BCCI ने 2027 विश्व कप में रोहित शर्मा‑विराट कोहली का भविष्य अनिश्चित कहा

BCCI ने 2027 विश्व कप में रोहित शर्मा‑विराट कोहली का भविष्य अनिश्चित कहा

अक्तू॰, 7 2025

जब रोहित शर्मा, भारत के वन‑डे कप्तान, और विराट कोहली ने 2027 विश्व कप में खेलने की इच्छा जतायी, तो भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने साफ‑साफ कहा – कोई गारंटी नहीं। यह बयान अजीत अगरकर, चयन समिति के अध्यक्ष, ने 31 अगस्त 2024 को दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। उनका तर्क? टीम के सर्वोत्तम हित में फैसला लेना, चाहे वह आज हो या छह महीने बाद।

पृष्ठभूमि: क्यों 2027 विश्व कप इतना महत्वपूर्ण है?

2027 का ICC क्रिकेट विश्व कपभारत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि भारत के लिए घरेलू क्रिकेट की धुरी को फिर से निर्धारित करने वाला मील का पत्थर है। पिछले दो दशक में भारत ने 1996, 2011 और 2023 में जीत दर्ज की, जिससे हर बार टेबल पर जनता का उत्साह दो‑तीन गुना बढ़ जाता है। इस दिशा‑निर्देश के तहत BCCI ने 2025‑2026 में एक दीर्घकालिक ब्लूप्रिंट तैयार किया, जिसमें शुबमन गिल को अगली वन‑डे टीम का कप्तान बनाने की सिफारिश भी शामिल है।

विस्तृत विकास: निर्णय के पीछे का तर्क

अगरकर ने कहा, “हम अभी इस फॉर्मेट में खे‍ले जा रहे हैं, लेकिन 2027 तक का रास्ता अभी तय नहीं हुआ। एक टीम के रूप में हमें देखना है कि कौन‑से खिलाड़ी फॉर्म‑लेवल पर सबसे फिट हैं।” उन्होंने तीन प्रमुख बिंदु बताए:

  1. रोहित शर्मा ने 2025 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीत कर कप्तानी में अपनी काबिलियत साबित की, परंतु उनका वन‑डे मैचों में अभ्यास अब तक सीमित रहा है।
  2. विराट कोहली, जो अब 36 वर्ष के हैं, अभी भी फिटनेस चार्ट‑टॉप पर हैं, लेकिन उन्होंने टेस्ट और T20I दोनों फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है, जिससे उनका प्रतिस्पर्धी इंटेंसिटी घट सकता है।
  3. भविष्य की योजना में शुबमन गिल को 2026‑2027 में स्थायी वन‑डे कप्तान बनाने की सोच है, ताकि टीम में युवा ऊर्जा बनी रहे।

एक और मोड़ तब आया जब इरफ़ान पठान, पहले भारतीय तेज़ गेंदबाज, ने कहा कि “रोहित और विराट को अगर फिटनेस बनाए रखना है तो उन्हें घरेलू लीग में लगातार खेलने की जरूरत है।” उनका यह सुझाव BCCI के ‘स्थानीय प्रैक्टिस अनिवार्य’ नियम से मेल खाता है, जो इस साल से सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर लागू हो गया।

पक्षों की प्रतिक्रियाएँ: खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों की आवाज़

रोहित ने संभावित “कप बदलवाने” के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की, परंतु उन्होंने पिछले दिन अपनी फिटनेस रिपोर्ट साझा की, जिसमें उन्होंने 12 किमी दौड़ को 48 मिनट में पूरा किया। वहीं विराट, जो अब एक “फिटनेस आइकन” के रूप में देखे जाते हैं, ने कहा, “अगर चयनकर्ता मेरे पास आते हैं, तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूँगा। लेकिन फिर भी, क्रिकेट के बाहर का जीवन भी महत्त्वपूर्ण है।”

कोच रवींद्र जैन ने कहा, “गिल के नेतृत्व में टीम का नया चेहरा बन रहा है, पर रोहित और विराट की उपस्थिति अभी भी टीम की मानसिक शक्ति को बढ़ाती है।” प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर “कोहली‑शर्मा 2027 में फिर से साथ!” जैसे हैशटैग ट्रेंड कराए, जबकि कुछ ने “स्थानीय मैचों में खेलो, तभी विश्व कप में जगह मिलेगी” की माँग की।

प्रभाव विश्लेषण: भारतीय क्रिकेट पर संभावित असर

ज्यादा से ज्यादा विश्लेषकों का कहना है कि अगर दो दिग्गज खिलाड़ी 2027 में नहीं आए, तो भारत की वन‑डे लाइन‑अप में एक बड़ा गैप बन सकता है। वर्तमान में भारत के पास शीर्ष पाँच ओपनर और मध्यक्रम के बल्लेबाजों में से केवल शुबमन गिल, शिखर धवन और इंडरभाई कूलर शामिल हैं। बिना रोहित और विराट के, उत्तराधिकार की प्रक्रिया तेज़ी से चलनी पड़ेगी।

दूसरा असर यह है कि घरेलू लीग – जैसे आईपीएल का “ओपनिंग सत्र” – में इन दोनों की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे युवा खिलाड़ियों को सीखने का मंच मिलेगा। अगर BCCI ने वास्तव में “घर‑कृत्रिम अभ्यास” नीति लागू की, तो घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता में सुधार की संभावनाएँ बढ़ेंगी।

आगे का रास्ता: क्या फिर भी 2027 विश्व कप में मौका बचा?

आगे का रास्ता: क्या फिर भी 2027 विश्व कप में मौका बचा?

अगरकर ने स्पष्ट किया कि “एक बार चयन प्रक्रिया में बाहर हो जाएँ, तो वापसी के द्वार बंद नहीं होते।” उन्होंने 2026 में होने वाले चार्टर टूर्नामेंट को “फिटनेस शोकेस” बताया, जहाँ रोहित और विराट को अपने आप को साबित करना पड़ेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि दोनों खिलाड़ी 2025‑2026 में कम से कम 15 घरेलू वन‑डे मैच खेलते हैं, तो उनके चयन की संभावना 70 % से ऊपर पहुँच सकती है।

साथ ही, बीसीसीआई ने यह भी कहा कि “भविष्य में कोई भी खिलाड़ी को फॉर्म, फिटनेस और टीम के समग्र हित के आधार पर चुनेंगे, जन्म या नाम नहीं।” यह बात शुबमन गिल के समर्थन में भी उभर कर आई, क्योंकि वह खुद एक युवा खिलाड़ी है और वह “देश के लिए जीत की जिम्मेदारी” को गंभीरता से लेता है।

इतिहासिक पृष्ठभूमि: दिग्गजों की पूर्वी जीतें

रोहित शर्मा ने 2019 में 150‑रन की सुपरक्लास दिखाते हुए भारत को 10‑विक्टोरियों की लकीर पर ले गए थे। 2025 के ICC चैंपियंस ट्रॉफी में उनका 210‑रन का फॉर्म उल्लेखनीय था, जिसने उन्हें “क्लिच‑क्लेयर” के रूप में स्थापित किया। विराट कोहली ने 2011 में 133* रन से लकीर तोड़ी, और 2018 में 125‑रन की पिनफॉल के साथ विश्व रैंकिंग में प्रथम स्थान को दो‑बार हासिल किया। ये आँकड़े दिखाते हैं कि दोनों के पास “बिग मोमेंट” बनाने की क्षमता है, जिसे BCCI अभी भी महत्व देता है।

  • मुख्य तथ्य
    • रोहित शर्मा और विराट कोहली को 2027 विश्व कप में खेलने की कोई गारंटी नहीं मिली।
    • अजीत अगरकर ने कहा कि टीम को सबसे फिट खिलाड़ी चाहिए, चाहे वह मौजूदा या युवा हो।
    • इरफ़ान पठान ने घरेलू क्रिकेट में नियमित भागीदारी की सलाह दी।
    • शुबमन गिल को अगले चरण में वन‑डे कप्तान बनाने की संभावना है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रोहित शर्मा को 2027 विश्व कप में क्यों नहीं चुना जा सकता?

रोहित केवल वन‑डे फॉर्मेट में खेलते हैं और उनके पास इस फ़ॉर्मेट में निरंतर मैच प्रैक्टिस नहीं है। BCCI ने कहा है कि फिटनेस और घरेलू खेलने की निरंतरता को प्राथमिकता दी जाएगी, इसलिए यदि वह नियमित रूप से घरेलू वन‑डे मैच नहीं खेलते, तो चयन कम होगा।

विराट कोहली की उम्र 2027 में क्या भूमिका खेलेगी?

विराट 36 साल के हो जाएंगे, पर उनका फिटनेस रिकॉर्ड अभी भी बेहतरीन है। हालांकि, उम्र के साथ रिटर्न‑ऑन‑इंवेस्टमेंट को देखते हुए चयनकर्ता युवा प्रतिभा को मौका देना चाहेंगे, इसलिए उनका चयन टीम की वर्तमान रणनीति पर निर्भर करेगा।

शुबमन गिल को नई कप्तानी से क्या फायदा होगा?

गिल को 23 साल की उम्र में कप्तान बनाकर BCCI युवा ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहता है। इससे न केवल टीम में नवाचार आएगा, बल्कि दिग्गजों के बिना भी टॉप‑लेवल प्रदर्शन सम्भव हो सकेगा।

अगरकर की दीर्घकालिक योजना में घरेलू क्रिकेट का क्या महत्व है?

अगरकर ने कहा कि “हमें टीम को लगातार प्रतिस्पर्धी रखना है, इसलिए सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को कम से कम दो घरेलू सीजन खेलने होंगे।” यह नीति 2026‑2027 में विश्व कप के लिए तैयारियों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से है।

भारतीय क्रिकेट के भविष्य में कौन से युवा खिलाड़ी उभर कर सामने आएंगे?

शुबमन गिल, शिखर धवन, और जल्द ही उभरे हुए तेज़ गेंदबाज़ आकाश पटेल को अगली पीढ़ी के मुख्य खिलाड़ियों के रूप में देखा जा रहा है। यदि गिल नई कप्तानी संभालते हैं, तो इन युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।

1 टिप्पणियाँ

  • Rajnish Swaroop Azad
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Rajnish Swaroop Azad
    03:31 पूर्वाह्न 10/ 7/2025

    खेल की सियासत में यह फैसला एक नया मोड़ है जहाँ अभ्यास या उम्र नहीं बल्कि निरंतरता को प्राथमिकता दी जा रही है। रोहित व कोहली का भविष्य अब धुंधला नहीं बल्कि खुली किताब जैसा है। यह बोर्ड की मजबूरी है या नवाचार, यही सवाल अब हर इकाई के दिमाग में है।

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