CBDT ने आयकर वर्ष 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15‑16 सितंबर तय की। फॉर्म में बड़े बदलाव और सिस्टम अपडेट की वजह से समय नहीं मिल पाया था। अब 6 करोड़ से अधिक रिटर्न पहले ही दाखिल हो चुके हैं। देर से दाखिला करने पर 1 000‑5 000 रुपये का जुर्माना और कुछ टैक्स लाभ खोने का जोखिम है। 31 दिसंबर तक बिलोरेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन दंड लागू रहेगा।
देर से दाखिला दंड – जब देर हो तो क्या होता है?
जब आप देर से दाखिला दंड, वह अतिरिक्त शुल्क है जो शैक्षणिक संस्थानों द्वारा तब लगाया जाता है जब छात्र नियत समय के बाद प्रवेश लेता है. Also known as लैटेंट फीस, it छात्र को समय पर दाखिला करवाने और संस्थान की प्रशासनिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए प्रेरित करता है. इस दंड का मुख्य उद्देश्य देर से दाखिला दंड को समझना और उसकी बचत के उपायों को जानना है।
दाखिला प्रक्रिया शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज, विश्वविद्यालय या स्कूल होते हैं जहाँ छात्र प्रवेश पाते हैं के नियमों से जुड़ी होती है। अधिकांश संस्थान एक निर्धारित समय सीमा तय करते हैं, जैसे कि जुलाई-ऑगस्ट का शैक्षणिक साल। यदि आप इस विंडो के बाहर दाखिला लेते हैं, तो वित्तीय दंड, एक अतिरिक्त भुगतान जो विलंबित दाखिला के कारण होता है लागू हो जाता है। यह दंड अक्सर मूल ट्यूशन फीस से 10‑15% अधिक होता है, जिससे छात्रों के बजट पर असर पड़ सकता है।
कब और क्यों लगता है यह दंड?
सामान्यतः दो स्थितियों में देर से दाखिला दंड लागू होता है: 1) जब छात्र अपनी सीट तुरंत नहीं ले पाता क्योंकि दस्तावेज़ी प्रक्रिया या वित्तीय समस्याएँ होती हैं; 2) जब संस्थान में सीटों की कमी होती है और अतिरिक्त वर्गों के लिए अतिरिक्त संसाधन चाहिए होते हैं। दोनों ही मामलों में, दंड छात्रों को जल्दी निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है और संस्थान को अनिच्छित लागतों से बचाता है। इस प्रकार, छात्र सहायता, छात्रवृत्ति, लोन और आर्थिक सलाह जैसी सेवाएं भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि यह विकल्प दंड को कम या घटा सकते हैं।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि देर से दाखिला दंड का सटीक मूल्यांकन संस्थान के नियमों पर निर्भर करता है। कुछ संस्थान यह दंड केवल मस्कूल फीस पर लागू करते हैं, जबकि कुछ पूरे ट्यूशन पैकेज पर। इसलिए, प्रवेश के पहले नियम पुस्तिका या ऑनलाइन पोर्टल को अच्छी तरह पढ़ना जरूरी है। यही कारण है कि हम इस पेज पर विभिन्न लेखों को इकट्ठा किए हैं – ताकि आप विभिन्न संस्थानों के दंड संरचनाओं को तुलना कर सकें, बचत की रणनीतियों को समझ सकें और सही समय पर दाखिला ले सकें।
नीचे दिए गए लेखों में आप पाएंगे: देर से दाखिला दंड की वास्तविक रकम, सरकारी और निजी संस्थानों में अंतर, वित्तीय सहायता के विकल्प, और देर होने पर भी कैसे अपने शैक्षणिक लक्ष्य को सुरक्षित रख सकते हैं। इन जानकारियों को पढ़कर आप अपने अगले कदम को सही दिशा में ले जा सकते हैं, बिना अनावश्यक खर्च के। चलिए, अब इन उपयोगी लेखों पर नज़र डालते हैं।