चौथा टी20: भारत की रणनीति पर सवाल
भारत और जिम्बाब्वे के बीच चल रही टी20 शृंखला का चौथा मैच हैरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला जा रहा है। यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए महत्वूपर्ण है क्योंकि वे इस शृंखला को जीतने के लिए एक और विजय की तलाश में हैं। शुरुआती मैच की हार के बाद, भारत ने लगातार दो मैच जीतकर शृंखला में वापसी की थी। हालांकि, टीम चयन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
टीम चयन और रणनीति
तीसरे टी20 मैच में भारत ने चार ओपनर्स को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया: यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, और रुतुराज गायकवाड़। इस निर्णय से टीम की बल्लेबाजी क्रम में असंतुलन आ गया। संजू सैमसन को नंबर 5 पर बल्लेबाजी करनी पड़ी और वाशिंगटन सुन्दर को नंबर 8 पर। यह असामान्य विशेषता ने टीम के प्रदर्शन पर भी असर डाला।
टीम को अपने पांचवें गेंदबाज की कमी के कारण संघर्ष करना पड़ा, जहाँ शिवम दूबे और अभिषेक शर्मा ने मिलकर चार ओवरों में 50 रन दिए। इसके बावजूद, भारतीय टीम ने 182 रनों का मजबूत स्कोर बनाया। लेकिन गेंदबाजी में कमजोरी के कारण जिम्बाब्वे की टीम 39 पर 5 विकेट खोने के बाद भी 159 रन बना पाई।
जिम्बाब्वे की गलतियाँ और सुधार
जिम्बाब्वे टीम के लिए फील्डिंग एक बड़ा मुद्दा रहा है। दूसरे और तीसरे मैच में, उन्होंने क्रमशः चार और तीन कैच छोड़े। कप्तान सिकंदर रज़ा ने अपनी निराशा व्यक्त की और फील्डिंग में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। टीम की फील्डिंग में सुधार के बिना, वे भारत जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को टक्कर नहीं दे पाते।
इसके साथ ही, जिम्बाब्वे की शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी भी संघर्षरत रही है। भले ही निचले क्रम ने कुछ सांत्वना प्रदान की हो, लेकिन एक मजबूत प्रदर्शन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कप्तान सिकंदर रज़ा ने युवा खिलाड़ियों में जोश बढ़ाने की कोशिश की है, जिसे हाल ही में आयरलैंड के खिलाफ होने वाले टेस्ट के लिए चुने गए हैं।
भविष्य की तैयारी
भारतीय टीम को अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है। खासकर गेंदबाजी विभाग में सुधार आवश्यक है। संभवतः उन्हें अपने शीर्ष चार बल्लेबाजों में से किसी एक की कुर्बानी देनी पड़ेगी ताकि एक अतिरिक्त गेंदबाज को शामिल किया जा सके। यह निर्णय महत्वपूर्ण हो सकता है अगर उन्हें शृंखला जीतनी है।
उधर, जिम्बाब्वे की टीम में भी कई नई प्रतिभाएं उभर रही हैं। क्लाइव मैडांडे, ब्रायन बेन्नेट और जोनाथन कैंपबेल को आगामी टेस्ट मैच के लिए पहली बार टीम में शामिल किया गया है। ये खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से टीम में स्थायीत्व प्राप्त कर सकते हैं।
शृंखला का चौथा मैच एक निर्णयक मोड़ हो सकता है। भारत अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रखते हुए एक और विजय प्राप्त करना चाहेगा, जबकि जिम्बाब्वे के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्हें अपने गलतियों से सीखकर और मजबूत प्रदर्शन करते हुए इस अंतिम मौका का लाभ उठाना होगा।
ये टीम चयन तो बिल्कुल अंधाधुंध है भाई, चार ओपनर्स कौन सी रणनीति है? एक तरफ गेंदबाजी में खालीपन है, दूसरी तरफ बल्लेबाजी में भीड़ है। शिवम दूबे को तो आखिरी ओवर में भी बुलाया गया, जबकि उसकी गेंदें तो लगती हैं जैसे कोई चाय की दुकान पर बैठकर फेंक रहा हो। संजू सैमसन को नंबर 5 पर डालना तो बिल्कुल गलत फैसला था, वो तो टीम का निशाना है ना, उसे नंबर 3 पर रखो, रुतुराज को ओपनर बनाओ, और एक असली ऑलराउंडर लाओ। ये टीम बनाने वाले तो फुटबॉल के नियम भी नहीं जानते।
ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है जिसमें BCCI और ICC ने मिलकर जिम्बाब्वे को हारने के लिए तैयार किया है ताकि भारत की ताकत दिखाई जा सके। देखो ना कैसे उनकी फील्डिंग इतनी खराब है और फिर भी 159 बनाने में कामयाब हो गए? ये तो जानबूझकर दिया गया नतीजा है। अगर वो वाकई अच्छे होते तो भारत के खिलाफ 200+ बना लेते। ये सब चल रहा है ताकि नए खिलाड़ियों को बाहर रखा जा सके।
इस टीम को तो तुरंत बदल देना चाहिए। यशस्वी जायसवाल को बाहर करो, अभिषेक शर्मा को गेंदबाजी के लिए नहीं बल्लेबाजी के लिए बुलाया गया था। ये चारों ओपनर्स एक टीम में नहीं आ सकते। ये तो बालक बनाने वाले ने बनाई है, न कि कोच। इस तरह दुनिया के सामने लगातार शर्मिंदगी बढ़ रही है। अगर ये रणनीति जारी रही तो अगले विश्व कप में भारत की टीम एक बच्चे की टीम बन जाएगी।
भारत की टीम का नाम ही देखो - भारत! ये टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ भी जीत रही है, तो आप लोग क्या शिकायत कर रहे हैं? गेंदबाजी में कमी है? तो अच्छा होगा कि आप उसकी जगह लें। इतने सालों से भारतीय क्रिकेट का इतिहास बनाया जा रहा है, और आज एक छोटी सी गलती पर ताने मारने लगे। अगर आप इतने बुद्धिमान हैं तो खुद टीम बनाइए, और फिर बताइए कि कैसे जीतते हैं। ये टीम भारत का गौरव है, और आप इसे नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि ये चार ओपनर्स का फैसला क्यों लिया गया? क्या ये एक नया रणनीतिक प्रयोग है? क्या टीम चयनकर्ता यह जानते हैं कि टी20 में बल्लेबाजी का अंतिम दस ओवर ही निर्णायक होता है? और अगर हां, तो क्यों संजू सैमसन को नंबर 5 पर रखा गया? क्या उनका उद्देश्य बल्लेबाजी को असंतुलित करना था? या फिर ये एक बड़ा ट्रेनिंग एक्सपेरिमेंट है? क्या ये अगले विश्व कप के लिए नए बल्लेबाजों को टेस्ट बनाने की कोशिश है? ये सवाल तो जानबूझकर नहीं छोड़े जाने चाहिए।
जिम्बाब्वे की टीम बहुत अच्छी तरह से खेल रही है, बस फील्डिंग में थोड़ा सुधार चाहिए। उनके युवा खिलाड़ियों को इस शृंखला में बहुत अच्छा अनुभव मिल रहा है। भारत के लिए भी अब एक अतिरिक्त गेंदबाज की जरूरत है, लेकिन ये निर्णय लेना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ओपनर्स का बल्ला भी बहुत अच्छा चल रहा है। शायद अगले मैच में एक ऑलराउंडर को शामिल करना बेहतर होगा। इस तरह टीम का संतुलन बना रहेगा।
यार, ये चार ओपनर्स का फैसला तो बिल्कुल बेकार है। एक तरफ रुतुराज और यशस्वी जैसे बल्लेबाज हैं, दूसरी तरफ अभिषेक शर्मा को गेंदबाजी के लिए नहीं बल्लेबाजी के लिए डाला गया। भारत की टीम में एक अच्छा ऑलराउंडर चाहिए, जो बल्ला भी मार सके और गेंद भी फेंक सके। शिवम दूबे को अगर गेंदबाजी के लिए नहीं रखा जा सकता, तो उसे बाहर रख दो। और जिम्बाब्वे के लिए तो बहुत बढ़िया अवसर है, वो अपने युवाओं को आजमा रहे हैं, भारत भी ऐसा ही करे।