जुल॰, 31 2024
पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द, यूपीएससी द्वारा धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का आरोप
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2022 की अस्थाई उम्मीदवारी को धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोपों के चलते रद्द कर दिया है। UPSC ने खेडकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने CSE-2022 के नियमों का उल्लंघन किया और नियमों का पालन नहीं किया। इसके चलते उन्हें सभी भविष्य में होने वाली UPSC परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
फर्जी नाम और पहचान का इस्तेमाल
UPSC की जांच में यह पाया गया कि खेडकर ने अपने नाम और अपने अभिभावकों के नाम में हेराफेरी कर अतिरिक्त परीक्षा अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास किया। यह नियमों का सख्त उल्लंघन था और इसकी सच्चाई सामने आने पर UPSC ने उनका नाम उम्मीदवार सूची से हटा दिया। यह मामला चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने की दृष्टि से महत्वपूर्ण था।
UPSC ने इस मामले के तहत सभी उपलब्ध रिकॉर्डों की गहनता से समीक्षा की और पाया कि केवल पूजा खेडकर ने ही अधिकतम प्रयासों से अधिक तरीका अपनाया था। 2009 से 2023 के बीच अनुशंसित 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की समीक्षा के बाद, कोई और उम्मीदवार ऐसा नहीं मिला जिसने परीक्षा नियमों का उल्लंघन किया हो।
विवादों और आरोपों का दौर
34 वर्षीय पूजा खेडकर अपने विवादों और आरोपों के चलते पहले ही मीडिया की चपेट में आ चुकी थीं। उन पर आरोप थे कि उन्होंने एक अलग कार्यालय, ऑफिसियल कार और अपनी निजी ऑडी कार पर बत्ती का उपयोग मांगा था। पहले पुणे में तैनात, उन्हें पुणे जिला कलेक्टर द्वारा वाशिम में स्थानांतरित किया गया था। इस विवाद के बीच उनके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोक दिया गया और उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) मसूरी बुलाया गया।
दस्तावेजों की जांच
खेडकर के खिलाफ उनकी विकलांगता और OBC प्रमाणपत्र की प्रामाणिकता की भी जांच चल रही थी जो उनके कानूनी मुद्दों को और बढ़ा रही थी। हालांकि, खेडकर ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया और यह सब 'फेक न्यूज' का परिणाम था। लेकिन UPSC द्वारा की गई जांच में मिली धांधली ने उनकी विवादास्पद छवि को और पुख्ता बना दिया।
भविष्य के लिए सख्त SOPs
यह घटना UPSC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी रही और अब आयोग ने भविष्य में ऐसी धांधलियों को रोकने के लिए अपने मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) को सख्त करने की योजना बनाई है। इस दिशा में UPSC ने कहा है कि वह चयन प्रक्रिया के हर पहलू की निगरानी और समीक्षा को और भी सख्त और पारदर्शी बनाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
निष्कर्ष
यह घटना UPSC की प्रतिष्ठा और परीक्षा की विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले मुद्दों में से एक है। पूजा खेडकर पर लगे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि सिविल सेवा के लिए चुने गए उम्मीदवारों की साख पर भी सवाल उठाते हैं। इस मामले का निष्पक्ष और सही तरीके से समाधान निकाला जाना आवश्यक है ताकि भविष्य में सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता न हो।