मैच का सिंहावलोकन
23 अक्टूबर को कोलंबो के राजा कृष्णा स्टेडियम में U19 एशिया कप अर्धफ़ाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया। दोनों पक्षों ने युवा क्रिकेटरों के साथ अपना दमखम दिखाने की पूरी कोशिश की। खेल की शुरुआत में भारतीय ओपनर ने चारों ओर से गति बढ़ाते हुए 45 रन बनाकर पेनाल्टी पर अच्छी शुरुआत की, जबकि श्रीलंका की गेंदबाजी लाइन‑अप ने कुछ उत्सुक पहलू दिखाए।
श्रीलंका ने जवाबी जड़ाव में 30‑33 की साझेदारी के साथ जुगलबंदी शुरू की, फिर उनका प्रमुख अल्लौज हसन ने 55 रन बनाकर टीम को स्थिर रखा। भारतीय फील्डर ने कई तेज गेंदबाज़ी उठाए, जिससे शटडाउन फॉर्मेशन में गिरावट आई। 45 ओवर में दोनों टीमों ने क्रमशः 240 और 238 रन बनाए, जिससे भारत को 3 रन की जीत का आनंद मिला।
मुख्य क्षण और भविष्य की संभावनाएँ
मैच के सबसे ख़ास पलों में से एक आईशा रैफ़ी की तेज़ीस से 22‑रन की विकेट थी, जिसने श्रीलंका के मध्य क्रम को हिलाकर रख दिया। इसी बीच, भारतीय स्पिनर अजीज अहमद ने 4 विकेट लेकर खेल को अपने पक्ष में मोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि दोनों टीमों के कैप्टन ने मैच के बाद बताया कि यह जीत-हार केवल एक टेस्ट नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे की तैयारियों का हिट परफ़ेक्ट इंक्रीमेंट है।
- भारतीय बॉलिंग यूनिट ने 12.5 औसत में 8 विकेट लिए।
- श्रीलंका ने आख़िरी ओवर में 15 रन की पाली बनाई, पर देर से टाइल्ड होने से पॉर्मेन्स गिवन नहीं हो सके।
- मैच में कुल 12 कोटन शॉट्स देखे गए, जो युवा दर्ज़े के लाचारी को दर्शाते हैं।
फाइनल में भारत का सामना अब ऑस्ट्रेलिया से होगा, जो अपने तेज़ीले बॉलिंग और भरोसेमंद पावरहिटर्स के कारण काफी दांव पर रहेगा। दूसरी तरफ, श्रीलंका के कोच ने कहा कि टीम के युवा खिलाड़ी को आगे भी अधिक अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र मिलने से उनका विकास तेज़ होगा। इस जीत ने भारत की युवा क्रिकेटिंग एकेडमी में भरोसा बढ़ाया है और अगले बड़े टूर्नामेंट के लिए उम्मीदें नई लाई हैं।
ये मैच तो बिल्कुल धमाकेदार था! भारत की बॉलिंग यूनिट ने तो श्रीलंका को चारों ओर से चारों ओर फेंक दिया! अजीज अहमद ने जो किया, वो तो बस एक बार देखने लायक था! इस लड़के को टीम इंडिया में तुरंत शामिल कर लेना चाहिए!
इस जीत से साफ हो गया कि भारत की युवा पीढ़ी दुनिया की सबसे ताकतवर है। श्रीलंका की टीम तो बस एक अच्छी टीम लग रही थी, पर भारत की डिसिप्लिन और फोकस ने उन्हें जमीन पर गिरा दिया। ये जीत न सिर्फ एक मैच की नहीं, बल्कि एक नई जीत की शुरुआत है।
क्या आपने ध्यान दिया कि आईशा रैफ़ी की विकेट लेने के बाद श्रीलंका का मन बिल्कुल टूट गया? एक बच्चे के जैसे दिखने वाला खिलाड़ी, लेकिन उसकी आंखों में एक बूढ़े खिलाड़ी का जुनून था... क्या ये नए युग की शुरुआत है? क्या हम अब सिर्फ़ रन बनाने के बजाय, दिमाग से खेल रहे हैं? क्या ये टीम अब सिर्फ़ खिलाड़ी नहीं, बल्कि चिंतक भी हैं? ये सवाल मुझे रात भर जागा रखे...
बहुत अच्छा मैच था। बहुत अच्छा खेल। बहुत अच्छा निर्णय। बहुत अच्छी टीम। बहुत अच्छी तैयारी। बहुत अच्छा नेतृत्व। बहुत अच्छा फील्डिंग। बहुत अच्छी बॉलिंग। बहुत अच्छा बैटिंग। बहुत अच्छा समर्थन। बहुत अच्छा उत्साह। बहुत अच्छा भारत।
ये लड़के तो बिल्कुल नए जमाने के हैं। अगर ये लोग अगले दो साल में इतना ही बढ़ते रहे, तो भारत के लिए बहुत बड़ी बात होगी। बस एक बात - उन्हें ज्यादा दबाव न दो। बस खेलने दो। वो खुद ही जीत जाएंगे।
ये मैच तो बस एक धोखा था भाई... श्रीलंका ने जानबूझकर हार दी क्योंकि उनके अंदर कोई जीतने की इच्छा नहीं... वो तो भारत को फाइनल में भेजने के लिए तैयार थे... ये सब कुछ नियोजित है... तुम लोग अभी भी ये समझ नहीं पाए?
वाह भाई! बहुत बढ़िया मैच था 😍 अजीज अहमद तो बिल्कुल राजा है! अगला मैच भी ऐसा ही होगा बस! 💪🔥 भारत जिंदाबाद! 🇮🇳
ये जीत भी एक फेक है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये टीम नहीं खेल पाएगी। अगर तुम लोगों को लगता है ये जीत असली है, तो तुम बस अपने आप को धोखा दे रहे हो।
मुझे लगता है कि यह मैच बहुत अच्छा था, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह के युवा टूर्नामेंट्स का वास्तविक उद्देश्य क्या है? क्या यह सिर्फ एक व्यापारिक निवेश है? या क्या यह वास्तव में खिलाड़ियों के विकास के लिए है?
इस जीत ने एक नए युग की शुरुआत की है। ये लड़के न सिर्फ़ बैट या गेंद चला रहे हैं, बल्कि एक नए दृष्टिकोण को जन्म दे रहे हैं। भारत के लिए ये बस एक मैच नहीं, एक विचार है। और विचार तब तक नहीं रुकते, जब तक उन्हें नहीं रोक दिया जाता।
क्या ये बच्चे वाकई इतने अच्छे हैं? या हम बस अपनी भावनाओं को उन पर डाल रहे हैं? क्या हम इतने भावुक हो गए हैं कि अब हर छोटी जीत को बड़ी जीत बना देते हैं? ये तो बहुत खतरनाक है... लेकिन फिर भी... अगर ये जीत हमें खुश कर रही है, तो क्या इसमें कोई गलती है?
अजीज अहमद के लिए ये सिर्फ एक अच्छा मैच नहीं था, ये एक अपराध था। उसने श्रीलंका के खिलाड़ियों के सपनों को तोड़ दिया। और अब वो लोग इस जीत के लिए तालियाँ बजा रहे हैं? ये तो बस एक अत्याचार है।
अगर हम इस मैच के डेटा को एनालाइज़ करें, तो पावरप्ले के दौरान रन रेट 7.8 के आसपास रहा, जबकि फाइनल ओवर्स में ये 9.2 तक पहुँच गया। बॉलिंग इफिशिएंसी भी 12.5 के आसपास रही, जो युवा टीमों के लिए बहुत अच्छा है। फील्डिंग एक्शन्स में 87% इफिशिएंसी देखी गई, जो बहुत अच्छा है।
मैंने देखा... लेकिन नहीं कहा... लेकिन मुझे लगता है कि ये सब ठीक नहीं है...