पेरिस ओलंपिक्स में जर्मनी से हारकर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्पेन से भिड़ेगी

पेरिस ओलंपिक्स में जर्मनी से हारकर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्पेन से भिड़ेगी

अग॰, 7 2024

भारतीय हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन

पेरिस 2024 ओलंपिक्स में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, हालांकि सेमीफाइनल में उन्हें जर्मनी से 3-2 की हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद टीम इंडिया ने दर्शाया कि वे किसी भी टीम से पीछे नहीं हैं और खेल के हर पहलू में उन्होंने उत्कृष्टता दिखाई। अब भारतीय टीम का अगला मुकाबला स्पेन से ब्रॉन्ज मेडल के लिए है।

सेमीफाइनल की महत्वपूर्ण झलकियां

यह मैच कोलम्बस स्थित यीव्स-दु-मानोइर स्टेडियम में खेला गया था। मैच की शुरुआत के साथ ही भारत ने अपना दबदबा बनाया और शुरुआती बढ़त हासिल की। हार्मनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर का फायदा उठाकर पहली जीत हासिल की। हालांकि, जर्मनी ने जल्द ही गोलांजो पीलात के पेनल्टी कॉर्नर से बराबरी कर दी। इसके बाद, जर्मनी के क्रिस्टोफर रूहर द्वारा पेनल्टी स्ट्रोक को सफलतापूर्वक गोल में बदलकर जर्मनी ने बढ़त बना ली।

भारत ने भी हार मानने का नाम नहीं लिया और सुखजीत सिंह के गोल से स्कोर को फिर से बराबर कर दिया। लेकिन चौथे क्वार्टर में मार्को मिल्टकॉ के गोल ने जर्मनी की जीत सुनिश्चित कर दी।

विशेष खिलाड़ी: हार्दिक सिंह और पीआर श्रीजेश

इस मैच में भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ियों ने उलंघनीय प्रदर्शन किया। हार्दिक सिंह ने मध्य क्षेत्र में अपनी पूरी ताकत और कौशल से जर्मन खिलाड़ियों को रोके रखा। वहीं, भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने उत्कृष्ट बचाव से कई गोल रोककर टीम का मनोबल बढ़ाया। पीआर श्रीजेश का यह अंतरराष्ट्रीय करियर का अंतिम मैच था, जिसमें उन्होंने अपनी शानदार प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया।

अगला मुकाबला: स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल

अब भारतीय टीम का अगला लक्ष्य स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल जीतना है। यह मैच 8 अगस्त को होगा और इसमें भारतीय टीम का मान खेल पाना उनके लिए गर्व की बात होगी। टीम के कोच और खिलाड़ियों के लिए यह मुकाबला अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह पीआर श्रीजेश का भी अंतिम योगदान होगा।

कांस्य पदक के लिए उच्च आशाएं

कांस्य पदक के लिए उच्च आशाएं

भले ही सेमीफाइनल में हार मिली हो, भारतीय टीम ने अपने दृढ़ संकल्प और उच्च खेल भावना से यह साबित किया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। टीम अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत ने पिछले ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और अब वे इसे दोहराने की तैयारी कर रहे हैं।

9 टिप्पणियाँ

  • Animesh Shukla
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Animesh Shukla
    00:03 पूर्वाह्न 08/ 9/2024
    इस मैच के बाद लगा जैसे हर गोल एक फिलॉसफिकल मोमेंट था... हार्मनप्रीत का पेनल्टी कॉर्नर सिर्फ गोल नहीं, एक अपील थी देश के लिए। और फिर जर्मनी का रूहर... जैसे कोई इतिहास के पन्ने पलट रहा हो। श्रीजेश का गोलकीपिंग? वो तो धैर्य का अवतार था। ये टीम ब्रॉन्ज के लिए नहीं, एक नए इतिहास के लिए खेल रही है।
  • Abhrajit Bhattacharjee
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Abhrajit Bhattacharjee
    13:50 अपराह्न 08/10/2024
    जर्मनी के खिलाफ ये प्रदर्शन भारतीय हॉकी के इतिहास में सबसे बड़ा आत्मविश्वास का प्रमाण है। हार के बावजूद टीम ने दुनिया को दिखा दिया कि हम कितने आगे आ चुके हैं। स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल के लिए तैयारी शुरू कर दो, ये टीम अब किसी के डर के आगे नहीं झुकेगी।
  • Raj Entertainment
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Raj Entertainment
    17:34 अपराह्न 08/11/2024
    भाई ये टीम तो अब बस दिल जीत रही है। हार्दिक का मिडफील्ड गेम, श्रीजेश का फिनाले... ये देखकर लगता है जैसे हमारे पास अब बड़े खिलाड़ी हैं। ब्रॉन्ज के लिए बस एक बार और फोकस करो, बाकी बातें बाद में। जय हिंद!
  • Manikandan Selvaraj
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Manikandan Selvaraj
    16:28 अपराह्न 08/12/2024
    ये सब बकवास है बस एक टीम जर्मनी से हार गई और अब लोग ब्रॉन्ज के लिए जश्न मना रहे हैं? श्रीजेश का अंतिम मैच? अरे भाई ये तो बस एक फेक न्यूज है जिसे टीवी चैनल्स बना रहे हैं। जर्मनी ने हमें टूट दिया और अब ये रोमांच बनाने की कोशिश है
  • Naman Khaneja
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Naman Khaneja
    12:44 अपराह्न 08/13/2024
    वाह भाई ये टीम तो बस दिल जीत रही है 😭🔥 हार्दिक तो जान लगा रहा था, श्रीजेश ने तो बचाया जैसे अपनी जान गवाने वाला हो! ब्रॉन्ज मेडल तो बनेगा ही, इस टीम के लिए कोई नहीं रोक सकता 💪🇮🇳
  • Gaurav Verma
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Gaurav Verma
    05:14 पूर्वाह्न 08/15/2024
    श्रीजेश का अंतिम मैच? ये तो बस एक बड़ा गुमराही है... किसी ने उन्हें जानबूझकर निकाल दिया होगा। ये ओलंपिक्स ही एक बड़ा धोखा है। ब्रॉन्ज मेडल? बस एक दर्द को ढकने का नाम है।
  • Fatima Al-habibi
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Fatima Al-habibi
    05:52 पूर्वाह्न 08/16/2024
    क्या ये टीम के बारे में लिखा गया या एक नाटक का स्क्रिप्ट? हर गोल को फिलॉसफिकल बना दिया गया। और श्रीजेश का अंतिम मैच... ये जानकारी अचानक कहाँ से आई? ये लेख ज्यादा भावुक है, ज्यादा संवादात्मक।
  • Nisha gupta
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Nisha gupta
    19:50 अपराह्न 08/16/2024
    हार के बाद भी ये टीम ने एक नए आत्मविश्वास की शुरुआत की है। जर्मनी के खिलाफ ये लड़ाई ने सिर्फ एक मैच नहीं, एक नए युग की शुरुआत की। ब्रॉन्ज मेडल अब सिर्फ एक पदक नहीं, एक अर्थ का प्रतीक है। श्रीजेश के लिए ये अंतिम योगदान भी उनकी अद्वितीय विरासत है।
  • Roshni Angom
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Roshni Angom
    04:52 पूर्वाह्न 08/18/2024
    ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्पेन के खिलाफ मैच... असल में ये टीम ने पहले ही जीत ली है। जर्मनी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी, उसमें उनकी आत्मा दिख गई। श्रीजेश के लिए ये अंतिम मैच हो या न हो, उनका नाम अब हमारे दिलों में अमर है। बस एक बार और खेलो, बस एक बार... हम तुम्हारे साथ हैं।

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