जुल॰, 21 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। सक्सेना का कहना है कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानबूझकर कम कैलोरी का सेवन कर रहे हैं, जिससे उनकी सेहत में गिरावट आ रही है। तिहाड़ जेल की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल prescribed चिकित्सा आहार और दवाएं, जिनमें इंसुलिन भी शामिल है, नहीं ले रहे हैं। यह रिपोर्ट एक चिंता का विषय बन गई है क्योंकि केजरीवाल को पर्याप्त मात्रा में घर का बना खाना उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन वे इसे ग्रहण नहीं कर रहे हैं।
सक्सेना की चिंता
उपराज्यपाल ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जाहिर की है और जेल प्रशासन को यह सुझाव दिया है कि वे केजरीवाल को उनकी prescribed डाइट और दवाओं का पालन करने की सलाह दें। सक्सेना के मुताबिक, ऐसा न करने से केजरीवाल की सेहत को भारी नुकसान हो सकता है। उनके मुताबिक, केजरीवाल का जानबूझकर कम कैलोरी लेना उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है और इसके पीछे क्या कारण है, इसका जांच होना आवश्यक है।
आप की प्रतिक्रिया
सक्सेना के इस दावे पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सब केजरीवाल को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। AAP नेताओं का कहना है कि केजरीवाल की शुगर लेवल अत्यधिक गिर चुका है, जो उन्हें कोमा और मस्तिष्क क्षति के जोखिम में डाल सकता है। AAP के अनुसार, केजरीवाल को जेल में उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है, जो उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
राजनीतिक संघर्ष
केजरीवाल की सेहत को लेकर AAP और भाजपा के बीच राजनीतिक संघर्ष और तेज हो गया है। AAP का कहना है कि जेल में केजरीवाल को सही समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं दी जा रही है, जबकि भाजपा इसे राजनीति का हिस्सा बता रही है। AAP ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाने की धमकी दी है, जिससे यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
समस्या का समाधान
केजरीवाल की सेहत की बिगड़ती स्तिथि के साथ ही, सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका समाधान क्या होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जेल प्रशासन को इस मामले में निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए और केजरीवाल को prescribed डाइट और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह न केवल केजरीवाल की सेहत के लिए बल्कि उनके मानवाधिकारों के लिए भी गंभीर हानिकारक हो सकता है।
इस मुद्दे पर जनता की भी मिली-जुली राय है। कुछ लोग इसे राजनीतिक खेल बता रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इसमें सच्चाई हो सकती है। इसके अलावा, केजरीवाल के समर्थक भी इस मामले को लेकर चिंतित हैं और उनकी सेहत की सुध लेने की मांग कर रहे हैं।
समर्थकों की मांग
केजरीवाल के समर्थकों ने भी उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता जाहिर की है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने अभियान शुरू किया है, जिसमें जेल प्रशासन से केजरीवाल को उचित उपचार और आहार देने की मांग की जा रही है। इसके अलावा, कई मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी किए हैं और जेल प्रशासन से पारदर्शिता और जिम्मेदारी की मांग की है।
इस प्रकार, केजरीवाल की सेहत को लेकर खड़ा हुआ यह मुद्दा केवल राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय भी है। ऐसे समय में जब राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हुए हैं, यह जरूरी है कि केजरीवाल को उचित चिकित्सा सुविधा और आहार मुहैया कराया जाए, ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके।