथ समेटा जा सकता है।
चांदी की कीमतों का अपेक्षित उछाल कब दिखेगा?
विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले छह महीनों में चांदी ₹1,35,000/kg तक पहुँच सकती है, बशर्ते अमेरिकी डॉलर की मजबूती जारी रहे और रूढ़िवादी मौद्रिक नीति जारी रहे। इस दौरान महंगाई के दबाव और टिकाऊ वस्तुओं की मांग भी कीमतों को सहारा देगी।
US Federal Reserve के दर‑कट का भारतीय कमोडिटी बाजार पर क्या असर है?
दर‑कट से डॉलर की शक्ति बढ़ती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय शैली में सोने‑चांदी जैसे कमोडिटी की कीमतें भारत में डॉलर्स में घटती हैं, परन्तु रूपी में उल्टा प्रभाव हो सकता है। इसके साथ ही निवेशकों की भरोसेमंद सुरक्षित‑हैवन की तलाश बढ़ती है, जिससे कमोडिटी में दोहरी गति बनती है।
नेवी ग्रहस्त्रों में पब्लिक ट्रेंड के कारण सोने की कीमतों में नयाब परिवर्तन क्यों आया?
नेवी ग्रहस्त्रों का त्योहार‑सीजन (जैसे नववर्ष, नवरात्रि) पर लोग सोने के आभूषण खरीदते हैं, इसका सीधा असर मांग में इजाफे पर पड़ता है। 18‑सितंबर की गिरावट के बावजूद 19‑सितंबर को कीमतों में उछाल यह दर्शाता है कि मौसमी मांग अभी भी कीमतों को समर्थन दे रही है।
फेड की कट में डॉलर मजबूत, सोना‑सिल्वर गिरना तो समझ में आता है।