बजट 2025: शेयर बाजार की लाइव अपडेट्स - फरवरी 1, 2025 में निफ्टी और सेंसेक्स

बजट 2025: शेयर बाजार की लाइव अपडेट्स - फरवरी 1, 2025 में निफ्टी और सेंसेक्स

फ़र॰, 1 2025

बजट का महत्व और आर्थिक स्थिति

फरवरी का महीना भारतीय वित्तीय जगत के लिए हमेशा से कुछ खास रहा है क्योंकि इसी महीने में सरकार का वार्षिक बजट पेश होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार अपना आठवां बजट प्रस्तुत करने जा रही हैं। हर साल की तरह इस बार भी निवेशक और बाजार सहभागियों के कान सरकार की ओर लगे हैं। बजट का मुख्य आकर्षण यह है कि यह सरकार की आगामी वित्तीय और आर्थिक नीति का खाका पेश करता है। ऐसे समय में जब वैश्विक और घरेलू संकेतकों में अनिश्चितता बनी हुई है, बजट से संबंधित घोषणाएं बाजार की दिशा तय कर सकती हैं।

शेयर बाजार की प्रतिक्रियाएं

शुक्रवार की बात करें तो शेयर बाजार ने सकारात्मक संकेत दिए। सेंसेक्स ने 741 अंकों की धमाकेदार बढ़त के साथ बाजार की उम्मीदों को उच्चतर कर दिया। निफ्टी भी 23,500 के अहम स्तर से ऊपर बंद हुआ। यह भारतीय बाजार में निवेशकों की सकरात्मक सोच को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष शुरुआत से ही शेयर बाजार ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, और ऐसे में यह सकारात्मक संकेत काफी कुछ बताते हैं। बजट से पहले निवेशकों का यह रवैया इस बात की पुष्टि करता है कि सरकार से इस बार भी काफी उम्मीदें हैं, खासकर युवा और मध्यम वर्ग के लिए टैक्स सुधारों की अपेक्षा।

अमेरिकी बाजार में मंदी के संकेत

जबकि भारतीय बाजार ने सकारात्मकता दिखाई, वहीं अमेरिकी बाजार में स्थिति कुछ अलग रही। व्हाइट हाउस के कुछ बयानों ने अमेरिकी निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया और इसी वजह से अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिकन अर्थव्यवस्था के तत्व भारतीय बाजार को किस प्रकार प्रभावित करते हैं। किसी भी प्रकार की नकारात्मकता का असर सीधे तौर पर भारतीय बाजार में देखा जा सकता है।

आगामी बजट से अपेक्षाएं

आगामी बजट से अपेक्षाएं

बजट से संभावित अपेक्षाओं की बात करें तो अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री कुछ सकारात्मक कदम उठा सकती हैं जो सीधे तौर पर निवेशकों और आम लोगों को लाभान्वित करें। टैक्स सुधारों की संभावना की जा रही है, जिससे निजी उपभोग और खपत में वृद्धि हो सकती है। आम जनता भी सरकार की ओर से बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के समाधान की अपेक्षा कर रही है। इन सबके बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री किस प्रकार की घोषणाएं करती हैं और उनमें से कितनी घोषणाएं प्रभावकारी साबित होती हैं।

वित्तीय वर्ष 2025 की चुनौतियाँ

आम बजट की गुणवत्ता का आंकलन केवल उसकी घोषणाओं से नहीं किया जाता, बल्कि यह भी देखा जाता है कि बजट घोषणाएं व्यावहारिकता में कितनी उतर पाती हैं। वित्तीय वर्ष 2025 के लिए सरकार की राह आसान नहीं है। वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था के सामने कोरोना महामारी के बाद की चुनौतियाँ अभी भी जारी हैं, वहीं घरेलू समस्याओं में भी कमी नहीं है। अगले कुछ महीनों में बेरोजगारी दर और महंगाई पर काबू पाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। बजट की इन घोषणाओं के अलहदा नये रोजगार के अवसर उत्पन्न करना और वित्तीय अनुशासन का पालन भी महत्वपूर्ण है।

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