अक्तू॰, 5 2024
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: मतदाताओं के उत्साह की बाढ़
हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ लेने की संभावना के बीच, 5 अक्टूबर को मतदान हुआ जो राज्य के नागरिकों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दिन साबित हुआ। राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में थे। इन चुनावों में लगभग 2.1 करोड़ मतदाता शामिल हुए, जिसमें 9.5 लाख महिलाएं और 4.52 लाख नवमतदाता शामिल थे। मतदाताओं की सूची में 1,07,75,957 पुरुष, 95,77,926 महिलाएं और 467 तीसरे लिंग के नागरिक शामिल हैं।
हिस्सेदारी का अद्वितीय प्रदर्शन
मतदान की प्रक्रिया को निपटाने के लिए 20,632 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चला। मतदान की भव्य दिनचर्या में वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। 1,49,142 विकलांग मतदाताओं, 2,31,093 वरिष्ठ नागरिकों (85 वर्ष से अधिक आयु) और 8,821 शताब्दीवासी ने अपने मतदाताओं को पंजीकृत किया।
मुख्य दलों ने अपने प्रभावपूर्ण अभियानों के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस), आम आदमी पार्टी (AAP), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के गठबंधन के साथ इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), और जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ आजाद समाज पार्टी ने चुनाव मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इन दलों के प्रमुख नेताओं ने जरिए एक प्रभावशाली अभियान चलाया।
उम्मीदवारों की दौड़ और मुकाबले की गर्मी
प्रमुख उम्मीदवारों में देखा गया जिसमें वर्तमान मुख्यमंत्री सैनी (लदवा) और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई) प्रमुख शामिल थे। INLD के अभय सिंह चौटाला (एलेनाबाद), JJP के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), कांग्रेस के विनेश फोगाट (जुलाना) आदि ने प्रमुख दौड़ में भाग लिया। मतदान की यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए एक उत्साहजनक क्षण साबित हुई जो कुछ वर्षों से मतदान प्रक्रिया से अलग थे।
राजनीतिक समीकरणों का बदलता परिदृश्य
मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, लगभग 63% मतदाताओं ने अपने वोट डाले। इनमें यमुनानगर में सबसे अधिक 56.79% और मेवात में 42.64% मत प्रतिशत दर्ज किया गया। पार्टी की रणनीतियों और प्रचार की गतिविधियों के चलते, कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में एक प्रभावशाली अभियान प्रस्तुत किया, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को दिखाया गया। बीजेपी ने अपनी 'डबल इंजन' सरकार की सफलता को उजागर किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
Aग्जिट पोल के जारी होते ही बढ़ा सस्पेंस
वोटिंग की प्रक्रिया समाप्त होते ही, एग्जिट पोल्स की रिपोर्ट्स बाहर आने लगीं। कांग्रेस के पुनः जोर पकड़ने का संकेत देते हुए, चुनाव विश्लेषकों ने पार्टी के 44 से 62 सीटें जीतने की उम्मीद जताई, जबकि बीजेपी के लिए 15 से 29 सीटों की संभावना का संकेत मिला। पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी की समर्थन में पतन देखा गया, जिसके कारण राजनीतिक विश्लेषण का विषय बन गया।
चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे, और नई सरकार कौन बनाएगा, इसका सस्पेंस रहना अभी भी बना हुआ है। हरियाणा की जनता इस चुनाव के परिणाम से क्या संदेश देती है, इस पर नजदीकी दृष्टि रखनी होगी।