दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। सक्सेना का कहना है कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानबूझकर कम कैलोरी का सेवन कर रहे हैं, जिससे उनकी सेहत में गिरावट आ रही है। तिहाड़ जेल की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल prescribed चिकित्सा आहार और दवाएं, जिनमें इंसुलिन भी शामिल है, नहीं ले रहे हैं। यह रिपोर्ट एक चिंता का विषय बन गई है क्योंकि केजरीवाल को पर्याप्त मात्रा में घर का बना खाना उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन वे इसे ग्रहण नहीं कर रहे हैं।
सक्सेना की चिंता
उपराज्यपाल ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जाहिर की है और जेल प्रशासन को यह सुझाव दिया है कि वे केजरीवाल को उनकी prescribed डाइट और दवाओं का पालन करने की सलाह दें। सक्सेना के मुताबिक, ऐसा न करने से केजरीवाल की सेहत को भारी नुकसान हो सकता है। उनके मुताबिक, केजरीवाल का जानबूझकर कम कैलोरी लेना उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है और इसके पीछे क्या कारण है, इसका जांच होना आवश्यक है।
आप की प्रतिक्रिया
सक्सेना के इस दावे पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सब केजरीवाल को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। AAP नेताओं का कहना है कि केजरीवाल की शुगर लेवल अत्यधिक गिर चुका है, जो उन्हें कोमा और मस्तिष्क क्षति के जोखिम में डाल सकता है। AAP के अनुसार, केजरीवाल को जेल में उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है, जो उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
राजनीतिक संघर्ष
केजरीवाल की सेहत को लेकर AAP और भाजपा के बीच राजनीतिक संघर्ष और तेज हो गया है। AAP का कहना है कि जेल में केजरीवाल को सही समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं दी जा रही है, जबकि भाजपा इसे राजनीति का हिस्सा बता रही है। AAP ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाने की धमकी दी है, जिससे यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
समस्या का समाधान
केजरीवाल की सेहत की बिगड़ती स्तिथि के साथ ही, सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका समाधान क्या होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जेल प्रशासन को इस मामले में निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए और केजरीवाल को prescribed डाइट और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह न केवल केजरीवाल की सेहत के लिए बल्कि उनके मानवाधिकारों के लिए भी गंभीर हानिकारक हो सकता है।
इस मुद्दे पर जनता की भी मिली-जुली राय है। कुछ लोग इसे राजनीतिक खेल बता रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इसमें सच्चाई हो सकती है। इसके अलावा, केजरीवाल के समर्थक भी इस मामले को लेकर चिंतित हैं और उनकी सेहत की सुध लेने की मांग कर रहे हैं।
समर्थकों की मांग
केजरीवाल के समर्थकों ने भी उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता जाहिर की है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने अभियान शुरू किया है, जिसमें जेल प्रशासन से केजरीवाल को उचित उपचार और आहार देने की मांग की जा रही है। इसके अलावा, कई मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी किए हैं और जेल प्रशासन से पारदर्शिता और जिम्मेदारी की मांग की है।
इस प्रकार, केजरीवाल की सेहत को लेकर खड़ा हुआ यह मुद्दा केवल राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय भी है। ऐसे समय में जब राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हुए हैं, यह जरूरी है कि केजरीवाल को उचित चिकित्सा सुविधा और आहार मुहैया कराया जाए, ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके।
ये सब राजनीति है बस। खाना खा रहा है या नहीं, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
अरे भाई, ये तो भाजपा का नया टैक्टिक है - कम कैलोरी = गद्दार = ट्रेचर। जेल में इंसुलिन नहीं देना? ये तो जीवन निर्माण का अपराध है। अब तो यूएनएचसीआर को भी बुलाना पड़ेगा।
आहार नियमों का पालन न करना, एक राजनीतिक अभियान का हिस्सा है। यह असामान्य व्यवहार है, और इसका उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत शक्ति के लिए किया जा रहा है।
इंसुलिन नहीं लेना? 😱 ये तो बहुत गंभीर है... क्या ये भी एक ट्रेनिंग है? 🤔 जैसे योगा, जैसे फास्टिंग... क्या ये भी एक नया आप ट्रेंड है? 🍚🩸
केजरीवाल का डाइट चार्ट तो बहुत ही स्मार्ट है... कम कैलोरी = ज्यादा वोट्स? 😅 लेकिन ये गलत लग रहा है... ये तो जेल में भी ब्रेकफास्ट नहीं दे रहे? 😳
कम कैलोरी? हा हा... ये तो जेल में खाना बनाने वाले लोगों का बदला है। AAP के लोगों को नहीं देखा गया था जब वो बिना चावल के डालिया खाते थे।
उम्मीद है कि केजरीवाल जी ठीक हो जाएंगे 🙏 उनकी सेहत सबके लिए जरूरी है। बस थोड़ा धैर्य रखें और देखें कि क्या होता है।
ये सब नाटक है। जेल में खाना नहीं खाता? तो फिर वो क्या खाता है? वो तो बिना चावल के भी दिल्ली चला आया है। बस फेक न्यूज़ फैला रहा है।
कम कैलोरी? अरे ये तो बहुत अच्छा है! भारत में तो लोग भूखे मर रहे हैं और ये लोग अपनी डाइट नहीं खा रहे? ये तो जेल का बहाना है।
जेल में इंसुलिन नहीं देना = राष्ट्रीय अपराध। ये नहीं हो सकता। अगर ये सच है तो ये जेल नहीं, ये अपराध का घर है।
केजरीवाल की डाइट को लेकर ये सब चिंता बहुत अजीब है। अगर वो खाना नहीं खा रहे हैं, तो शायद उन्हें खाने की जरूरत नहीं है। वो तो ज्ञान का भोजन खा रहे हैं।
ये तो बहुत बड़ी साजिश है... जेल में खाना नहीं देना... इंसुलिन नहीं देना... ये सब भाजपा की चाल है... अब तो वो चाय भी नहीं पिलाएंगे... ये तो अंतिम योजना है...
क्या कोई जानता है कि जेल में खाना कैसा होता है? क्या वो वाकई इतना खराब है कि खाना नहीं खाया जा सकता? 😔
इस देश में जब एक आदमी जेल में है, तो उसका खाना भी राजनीति बन जाता है। इंसुलिन की डोज़ भी अब एक चुनावी प्रचार का हिस्सा है। क्या हमारी संस्कृति इतनी गिर चुकी है कि एक आदमी के शरीर के इंजेक्शन को भी वोट के लिए इस्तेमाल किया जाए? ये नहीं होना चाहिए।
हमने देखा है कि जब एक नेता अपने देश के लिए लड़ता है, तो उसकी सेहत भी उसकी लड़ाई का हिस्सा बन जाती है। लेकिन क्या हम इस लड़ाई को इतना व्यक्तिगत बना सकते हैं? क्या एक इंसान का शरीर भी राजनीति का खेल बन सकता है?
क्या हम भूल गए कि जेल में भी इंसानियत है? क्या हम भूल गए कि जेल के अंदर भी एक आदमी का अधिकार होता है? ये सिर्फ एक नेता नहीं, एक इंसान है।
और अगर वो खाना नहीं खा रहे हैं, तो शायद उन्हें खाने की जरूरत नहीं है। शायद उनका शरीर उनके विचारों को अपने अंदर समेट रहा है।
हम तो बस इस बात पर बहस कर रहे हैं कि कौन सच बोल रहा है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि शायद दोनों गलत हैं? शायद वो खाना खा रहे हैं, लेकिन उनकी सेहत खराब हो रही है क्योंकि जेल की हालत बहुत खराब है।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जेल की स्थिति क्या है। न कि इस बात पर कि कौन क्या खा रहा है।
ये सब राजनीति है। लेकिन जब राजनीति इंसान के शरीर तक पहुंच जाए, तो ये राजनीति नहीं, ये अपराध है।
कम कैलोरी? ये तो बहुत आसान है... जब तक वो जेल में हैं, तब तक वो खाना नहीं खाएंगे... ये तो उनकी नीति है... जेल में खाना नहीं खाना = आपको वोट दूंगा... ये तो बहुत बड़ी चाल है...
ये तो बहुत बुरा है! जेल में इंसुलिन नहीं देना? ये तो अपराध है! ये तो जेल के अंदर हत्या है! क्या हम इतने निर्मम हो गए हैं?
आहार का नियमन राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। जेल में खाना नहीं खाना एक राजनीतिक अपराध है। इसकी जांच तुरंत की जानी चाहिए।
क्या वाकई वो खाना नहीं खा रहे हैं? या फिर उन्हें खाना नहीं मिल रहा है? क्या हम इस बात को भूल रहे हैं कि जेल की स्थिति भी बहुत खराब है? क्या हम इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि जेल में खाना कैसा है?
क्या हम इस बात पर नहीं सोच रहे हैं कि जेल में भी इंसानियत है? क्या हम इस बात को भूल रहे हैं कि जेल में भी एक आदमी का अधिकार होता है?
क्या हम इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि जेल की स्थिति क्या है? न कि इस बात पर कि कौन क्या खा रहा है?
ये सब राजनीति है। लेकिन जब राजनीति इंसान के शरीर तक पहुंच जाए, तो ये राजनीति नहीं, ये अपराध है।
मुझे उम्मीद है कि केजरीवाल जी जल्दी ठीक हो जाएंगे। उनकी सेहत हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बस थोड़ा धैर्य रखें और उनके लिए प्रार्थना करें।
भाई, जेल में खाना नहीं खाना तो बहुत अच्छा है... लेकिन अगर वो खाना नहीं खा रहे हैं, तो शायद उन्हें खाने की जरूरत नहीं है... वो तो ज्ञान का भोजन खा रहे हैं।