2025 का पहला सूर्य ग्रहण: कहां और कब दिखेगा?
29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण पूरी तरह से आंशिक होगा, यानी चाँद सूरज की रोशनी का एक बड़ा हिस्सा तो ढक लेगा, लेकिन पूरी तरह नहीं। जो लोग इसे देखना चाहेंगे, उनके लिए समय भी तय है—भारत समय अनुसार दोपहर 2:20 बजे से शुरू होकर, करीब शाम 5:13 बजे तक चलेगा। यह नजारा अपने चरम पर दोपहर 4:17 बजे देखा जा सकेगा।
अगर आप सोच रहे हैं कि इसे कहां-कहां देखा जा सकता है, तो इसमें भारत, पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, यूएई या श्रीलंका शामिल नहीं हैं। यह 2025 सूर्य ग्रहण सिर्फ उत्तरी अमेरिका, यूरोप (जैसे स्पेन, फ्रांस, यूके, पुर्तगाल और जर्मनी), अफ्रीका और रूस के उत्तरी हिस्सों में दिखेगा। अमेरिका के शहरों में न्यूयॉर्क, बोस्टन और कनाडा के मॉन्ट्रियल व क्यूबेक भी अच्छे व्यूइंग पॉइंट रहेंगे।
ग्रहण की अहमियत और भारतीय परंपरा
इस बार का ग्रहण सूरज की सतह का 81.4% तक हिस्सा ढक सकता है—मतलब एक बड़ा भाग धुंधला दिखाई देगा। खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए यह मौका काफी खास होता है, क्योंकि सूरज के बाहरी आवरण यानी कोरोना का अवलोकन ज्यादा साफ तरीके से किया जा सकता है। ऐसे वक्त पर वैज्ञानिक अक्सर कई किस्म की रिसर्च और टेस्ट करते हैं, ताकि सूरज और उसके असर को समझा जा सके।
भारत में भले ही यह ग्रहण न दिखे, लेकिन लोगों की आस्था सूर्य ग्रहण के दौरान हमेशा गहरी रही है। यहां सदियों से ग्रहण का समय पूजा-पाठ, दान और ध्यान के लिए माना जाता है। मान्यता है कि इस समय किए गए यज्ञ और स्नान का खास महत्व होता है, और कई परिवारों में पारंपरिक रीति-रिवाज आज भी निभाए जाते हैं।
अगर आपको चांद-सूरज के इस खेल में दिलचस्पी है, तो कैलेंडर में 21 सितंबर 2025 भी नोट कर लीजिए। उस दिन एक और सूर्य ग्रहण लगेगा, और यह रिंग ऑफ फायर यानी 'आग की अंगूठी' जैसा दिखेगा। वैज्ञानिक नजरिए से ये मौके हमेशा नई खोज का रास्ता खोलते हैं और लोगों के बीच रोचकता भी बढ़ाते हैं।