जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग: उमर अब्दुल्ला का आह्वान

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग: उमर अब्दुल्ला का आह्वान

अक्तू॰, 11 2024

उमर अब्दुल्ला की अपील: राज्य का दर्जा बहाली का प्रस्ताव पास हो

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर के नए सरकार से राज्य के दर्जा बहाली के लिए प्रस्ताव पास करने की अपील की है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि राज्य के नए मंत्रिमंडल को इस प्रस्ताव को पास करना चाहिए और उसके बाद मुख्यमंत्री को दिल्ली में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलकर राज्य के दर्जा की बहाली के लिए दबाव बनाना चाहिए। यह बयान एक तरफ जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण है, वहीं यह अलगाववादी तत्वों के लिए चिंता का विषय भी बना हुआ है।

धारा 370 की बहाली की मुद्दे पर अब्दुल्ला का रुख

अब्दुल्ला ने कहा कि धारा 370 की बहाली के लिए जिन लोगों ने इसे हटाया, उनसे उम्मीद करना मूर्खता होगी। लेकिन उन्होंने यह भी वादा किया कि वे इस मुद्दे को जिंदा रखेंगे और इसे कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि जब भी केंद्र में सरकार बदलती है, तो वे इस मुद्दे को फिर से उठाएंगे। उनका मानना है कि यह राज्य के नागरिकों की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा मुद्दा है, जिसे सांकेतिक नहीं बल्कि व्यवहारिक दृष्टिकोण से हल किया जाना चाहिए।

जम्मू और कश्मीर के लोगों की भागीदारी

अब्दुल्ला ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू के लोगों को भी अधिकार का अहसास दिलाया जाना चाहिए, क्योंकि कश्मीर और जम्मू के बीच एक तीव्र विभाजन है। यह बात अभी की स्थिति में अधिक महत्वपूर्ण बन जाती है क्योंकि राज्य के नए नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी क्षेत्रों के लोग नई व्यवस्था में शामिल महसूस करें और उनके साथ न्याय किया जाए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की सफलता

हाल ही में हुए जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने बहुमत हासिल किया है। इस 90 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन को 48 सीटें मिलीं। अब्दुल्ला ने इन चुनाव परिणामों के लिए मतदाताओं का धन्यवाद अर्पित किया है। उन्होंने मतदान को लोकतंत्र की परिपक्वता की निशानी मानते हुए कहा कि विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां स्वतंत्र प्रत्याशियों और छोटे दलों के माध्यम से विभाजन की कोशिश की गई, मतदाताओं की सोच और समझ का प्रमाण है।

जम्मू-कश्मीर की नई सरकार की चुनौतियां

उमर अब्दुल्ला ने एक नई सरकार की जिम्मेदारियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्य के लोगों के हितों की रक्षा करना अब उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार के साथ संबंधों को सुधारने की आवश्यकता है ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों के समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जम्मू को सही प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए विधान परिषद की बहाली पर भी विचार किया जाना चाहिए।

2019 के बदलावों का खंडन

इन चुनाव परिणामों को 5 अगस्त, 2019 को किये गए बदलावों के खंडन के रूप में देखा जा रहा है। कश्मीर घाटी के लोगों ने भारी संख्या में नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया, जिसने राज्य के दर्जा और संविधान के अनुच्छेद 35ए और 370 की बहाली का वादा किया है। इस चुनाव परिणाम ने सरकार को यह संदेश दिया है कि कश्मीर के लोग अपनी पहचान और अधिकारों को पुनः प्राप्त करना चाहते हैं। यह चुनाव प्रदेश में एक नई राजनीतिक दिशा देने में मदद करेगा।

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