CBDT के प्रमुख अपडेट और टैक्स फ़ाइलिंग गाइड

अगर आप करों की दुनिया में नया हैं या सिर्फ ताज़ा जानकारी चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। यहाँ हम CBDT (सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज़) के बारे में बातें करेंगे, जो आपके टैक्स से जुड़े सवालों के जवाब देंगे।

CBDT क्या है?

CBDT भारत सरकार का एक अहम विभाग है, जो आयकर, कॉर्पोरेट टैक्स और ड्यूटीज़ का प्रबंधन करता है। इसका काम टैक्स कानून बनाना, नियमों को लागू करना और करदाता‑सेवा को आसान बनाना है। हर साल बजट में जो बदलाव आते हैं, उनका अधिकांश हिस्सा CBDT ही तय करता है।

2024‑2025 के मुख्य बदलाव

पिछले साल CBDT ने कई नई पहलें शुरू कीं। सबसे बड़ा बदलाव टैक्‍स प्लान‑फॉर्मेट (ITR‑1) का ऑनलाइन प्रोसेसिंग तेज होना है। अब आप 24 घंटे में अपना ITR सबमिट कर सकते हैं, और रिफंड भी जल्दी मिलती है। दूसरा अपडेट—ऑन‑लाइन रिवर्स चार्ज्स (TDS/TCS) का इलेक्ट्रॉनिक लिंकेज, जिससे डेटा एरर कम होते हैं।

इनके अलावा, आयकर स्लैब में थोड़ा बदलाव हुआ है। 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं, 5‑10 लाख पर 5% और 10‑15 लाख पर 10% टैक्स लगेगा। इससे मध्यम वर्ग के टैक्स भुगतान में राहत मिलती है। अगर आप फ्रीलांसर या छोटे व्यवसायी हैं, तो GST के साथ CBDT के आसान रजिस्ट्रेशन विकल्प देखना न भूलें।

अब बात करते हैं कि इन बदलावों को आप कैसे उपयोगी बना सकते हैं। सबसे पहले, अपने PAN को अपडेट रखें। अगर आपका नाम या एड्रेस बदल गया है, तो तुरंत CBDT पोर्टल पर डेटाबेस को संशोधित करें, नहीं तो रिफंड में देर हो सकती है। दूसरा, एंटरप्राइज़ेज़ को अपनी फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को डिजिटल फॉर्मेट में रखना चाहिए, क्योंकि ऑडिट प्रक्रिया अब ऑटो‑मेटिक हुई है।

फाइलिंग के समय बचाने के लिए कुछ आसान टिप्स:

  • ऑफ़लाइन फॉर्म भरने की जगह इंट्रेस्टर एंटी‑टैक्स सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल करें।
  • वित्तीय वर्ष के अंदर सभी इनवॉइस और बैंकर स्टेटमेंट्स को रख‑रखाव फ़ोल्डर में नियमित रूप से अपडेट करें।
  • डिस्काउंटेड टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके टैक्स बचत की योजना बनाएं।

अगर आपको रिफंड नहीं मिला या टैक्स एरर दिख रहा है, तो सीधे CBDT के हेल्पलाइन पर कॉल करें या टच‑पॉइंट्स के साथ चैट सपोर्ट इस्तेमाल करें। कई बार छोटे टाइपो या गलत फ़ॉर्म कोड की वजह से रिफंड रुक जाता है, इसलिए सब कुछ दो‑बार चेक कर लें।

स्मार्टली टैक्स प्लानिंग करने के लिए आप साल के अंत में ‘टैक्स बचत चार्ट’ बना सकते हैं। इस चार्ट में आप यूटिलिटी बिल, हेल्थ इंश्योरेंस, पब्लिक प्रोवाइडेड फंड (PPF) जैसी डिडक्शन‑ऑप्शन को नोट करें। इससे फॉर्म भरते समय आपको तुरंत पता चल जाएगा कि कौन‑सी डिडक्शन आप ले सकते हैं।

आखिर में, याद रखें कि CBDR (समिश्र टैक्‍स रिव्यू) को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। अगर आपकी टैक्स रिटर्न में बड़ी रक़म है, तो CBDR विभाग से संपर्क करना फायदेमंद हो सकता है। वे अतिरिक्त डिडक्शन या रिवर्शन की जानकारी दे सकते हैं, जिससे आपका टैक्स बोज़ कम हो सकता है।

तो अब आप तैयार हैं—CBDT के अपडेट्स को समझें, सही कदम उठाएँ और बिना झंझट के टैक्स फ़ाइल करें। कोई भी सवाल हो, नीचे कमेंट में पूछें, हम मदद करेंगे।

ITR दाखिल करने की आखिरी तिथि बढ़ायी गई: CBDT ने नई डेडलाइन दी

CBDT ने आयकर वर्ष 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15‑16 सितंबर तय की। फॉर्म में बड़े बदलाव और सिस्टम अपडेट की वजह से समय नहीं मिल पाया था। अब 6 करोड़ से अधिक रिटर्न पहले ही दाखिल हो चुके हैं। देर से दाखिला करने पर 1 000‑5 000 रुपये का जुर्माना और कुछ टैक्स लाभ खोने का जोखिम है। 31 दिसंबर तक बिलोरेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन दंड लागू रहेगा।

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CBDT ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइलिंग डेडलाइन बढ़ाई: नई अंतिम तिथि 7 अक्टूबर 2024

वित्त मंत्रालय ने 29 सितंबर को घोषणा की कि CBDT ने 2024‑25 आयकर वर्ष के लिए टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की फाइलिंग डेडलाइन 30 सितंबर से बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2024 कर दी है। यह कदम इलेक्ट्रॉनिक सबमिशन की तकनीकी समस्याओं को देखते हुए लिया गया है। साथ ही कॉर्पोरेट और ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 15 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। विस्तार से पढ़ें कि किन वर्गों को यह राहत मिलेगी और क्या नए नियम हैं।

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