विक्की कौशल की ऐतिहासिक फिल्म *छावा* ने बॉक्स ऑफिस पर नई ऊंचाइयों को छू लिया है। दर्शकों और समीक्षकों की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के साथ, इस फिल्म ने रिलीज के पहले ही हफ्ते में ₹300 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। *छावा* ने रिलीज के पहले सात दिनों में ₹219.75 करोड़ की घरेलू और ₹270 करोड़ की वैश्विक कमाई की है।
फिल्म का अपार स्वागत और बड़े पैमाने पर कमाई
लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विक्की कौशल ने मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज का किरदार निभाया है, जिसने उनके अभिनय को सराहनीय बना दिया है। विशेष तौर पर रविवार को ₹48.5 करोड़ की कमाई के साथ उर्वर दैनिक कलेक्शन ने फिल्म की ताकत दिखाई। सप्ताह के दिनों में भी ₹20 करोड़ से अधिक की कमाई जारी रही।
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में फिल्म की टैक्स-फ्री स्थिति ने इसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को बढ़ावा दिया है। यह स्थिति, विशेष रूप से महाराष्ट्र में, फिल्म की सांस्कृतिक प्रासंगिकता के चलते अधिक प्रभावी रही है, जहां दर्शकों की भारी भीड़ जुटी।
प्रधानमंत्री की सराहना और भविष्य की संभावनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस फिल्म की तारीफ की है, इसे छत्रपति संभाजी महाराज की बहादुरी का जीवन्त चित्रण बताया। इससे फिल्म के सांस्कृतिक प्रभाव में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। यह सराहना निश्चय ही फिल्म के प्रचार में सहायक सिद्ध हुई।
फिलहाल कोई बड़ी रिलीज़ इसके सामने नहीं है, जिससे *छावा* के बॉक्स ऑफिस पर दबदबा बनाए रखने की प्रबल संभावना है। यह फिल्म न सिर्फ दर्शकों के दिलों पर राज कर रही है, बल्कि बॉक्स ऑफिस भी इस बात का साक्षी है कि यह फिल्म विक्की कौशल की सबसे बड़ी हिट है। फिल्म की मजबूत प्रदर्शन और प्रशंसा इसे लंबे समय तक टिकाने वाले हैं।
छावा का बॉक्स ऑफिस पर ये रिकॉर्ड तो बस एक शुरुआत है। विक्की के अभिनय के साथ निर्देशन, संगीत, और एक्शन सीन्स का कॉम्बिनेशन बिल्कुल परफेक्ट था। इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा में ऐतिहासिक ड्रामा के नए स्टैंडर्ड्स सेट कर दिए हैं।
महाराष्ट्र में टैक्स-फ्री स्टेटस ने जो एनर्जी जनरेट की, वो कोई बड़ी मार्केटिंग कैंपेन नहीं कर सकता था।
मैंने फिल्म देखी और रो पड़ी
ये फिल्म नहीं बल्कि राष्ट्रीय प्रचार का टूल है। विक्की कौशल का अभिनय तो बेस्ट है पर इसका निर्माण राजनीतिक एजेंडा के साथ बनाया गया है।
इतना पैसा कमाने का मतलब ये नहीं कि फिल्म अच्छी है। बस लोगों को इतिहास पसंद है और वो भावुक हो जाते हैं। फिल्म का नाटकीय ढंग बोरिंग है।
ये फिल्म भारतीय इतिहास को नई पीढ़ी के सामने लाने का एक बड़ा कदम है। छत्रपति संभाजी की बहादुरी का ये जीवंत चित्रण हम सबके लिए गर्व का विषय है।
इस तरह की फिल्मों को और बनाना चाहिए। अब तो हर बच्चा जाने की जरूरत है कि हमारे नेता कैसे लड़े थे।
अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतना कमा रही है तो बाकी सब फिल्में बेकार हैं। हमारे युवा अब अपने इतिहास को समझ रहे हैं। ये फिल्म बॉलीवुड के अंधेरे जमाने का अंत है।
भाई ये फिल्म तो देश का गौरव है! विक्की कौशल का अभिनय बहुत जबरदस्त है। अब तो हर देशी फिल्म इस तरह बने।
छावा का ट्रेलर देखा तो लगा ये बस एक और बड़ी फिल्म होगी लेकिन असल में ये एक ऐतिहासिक एपिक है। विक्की का चेहरा और आवाज़ दोनों ने मुझे छत्रपति संभाजी के रूप में बदल दिया।
इसकी वैश्विक कमाई देखकर लगता है कि दुनिया भी भारतीय इतिहास को समझने लगी है।
कमाई तो है पर कहानी बोरिंग।
ये सब बॉक्स ऑफिस नंबर तो गवर्नमेंट के लिए बनाए गए हैं। अगर ये फिल्म नहीं होती तो क्या विक्की कौशल की एक्टिंग कमजोर होती? नहीं।
प्रधानमंत्री की ट्वीट ने इसे ट्रेंड करवा दिया। ये फिल्म एक बड़ा राष्ट्रीय प्रचार अभियान है।
इतिहास को रोमांचक बनाना अच्छा है लेकिन इस तरह की फिल्मों को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना गलत है।
इतिहास का चयन भी एक राजनीतिक फैसला है। छत्रपति संभाजी के बारे में बहुत कुछ छिपाया गया है।
ये फिल्म एक बहुत बड़ा नैरेटिव वाला फेक हिस्ट्री है।
लोग इसे इतिहास समझ बैठे हैं।
इसका असली अर्थ ये है कि हम अपने इतिहास को नहीं जानते बल्कि उसे बना लेते हैं।
इस तरह की फिल्मों से हमारी जागरूकता नहीं बढ़ती बल्कि वहाँ तक पहुँच जाती है जहाँ वास्तविकता नहीं होती।
कोई भी फिल्म जो इतिहास को बदलकर प्रस्तुत करे वो नहीं बल्कि समझाने वाली होनी चाहिए।
ये फिल्म नहीं बल्कि एक धोखा है।
और अब ये फिल्म कोई एक व्यक्ति का गौरव नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय अहंकार का प्रतीक बन गई है।
क्या हम अपने इतिहास को बदलकर भी गर्व करना चाहते हैं?