हैदराबाद का तेलंगाना की राजधानी के रूप में अद्वितीय सफर

हैदराबाद का तेलंगाना की राजधानी के रूप में अद्वितीय सफर

जून, 3 2024

तेलंगाना के लिए एक नया अध्याय

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण दिन आगामी है। 2 जून 2024 से हैदराबाद केवल तेलंगाना की राजधानी के तौर पर जाना जाएगा। यह फैसला आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत पांच साल पहले लिया गया था, जिसमें यह कहा गया था कि हैदराबाद दस साल तक दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी रहेगी। अब यह अध्याय अपने अंतिम चरण में है।

इतिहास की एक झलक

जब 2014 में तेलंगाना अलग राज्य के रूप में बना, तो हैदराबाद को दोनों राज्यों की राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया। यह कदम पुराने आंध्र प्रदेश के विभाजन की मांग को पूरा करने के लिए उठाया गया था। तेलंगाना की राज्यता की मांग लंबे समय से की जा रही थी, और 2 जून 2014 को यह सपना साकार हुआ। इस दिन तेलंगाना एक स्वतंत्र राज्य बना और हैदराबाद उसकी राजधानी घोषित की गई।

यह दशक हैदराबाद के लिए महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि यह शहर दोनों राज्यों के प्रशासनिक केंद्र के रूप में कार्य करता रहा है। अब, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंथ रेड्डी ने अधिकारियों को आंध्र प्रदेश को पिछले दस सालों से आवंटित इमारतों को वापस लेने का निर्देश दिया है। यह कदम आने वाले समय में तेलंगाना के प्रशासनिक संसाधनों को और भी मजबूत करेगा।

अनसुलझे मुद्दे

हालांकि विभाजन के समय से ही दोनों राज्यों के बीच कई मुद्दे अनसुलझे रहे हैं, जिनमें संपत्ति का बंटवारा प्रमुख है। इन महत्वपूर्ण मुद्दों को सरकारी और राजनीतिक मंचों पर अभी भी सुलझाया जाना बाकी है। लेकिन राज्यों के नेतृत्व की क्षमता और संयम कुशल समाधान के लिए एक उम्मीद की किरण है।

समारोह और आयोजन

इस महत्वपूर्ण मौके को ध्यान में रखते हुए, दोनों राज्यों में भव्य आयोजनों की योजना बनाई गई है। कांग्रेस और विपक्षी बीआरएस ने इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाने की योजना बनाई है। तेलंगाना सरकार ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। यह आयोजन न केवल राज्य की स्थापना का जश्न मनाएगा, बल्कि हमारे देश के महान लोकतांत्रिक ढांचे के प्रति सम्मान को भी प्रदर्शित करेगा।

तेलंगाना की जनता के लिए यह एक गर्व का मौका है, जहां उनका राजधानी शहर हैदराबाद औपचारिक रूप से उनके राज्य का पूर्ण हिस्सा बन जाएगा। अब देखना होगा कि आने वाले समय में दोनों राज्य अपने विकास और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में कौन से कदम उठाते हैं।

11 टिप्पणियाँ

  • Taran Arora
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Taran Arora
    01:37 पूर्वाह्न 06/ 5/2024
    हैदराबाद अब सचमुच हमारा है। ये शहर हमारे सपनों का प्रतीक है। दस साल का इंतजार खत्म हुआ, अब तेलंगाना की आत्मा इस शहर में जी रही है। जय तेलंगाना!
  • Ajay Chauhan
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Ajay Chauhan
    08:26 पूर्वाह्न 06/ 5/2024
    अरे भाई, ये सब नाटक है। जिसने भी ये फैसला किया, उसकी ज़िंदगी में कभी एक बार भी राज्य का विकास नहीं देखा। इमारतें वापस लेने से क्या होगा? काम तो वही होगा।
  • Atul Panchal
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Atul Panchal
    00:26 पूर्वाह्न 06/ 6/2024
    इस विभाजन का वास्तविक अर्थ राष्ट्रीय एकता के लिए एक नया मानक स्थापित करना है। जब एक राज्य अपनी सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को प्राथमिकता देता है, तो यह एक अपवाद नहीं, बल्कि एक नियम है। आंध्र को अब नए राजधानी की रणनीति बनानी होगी।
  • Shubh Sawant
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Shubh Sawant
    22:32 अपराह्न 06/ 7/2024
    भाई ये तो बड़ी बात है! हैदराबाद अब सिर्फ तेलंगाना का है! अब कोई नहीं बोलेगा कि हमारे लिए कुछ छोड़ दिया। जय हैदराबाद जय तेलंगाना!
  • Patel Sonu
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Patel Sonu
    07:47 पूर्वाह्न 06/ 8/2024
    ये जो विभाजन हुआ वो अब एक इतिहास बन गया। अब बाकी बस विकास की बात है। राज्य को अब बस इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करना है। बाकी सब तो बस धुमधाम है।
  • Puneet Khushwani
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Puneet Khushwani
    06:10 पूर्वाह्न 06/10/2024
    सब नाटक है। इमारतें वापस लेना भी क्या बात है? असली मुद्दा तो ये है कि आंध्र को क्या मिला?
  • Adarsh Kumar
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Adarsh Kumar
    14:24 अपराह्न 06/11/2024
    इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। ये सब बड़े लोगों की साजिश है। जब तक हमारे राज्य का नाम नहीं बदला, तब तक कोई भी असली स्वतंत्रता नहीं मिलेगी। जानते हो क्या हुआ था 2014 में? कुछ नहीं। बस नाम बदल गया।
  • Santosh Hyalij
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Santosh Hyalij
    06:21 पूर्वाह्न 06/12/2024
    राजधानी का निर्णय न्यायपालिका का हक है। राजनीति इसमें नहीं आनी चाहिए। ये सब धूमधाम बेकार है। बेहतर होता अगर बजट शिक्षा पर लगाते।
  • Sri Lakshmi Narasimha band
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Sri Lakshmi Narasimha band
    00:33 पूर्वाह्न 06/14/2024
    हैदराबाद अब असली तेलंगाना का दिल है 💖 गुलाब जामुन की खुशबू, बिरयानी का धुआं, और हमारी बोली सब कुछ अब हमारा है 🇮🇳✨
  • Sunil Mantri
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Sunil Mantri
    05:39 पूर्वाह्न 06/15/2024
    yeh sab kuchh bhai... lekin kya ye realy change karta hai kuchh? mazak hai.
  • Nidhi Singh Chauhan
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Nidhi Singh Chauhan
    11:55 पूर्वाह्न 06/15/2024
    अरे यार, ये सब भी तो बस चुनाव की चाल है। जब तक बीआरएस को नहीं खत्म किया जाता, तब तक ये नाटक चलता रहेगा। सोनिया को आमंत्रित करना? बस एक बड़ा धोखा है।

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