रिंकू सिंह: धमाकेदार आंकड़ों के बावजूद चयन को लेकर दिख रहा असमंजस
एक वक्त था, जब रिंकू सिंह का नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमियों के जहन में 'पांच गेंद, पांच छक्के' का वो ऐतिहासिक पल ताजाद हो जाता था। IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए उन्होंने यश दयाल पर जो कहर बरपाया था, उसकी वजह से वे रातोंरात स्टार बन गए। वे टी20 क्रिकेट में 156 छक्के जड़ चुके हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी 148 के पार है। बावजूद इसके, एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम में उनकी जगह एकदम पक्की नहीं दिख रही।
इस बार चयन प्रक्रिया और भी कड़ी हो गई है। टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर, हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव 19 अगस्त को मुंबई में मीटिंग करके 15 सदस्यीय स्क्वॉड का ऐलान करेंगे। बताया जा रहा है कि रिंकू को लेकर कमेटी खासी उलझन में है।
एशिया कप स्क्वॉड में जगह पाना इतना आसान नहीं
मध्यक्रम में रिंकू सिंह की चुनौती केवल आंकड़ों से हल नहीं हो रही है। उनका नाम पिछले टी20 विश्व कप में भी सिर्फ स्टैंडबाय तक ही सीमित रहा था। हाल की फॉर्म में गिरावट आई है और टेस्टिंग सीरीज़ में वे बार-बार असफल रहे हैं। ऊपर से शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे बल्लेबाज लौट आए हैं, जिनके IPL रिकॉर्ड जबरदस्त हैं। स्क्वॉड में सीमित जगह के लिए जबरदस्त मुकाबला है। चयनकर्ताओं के लिए सिरदर्द बढ़ गया है कि नए टैलेंट को आजमाएं या पुराने सितारों की जगह बरकरार रखें।
इसके अलावा खबर है कि टीम में विकेटकीपर-बल्लेबाज जITESH शर्मा की एंट्री पर भी विचार हो रहा है। अगर ऐसा हुआ तो रिंकू की संभावनाएं और कम हो जाएंगी। वहीं पुराने चयनकर्ता मानते हैं कि हार्दिक पंड्या टॉप-5 में अपनी जगह लगभग पक्की कर चुके हैं। ऐसे में मिडल-ऑर्डर की जंग और कठिन हो जा रही है।
एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर से हो रही है, जिसमें भारत का पहला मुकाबला 10 सितंबर को यूएई से है। यही नहीं, 14 सितंबर को भारत बनाम पाकिस्तान का महासंग्राम भी होगा, जिसके लिए फैंस खासे उत्साहित हैं। अगर रिंकू कभी मौके के इंतजार में हैं, तो यही वह स्टेज है—क्योंकि एशिया कप में चयन उनकी रिंकू सिंह के लिए 2026 वर्ल्ड कप के टीकेट जैसा साबित हो सकता है।
भारतीय क्रिकेट में आजकल जो माहौल है, उसमें केवल आईपीएल या घरेलू क्रिकेट के आंकड़े ही काफी नहीं हैं। आपको लगातार इंटरनैशनल लेवल पर दमदार प्रदर्शन जारी रखना पड़ता है। रिंकू सिंह की कहानी भी यही सिखाती है कि मौका जितनी जल्दी मिलता है, उसे उतना ही मजबूती से थामना पड़ता है। क्रिकेट की इस भीड़ में एक गलत स्टेप और सारी मेहनत बेकार हो सकती है।
रिंकू के छक्के तो देखने को मिलते हैं, लेकिन बॉलर्स के खिलाफ उनकी डिफेंस देखकर लगता है कि वो बल्ले से नहीं, बल्कि बारिश के बूंदों से खेल रहे हैं।
ये सिर्फ रिंकू की बात नहीं, पूरी टीम इंडिया का एक बड़ा सवाल है-हम किस चीज़ के लिए खेल रहे हैं? फॉर्म के लिए या भविष्य के लिए? अगर नए खिलाड़ियों को मौका नहीं देंगे, तो 2027 में कौन खेलेगा?
रिंकू की फॉर्म ठीक नहीं है, ये तो सच है... लेकिन क्या हम उसकी एक बार की जादुई पारी को भूल गए? जब वो यश दयाल को ऐसे उड़ा दिया, तो पूरा इंडिया उठ खड़ा हुआ था... शायद उसे एक बार फिर मौका देना चाहिए, बस एक बार... शायद वो फिर से वो रिंकू बन जाए...
रिंकू सिंह को टीम में रखना है तो उसे पहले टेस्ट में 50 बनाकर आना चाहिए, फिर बात करेंगे। IPL में छक्के मारना कोई बात नहीं, ये तो अब बच्चे भी कर रहे हैं।
मैं तो समझता हूँ कि टीम इंडिया का मिडल ऑर्डर अब एक इको-सिस्टम बन गया है-हर एक प्लेयर के रोल डिफाइन हैं, और रिंकू का रोल अभी तक एन्ट्री नहीं मिला। वो एक एक्स्ट्रीम एंटरप्राइज खिलाड़ी है, लेकिन टीम स्ट्रक्चर में उसकी स्किल सेट फिट नहीं हो रही।
रिंकू को बाहर कर दो... अब बस यही चाहिए... मुझे इसका दर्द नहीं हो रहा... अब तो बस यशस्वी और शुभमन ही चलेंगे... बाकी सब बेकार...
रिंकू को टीम में रखोगे तो फिर से वो विकेटकीपर बनाएंगे जितेश शर्मा को... फिर कौन खेलेगा? रिंकू या जितेश? ये तो बार-बार यही गलती हो रही है।
रिंकू के आंकड़े? ओह बाप रे। IPL में 156 छक्के? बहुत बढ़िया। अब बताओ उनमें से कितने बॉलर के गेंद पर नहीं लगे? असली क्रिकेट में वो बस एक बड़ा बोरिंग फिल्टर है।
रिंकू को एक चांस दो। उसके अंदर वो जादू अभी भी है। हमारी टीम में बस एक ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो दबाव में भी खेल सके। एशिया कप पाकिस्तान के खिलाफ है-वो वही जगह है जहां रिंकू को फिर से जन्म दिया जा सकता है।
अगर रिंकू को टीम में नहीं रखा गया तो ये टीम इंडिया नहीं, टीम बेंगलौर है। जो खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में छक्के मारता है, उसे इंटरनेशनल मैच में नहीं खेलने देना चाहिए? ये तो लापरवाही है।