एशिया कप 2025 स्क्वॉड: रिंकू सिंह की जगह खतरे में, शानदार टी20 आंकड़ों के बावजूद असमंजस

एशिया कप 2025 स्क्वॉड: रिंकू सिंह की जगह खतरे में, शानदार टी20 आंकड़ों के बावजूद असमंजस

अग॰, 16 2025

रिंकू सिंह: धमाकेदार आंकड़ों के बावजूद चयन को लेकर दिख रहा असमंजस

एक वक्त था, जब रिंकू सिंह का नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमियों के जहन में 'पांच गेंद, पांच छक्के' का वो ऐतिहासिक पल ताजाद हो जाता था। IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए उन्होंने यश दयाल पर जो कहर बरपाया था, उसकी वजह से वे रातोंरात स्टार बन गए। वे टी20 क्रिकेट में 156 छक्के जड़ चुके हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी 148 के पार है। बावजूद इसके, एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम में उनकी जगह एकदम पक्की नहीं दिख रही।

इस बार चयन प्रक्रिया और भी कड़ी हो गई है। टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर, हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव 19 अगस्त को मुंबई में मीटिंग करके 15 सदस्यीय स्क्वॉड का ऐलान करेंगे। बताया जा रहा है कि रिंकू को लेकर कमेटी खासी उलझन में है।

एशिया कप स्क्वॉड में जगह पाना इतना आसान नहीं

मध्यक्रम में रिंकू सिंह की चुनौती केवल आंकड़ों से हल नहीं हो रही है। उनका नाम पिछले टी20 विश्व कप में भी सिर्फ स्टैंडबाय तक ही सीमित रहा था। हाल की फॉर्म में गिरावट आई है और टेस्टिंग सीरीज़ में वे बार-बार असफल रहे हैं। ऊपर से शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे बल्लेबाज लौट आए हैं, जिनके IPL रिकॉर्ड जबरदस्त हैं। स्क्वॉड में सीमित जगह के लिए जबरदस्त मुकाबला है। चयनकर्ताओं के लिए सिरदर्द बढ़ गया है कि नए टैलेंट को आजमाएं या पुराने सितारों की जगह बरकरार रखें।

इसके अलावा खबर है कि टीम में विकेटकीपर-बल्लेबाज जITESH शर्मा की एंट्री पर भी विचार हो रहा है। अगर ऐसा हुआ तो रिंकू की संभावनाएं और कम हो जाएंगी। वहीं पुराने चयनकर्ता मानते हैं कि हार्दिक पंड्या टॉप-5 में अपनी जगह लगभग पक्की कर चुके हैं। ऐसे में मिडल-ऑर्डर की जंग और कठिन हो जा रही है।

एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर से हो रही है, जिसमें भारत का पहला मुकाबला 10 सितंबर को यूएई से है। यही नहीं, 14 सितंबर को भारत बनाम पाकिस्तान का महासंग्राम भी होगा, जिसके लिए फैंस खासे उत्साहित हैं। अगर रिंकू कभी मौके के इंतजार में हैं, तो यही वह स्टेज है—क्योंकि एशिया कप में चयन उनकी रिंकू सिंह के लिए 2026 वर्ल्ड कप के टीकेट जैसा साबित हो सकता है।

भारतीय क्रिकेट में आजकल जो माहौल है, उसमें केवल आईपीएल या घरेलू क्रिकेट के आंकड़े ही काफी नहीं हैं। आपको लगातार इंटरनैशनल लेवल पर दमदार प्रदर्शन जारी रखना पड़ता है। रिंकू सिंह की कहानी भी यही सिखाती है कि मौका जितनी जल्दी मिलता है, उसे उतना ही मजबूती से थामना पड़ता है। क्रिकेट की इस भीड़ में एक गलत स्टेप और सारी मेहनत बेकार हो सकती है।

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