भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करना हर साल का बड़ा काम रहता है, और इस साल भी कुछ नया नहीं रहा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 2025‑2026 के असेसमेंट इयर की ITR filing deadline को 31 जुलाई की बजाय 15‑16 सितंबर 2025 कर दिया। ये बदलाव अचानक नहीं आया—हाल ही में फॉर्म ITR‑1 से ITR‑4 में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए थे, जिनके कारण सिस्टम को अपडेट और टेस्ट करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था।
एक्सटेंशन का मुख्य कारण क्या था?
नया फॉर्म डिज़ाइन, नई टैक्स घटाव की लाइनें और सूचना प्रवाह में बदलाव ने टैक्सपेयर्स को उलझन में डाल दिया था। साथ‑साथ, TDS स्टेटमेंट्स का फाइनल डेटा 31 मई तक नहीं मिलने की उम्मीद थी, जिससे जून के शुरुआती हफ्तों में ही टैक्स रिटर्न में सही क्रेडिट दिखना मुश्किल हो गया। इस कारण, ITR दाखिल करने की आखिरी तिथि को थोड़ा आगे बढ़ाना ही समझदारी था, ताकि सभी को अपने दस्तावेज़ तैयार करने और पोर्टल पर अपलोड करने का पूरा समय मिल सके।
अब तक 6 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल हो चुके हैं, और यह आँकड़ा दिखाता है कि कई लोग इस एक्सटेंशन से फायदा उठाकर अपना काम समय पर पूरा कर पाए। व्यक्तिगत करदाताओं और उन लोगों के लिए जो ऑडिट नहीं करवाते, यह नया ड्यू डेट काफी राहत लेकर आया है।
देर से दाखिला करने वालों के लिए क्या? किन चीज़ों का नुकसान?
अगर आप 16 सितंबर के बाद भी रिटर्न नहीं भरते, तो भी आप 31 दिसंबर 2025 तक बिलोरेट फाइल कर सकते हैं। लेकिन इस कदम पर सेक्शन 234F के तहत दो स्तर का जुर्माना लागू होगा: आय 5 लाख रुपये तक वाले को 1,000 रुपये, और 5 लाख से ऊपर वाले को 5,000 रुपये का लेट फ़ाइलिंग फीस।
इसके अलावा, मूल डेडलाइन के बाद फाइल करने से आप कुछ कर छूट भी खो सकते हैं—जैसे HRA (हाउस रेंट एलाउंस) की डिडक्शन, EPF के तहत 80C डिडक्शन और LTA (लीव ट्रैवल अलाउंस) का दावा। ये लाभ तब तक नहीं मिलेंगे जब तक रिटर्न असली ड्यू डेट से पहले नहीं भरा जाता।
कंपनियों के लिए स्थिति थोड़ी अलग है। घरेलू कंपनियों की फाइलिंग डेडलाइन अब 31 अक्टूबर 2025 तय की गई है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय लेन‑देनों वाले कंपनियों को 30 नवंबर 2025 तक का समय दिया गया है। इस प्रकार, सभी वर्गों के करदाताओं को इस एक्सटेंशन का फायदा उठाते हुए अपने डेटा को सटीक रूप से अपडेट करना चाहिए, ताकि आगे चलकर किसी भी दंड या कर छूट के नुकसान से बचा जा सके।
अच्छा बदलाव है भाई, कई लोगों को अभी तक डॉक्यूमेंट्स जमा करने में दिक्कत हो रही थी। अब थोड़ा समय मिल गया तो बेहतर होगा कि सब कुछ ठीक से फाइल कर लें।
ये सब बकवास है भाई जी जब तक टैक्स बढ़ाएंगे तब तक डेडलाइन बढ़ाएंगे बस यही नीति है अब तो अगले साल 15 अक्टूबर तक बढ़ा देंगे अभी तो बस दिखावा है
ये खबर बहुत अच्छी है 😊 अब तो धीरे-धीरे सब कुछ ठीक से कर लेंगे। बस डर मत खाओ और जल्दी से फाइल कर दो। आप सब कर सकते हो 💪
ये एक्सटेंशन भी झूठ है। अंदर कुछ और चल रहा है। जानते हो क्या? डेटा लीक हो रहा है।
आयकर विभाग की इस निर्णय को व्यावहारिकता के आधार पर समझा जा सकता है। हालांकि, देर से फाइल करने के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
यह निर्णय व्यक्तिगत करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है। लेकिन इसके बावजूद, टैक्स रिटर्न को एक जिम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए, न कि एक बोझ के रूप में।
अच्छा हुआ बढ़ा दिया... बहुत से लोग अभी तक अपने बैंक स्टेटमेंट्स और 16B फॉर्म तक नहीं जुटा पाए थे... और ये नया फॉर्म तो देखो कितना भारी है... अब तो बस एक बार फाइल कर दें, फिर दुनिया भर में बात बन जाएगी 😅
ये सब फाइलिंग बढ़ाने का नाम है लेकिन जुर्माने के लिए तैयार रहो। अगर तुमने ये बात नहीं पढ़ी तो तुम बेवकूफ हो।
सर्विसेज के लिए TDS क्रेडिट का अपडेट अभी भी नहीं हुआ है, इसलिए अगर आप अभी फाइल करते हैं तो आपका टैक्स क्रेडिट अनुमानित ही रहेगा। इसलिए जब तक फॉर्म 26AS अपडेट नहीं हो जाता, बेस्ट है इंतजार करना।
मुझे लगता है ये बहुत देर से है... मैंने तो पहले ही फाइल कर दिया था... अब तो लगता है मैंने बेकार में दिल तनाव लिया
कंपनियों को 31 अक्टूबर तक दे रखा है? ये तो बिल्कुल अनोखा है। जब तक आयकर विभाग के पास समय है, हमारे पास नहीं।
अरे भाई, ये तो सब ने किया हुआ है। अभी फाइल कर रहे हो? अभी तक नहीं किया? अच्छा तो बस अपने आप को जुर्माने के लिए तैयार कर लो।
भारत का टैक्स सिस्टम धीरे-धीरे बदल रहा है। ये एक्सटेंशन एक छोटा सा कदम है, लेकिन अगर हम सब मिलकर इसे सही तरीके से इस्तेमाल करें तो भविष्य में बहुत कुछ बदल सकता है। धैर्य रखो, सही करो।
हमारे देश में टैक्स भरना जरूरी है। अगर कोई देर से भरता है तो उसे जुर्माना देना चाहिए। ये नियम हमारी आर्थिक जिम्मेदारी का हिस्सा है।
अब तो बस फाइल करो भाई और शांति से घर बैठ जाओ। इस देश में जब तक तुम टैक्स भरोगे, तब तक तुम वास्तविक नागरिक हो।
हर साल एक्सटेंशन आता है लेकिन इस बार तो बहुत अच्छा है क्योंकि नए फॉर्म में बहुत सारे बदलाव हैं। अब तो बस धीरे से फाइल कर दो। बस एक बार फाइल कर दो और आराम करो
ये जुर्माना तो बहुत ज्यादा है... अगर तुम्हारी आय 4 लाख है और तुमने देर से फाइल किया तो 1000 रुपये देने पड़ेंगे? ये तो एक छोटी बात है लेकिन बहुत लोग इसे नहीं समझते। इसलिए अगर तुम अभी तक नहीं किया तो जल्दी कर लो।