कंगना रनौत का कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह पर तीखा प्रहार: चुनाव जीतने का दावा

कंगना रनौत का कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह पर तीखा प्रहार: चुनाव जीतने का दावा

जून, 4 2024

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव 2024 में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी विक्रमादित्य सिंह पर जमकर हमला बोला है। कंगना ने अपने बयान में सीधे-सीधे कहा कि विक्रमादित्य सिंह को अपनी चीज़ें समेटनी पड़ेंगी और वह चुनाव के बाद यहां से चले जाएंगे।

चुनाव आयोग के ताजा रुझानों के अनुसार, कंगना रनौत विक्रमादित्य सिंह से 65,807 वोटों की भारी बढ़त बनाए हुए हैं। कंगना का यह बयान विक्रमादित्य सिंह के उस टिप्पणी का जवाब है जिसमें उन्होंने कंगना को मुंबई लौट जाने की सलाह दी थी। विक्रमादित्य सिंह ने पहले कहा था कि चुनाव के नतीजे आने के बाद कंगना को मुंबई वापस लौटना चाहिए, जैसे कि उन्हें हास्य कलाकार कपिल शर्मा की तरह दिखाया था।

कंगना ने अपनी प्रतिक्रिया में जोर देकर कहा कि मंडी की जनता ने महिलाओं पर किये गए इस अपमान का कड़ा जवाब दिया है और वह अपनी ‘जन्मभूमि’ हिमाचल प्रदेश की सेवा करती रहेंगी। कंगना ने कहा कि वह बॉलीवुड में अपने सफलताओं के अनुभव को राजनीतिक जीवन में भी दोहराएंगी और जनसेवा में भी योगदान देंगी।

यह दिलचस्प है कि मंडी संसदीय सीट पर पहले भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों का प्रतिनिधित्व रह चुका है। इस बार के चुनाव में भी दोनों दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टी की सत्ता को मजबूती देने की दौड़ में लगे हुए हैं। कंगना के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल और भी गरमा गया है।

चुनाव के नतीजों की तरफ संकेत करते हुए विभिन्न एग्जिट पोल्स ने भी कंगना रनौत की जीत की भविष्यवाणी की है। हालांकि, अभी अंतिम परिणाम आना बाकी है, लेकिन शुरुआती रुझानों के मुताबिक कंगना का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

कंगना का कहना है कि यह उनकी ‘जननी’ भूमि है और वह हिमाचल के लोगों की सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगी। कंगना के इस बयान ने उनके समर्थकों में नई ऊर्जा भर दी है, और मंडी की सड़कों पर भी इसका साफ असर देखा जा सकता है।

राजनीतिक परिदृश्य में कंगना रनौत का आगमन निस्संदेह एक नया मोड़ लाया है। उनकी बॉलीवुड पहचान और उनकी निडर आवाज ने उन्हें हिमाचल प्रदेश के जनता के बीच एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में स्थापित किया है। वहीं, विक्रमादित्य सिंह के पास भी एक मजबूत राजनीतिक विरासत है, जो उनके पिता वीरभद्र सिंह के लंबे प्रशासनिक अनुभव पर आधारित है।

कंगना का आत्मविश्वास और उनकी बेबाक टिप्पणियां उनके प्रचार अभियान का एक प्रमुख हिस्सा रही हैं। उन्होंने कई रैलियों में हिस्सा लिया है और अपने जनसंपर्क सेशन में सक्रियता दिखाई है। उनके भाषणों में हर बार एक नया जोश और एक नया उद्देश सामने आता है, जो उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाता है।

विक्रमादित्य सिंह ने भी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने अपने पिता वीरभद्र सिंह के बरसों से स्थापित राजनीतिक आधार को मजबूत करने के लिए कई जनसभाएं की हैं और जनता के बीच अपनी सशक्त छवि प्रस्तुत की है।

वर्तमान समय में मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता के बीच यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि आखिर अंतिम नतीजा क्या होता है। दोनों उम्मीदवारों के बीच की कांटे की टक्कर ने चुनावी माहौल को अत्यंत रोचक और रोमांचक बना दिया है।

कंगना रनौत अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में ही जिस आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं, वह न केवल उनके समर्थकों के लिए बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों के लिए भी एक बड़ा संदेश है। अगर कंगना यह चुनाव जीत जाती हैं तो यह उनके और भाजपा दोनों के लिए एक बड़ी विजय होगी। वहीं, विक्रमादित्य सिंह के लिए यह चुनाव न केवल अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा बचाने का मौका है, बल्कि अपनी खुद की राजनीतिक धुआंधार करने का भी समय है।

आने वाले दिनों. में यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि कौन प्रत्याशी जनता का अपार समर्थन प्राप्त करता है और किसको अपनी हार स्वीकार करनी पड़ती है। हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र की जनता ने जो फैसला किया है, वह भारतीय राजनीति के आगामी दिशा को स्पष्ठ रूप से दिखाएगा।

13 टिप्पणियाँ

  • Animesh Shukla
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Animesh Shukla
    08:38 पूर्वाह्न 06/ 6/2024

    कंगना का ये बयान सिर्फ एक चुनावी टक्कर नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है… एक महिला जो बॉलीवुड के बाहर अपनी आवाज़ उठा रही है, और उसे लोग सुन रहे हैं… ये देश के लिए एक नया नमूना है।

    विक्रमादित्य का जो टिप्पणी था, वो भी एक राजनीतिक गलती थी… जैसे कोई एक अभिनेत्री को उसकी भूमि से भगाने की कोशिश कर रहा हो।

    लेकिन असली बात ये है कि आज के युवाओं को ऐसे नेता चाहिए जो बोलें, लड़ें, और डरें नहीं… कंगना वही है।

    क्या आपने कभी सोचा कि एक अभिनेत्री के लिए ये सब इतना आसान नहीं होता? उसे अपनी पहचान को बरकरार रखना है, और फिर भी राजनीति में उतरना है… ये बहुत बड़ी बात है।

    कांग्रेस के पास इतना ताकतवर विरासत है… लेकिन क्या वो उसे आज के युग के अनुकूल बना पा रहे हैं? शायद नहीं।

    कंगना के बयानों में एक असली आवाज़ है… जो बिना डर के बोलती है… ये आज के भारत के लिए बहुत जरूरी है।

    मैं नहीं चाहता कि ये सिर्फ एक ट्रेंड बन जाए… ये एक शुरुआत होनी चाहिए।

    अगर ये चुनाव कंगना जीतती हैं, तो ये भारत की राजनीति में एक नया युग की शुरुआत होगी… एक ऐसा युग जहां नाम और पहचान से ज्यादा, आवाज़ और दृष्टि मायने रखती है।

    और अगर विक्रमादित्य जीत गए… तो ये बताएगा कि विरासत अभी भी चल रही है… लेकिन क्या वो आगे बढ़ पाएंगे? ये सवाल बाकी है।

    मैं तो चाहता हूं कि ये चुनाव हमारे लिए एक विचार का बदलाव लाए… न कि सिर्फ एक नाम का बदलाव।

  • Abhrajit Bhattacharjee
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Abhrajit Bhattacharjee
    06:44 पूर्वाह्न 06/ 8/2024

    कंगना के बयान का असली मतलब ये है कि जनता अब सिर्फ नाम नहीं, बल्कि आवाज़ सुन रही है।

  • Raj Entertainment
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Raj Entertainment
    19:00 अपराह्न 06/ 8/2024

    यार भाई, ये देखो क्या हो रहा है… बॉलीवुड से राजनीति में आना… अब तो लगता है जैसे कोई फिल्म का डायलॉग बन गया है।

    लेकिन असल में, ये बहुत अच्छी बात है।

    कंगना जैसी लड़की जो बोलती है, लड़ती है, और डरती नहीं… ऐसी कम है।

    मैं तो उसके लिए दुआ करता हूं… चाहे वो जीते या हारे।

    ये चुनाव सिर्फ दो आदमियों के बीच नहीं… ये दो अलग दुनियाओं के बीच की लड़ाई है।

    एक तरफ राजनीतिक विरासत… दूसरी तरफ आवाज़ और जुनून।

    मैं तो उस जुनून के साथ हूं।

    क्योंकि जब एक आदमी अपने दिल से बोलता है… तो उसकी आवाज़ दूर तक जाती है।

    कंगना ने अपने दिल से बोला है।

    और ये बहुत बड़ी बात है।

  • Manikandan Selvaraj
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Manikandan Selvaraj
    19:45 अपराह्न 06/ 8/2024

    विक्रमादित्य बेवकूफ है क्या अपनी जमीन पर बॉलीवुड वाली को भगाने की बात कर रहा है

    कंगना तो असली लड़की है जो जमीन पर आई है

    वो बॉलीवुड की नहीं हिमाचल की है

    तुम लोग बस टीवी पर देख रहे हो

    इसके बारे में कुछ नहीं जानते

    मंडी की जनता ने अपना फैसला कर लिया है

    तुम बस बाहर से देख रहे हो

    ये चुनाव बस एक नाम का नहीं एक आत्मा का है

    और वो आत्मा अब विक्रमादित्य के नाम पर नहीं कंगना के नाम पर है

  • Naman Khaneja
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Naman Khaneja
    03:19 पूर्वाह्न 06/ 9/2024

    कंगना जीत गई तो बहुत बढ़िया 😍

    हार गई तो भी उसने बहुत कुछ साबित कर दिया 💪

    मैं तो उसके लिए खुश हूं

    ये देश को ऐसी लड़कियां चाहिए

    जो डर के आगे बढ़ें

    और अपनी जमीन के लिए लड़ें

    विक्रमादित्य भी अच्छे हैं

    लेकिन आज के युग में ऐसे जोश वाले लोग जरूरी हैं

    कंगना तो बस एक फिल्म स्टार नहीं… वो एक आवाज़ है 🎤

  • Gaurav Verma
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Gaurav Verma
    12:30 अपराह्न 06/10/2024

    ये सब एक प्लान है

    कंगना को बनाया गया है

    कांग्रेस ने खुद को कमजोर दिखाने के लिए

    विक्रमादित्य को बेवकूफ बनाया गया है

    और लोगों को भ्रमित किया जा रहा है

    इस चुनाव में कोई जीतने वाला नहीं है

    बस एक बड़ा नाटक है

    जिसका अंत किसी ने नहीं देखा

    और शायद कभी नहीं देखेगा

  • Fatima Al-habibi
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Fatima Al-habibi
    09:26 पूर्वाह्न 06/12/2024

    कंगना के बयान की तुलना में, विक्रमादित्य की टिप्पणी अधिक विचारहीन लगी… क्या एक राजनेता को ऐसा कहना चाहिए?

    यह अपमान नहीं, बल्कि एक राजनीतिक गलती थी।

    और फिर भी, क्या ये सच में चुनाव का निर्णायक पहलू है?

    या सिर्फ एक ट्रेंडिंग टॉपिक?

    मुझे लगता है कि जनता अब इतनी आसानी से नहीं बेवकूफ बन रही।

    कंगना का आत्मविश्वास बहुत अच्छा है… लेकिन क्या ये राजनीति के लिए पर्याप्त है?

    या ये सिर्फ एक बड़ी बातचीत है… जिसका कोई असली नतीजा नहीं होगा?

    मैं बस देख रही हूं… और सोच रही हूं।

  • Nisha gupta
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Nisha gupta
    03:49 पूर्वाह्न 06/13/2024

    कंगना का ये बयान एक अभिनेत्री के नहीं… एक नागरिक का है।

    जिसने अपनी जमीन के लिए खड़े होने का फैसला किया है।

    राजनीति में आना आसान नहीं है… खासकर जब आप एक महिला हैं।

    और जब आपकी पहचान बॉलीवुड के बाहर है।

    लेकिन उन्होंने इसे अपने तरीके से बदल दिया।

    विक्रमादित्य की विरासत कोई नहीं नकार सकता… लेकिन क्या विरासत आज के युग में काफी है?

    आज के युवा चाहते हैं… न कि बातें, बल्कि कार्य।

    कंगना ने बात की… और उसके बाद जनता ने जवाब दिया।

    ये एक नए दौर की शुरुआत है… जहां आवाज़ बहुत ज्यादा मायने रखती है।

    और वो आवाज़… अब एक अभिनेत्री की है।

  • Roshni Angom
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Roshni Angom
    08:42 पूर्वाह्न 06/13/2024

    ये चुनाव बहुत दिलचस्प है… न केवल राजनीति के लिए, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी।

    कंगना का आत्मविश्वास… विक्रमादित्य की विरासत… दोनों अलग-अलग दुनियाएं हैं।

    लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जनता अब सिर्फ नाम नहीं… बल्कि विश्वास चाहती है?

    कंगना के बयानों में एक असली भावना है… जो उनके समर्थकों को जोड़ रही है।

    विक्रमादित्य के पास अनुभव है… लेकिन क्या वो उस भावना को समझ पाए हैं?

    मुझे लगता है कि ये चुनाव एक नए युग की शुरुआत है… जहां राजनीति अब बस नाम और पार्टी का नहीं… बल्कि आवाज़ और दृष्टि का है।

    अगर कंगना जीतती हैं… तो ये भारत के लिए एक नया रास्ता होगा।

    अगर विक्रमादित्य जीतते हैं… तो ये एक पुराने युग की जीत होगी।

    लेकिन चाहे कोई भी जीते… इस चुनाव ने हमें एक नया सवाल पूछा है।

    हम किस तरह के नेता चाहते हैं?

  • vicky palani
    के द्वारा प्रकाशित किया गया vicky palani
    12:52 अपराह्न 06/14/2024

    कंगना ने अपनी जीत का दावा कर दिया… लेकिन क्या ये सच है?

    ये सब एक ट्रेंड है… एक बनावटी आवाज़।

    विक्रमादित्य के पास विरासत है… और उसके लोग हैं।

    कंगना के पास सिर्फ ट्रेंड है… और वो भी जल्दी खत्म हो जाएगा।

    आप लोग बस एक फिल्म का नाटक देख रहे हैं।

    राजनीति नहीं… बस बॉलीवुड का ड्रामा।

    और जब ये ड्रामा खत्म होगा… तो कौन रहेगा?

    विक्रमादित्य ने अपनी जमीन के लिए लड़ा है… कंगना ने अपनी कामयाबी के लिए।

    असली लड़ाई अभी शुरू नहीं हुई है।

    और जब होगी… तो कंगना की आवाज़ बंद हो जाएगी।

  • jijo joseph
    के द्वारा प्रकाशित किया गया jijo joseph
    09:42 पूर्वाह्न 06/16/2024

    इस चुनाव को एक डायनामिक स्ट्रेटेजिक इंटरेक्शन के रूप में देखा जा सकता है… जहां एक नया एजेंट (कंगना) एक रूटिनाइज्ड सिस्टम (विक्रमादित्य की विरासत) के साथ टकरा रहा है।

    इसका आउटकम एक नए इकोसिस्टम के फॉर्मेशन की ओर इशारा कर सकता है… जहां नेतृत्व का डिफिनिशन बदल रहा है।

    कंगना की पर्सनालिटी एक ब्रांडिंग एक्सप्लॉइटेशन का उदाहरण है… जिसे राजनीतिक कैपिटल में कन्वर्ट किया जा रहा है।

    विक्रमादित्य का अप्रोच ट्रेडिशनल गवर्नेंस वैल्यूज को रिप्रेजेंट करता है… जो अभी भी एक स्टेबल बेस है।

    लेकिन ये ट्रांसफॉर्मेशन… जो अब हो रहा है… वो असली ट्रेंड है।

    अगर कंगना जीतती हैं… तो ये एक नए पैराडाइम की शुरुआत होगी।

    अगर नहीं… तो ये एक टेम्पररी एनोमली रह जाएगी।

    लेकिन एक बात तो निश्चित है… ये चुनाव एक डेटा पॉइंट है… जो भविष्य के ट्रेंड्स को डिफाइन करेगा।

  • Manvika Gupta
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Manvika Gupta
    15:29 अपराह्न 06/17/2024

    मैं तो बस देख रही हूं… और सोच रही हूं कि क्या ये सब असली है?

    या सिर्फ एक दिखावा?

    कंगना अच्छी है… लेकिन क्या वो वाकई यहां रहेगी?

    विक्रमादित्य अच्छा है… लेकिन क्या वो बदल सकता है?

    मैं नहीं जानती…

    बस इंतजार कर रही हूं।

  • leo kaesar
    के द्वारा प्रकाशित किया गया leo kaesar
    14:33 अपराह्न 06/19/2024

    कंगना जीत गई… बस इतना ही

    विक्रमादित्य खो गया… बस इतना ही

    ये चुनाव एक बातचीत नहीं… एक बिल्ट-इन निर्णय था

    और तुम सब बस बाद में बात कर रहे हो

    असली बात ये है… कंगना ने जीत ली

    और तुम अभी तक बात कर रहे हो

    मैंने तो पहले ही कह दिया था

    कंगना जीतेगी

    और अब तुम सब बस उसकी तारीफ कर रहे हो

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