राष्ट्रमंडल खेलों 2022: भारतीय निशानेबाज़ों की खास तैयारी

राष्ट्रमंडल खेलों 2022: भारतीय निशानेबाज़ों की खास तैयारी

सित॰, 22 2024

भारतीय दल का जोश और तैयारी

राष्ट्रमंडल खेल 2022 के लिए भारतीय निशानेबाज पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे। निशानेबाज़ों ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशिष्ट योजनाएं बनाई हैं और कठिन परिश्रम किया है। बैंगलोर का ट्रेनिंग कैम्प इसकी गवाही देता है जहाँ निशानेबाज़ दिन-रात अभ्यास कर रहे हैं। इस बार भारतीय दल में युवा और अनुभवियों का मिश्रण है, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से उम्मीदें जगाई हैं।

इस विशेष ट्रैनिंग कैम्प में खेल की अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग हो रहा है। कोच और प्रशिक्षकों ने भी निशानेबाजों को बेहतर बनाने के लिए अनवरत प्रयास किए हैं। कोचों के अनुसार, इस बार भारतीय दल पूरी तरह से तैयार है और अपनी प्रतिभा से सभी को आश्चर्यचकित करेगा।

युवा निशानेबाज़ों की ऊर्जा

भारतीय दल में कई युवा निशानेबाज़ हैं जिनकी प्रतिभा और ऊर्जा ने सभी का ध्यान खींचा है। इन युवा खिलाड़ियों ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी जगह बनाई है। उदाहरण के तौर पर, युवा निशानेबाज़ अंशिका शर्मा ने पिछले वर्ष के अंदर कई महत्वपूर्ण पदक जीते हैं और अब राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार हैं।

युवाओं की यह ऊर्जा और जोश टीम के दूसरे सदस्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन जाता है। टीम में उनके शामिल होने से सभी निशानेबाज़ों का मनोबल उच्च बना हुआ है। कोच भी मानते हैं कि इनकी उपस्थिति से पूरी टीम को लाभ पहुंचेगा।

अनुभवी खिलाड़ियों का योगदान

अनुभवी खिलाड़ियों का योगदान

टीम में अनुभवी निशानेबाज़ भी हैं जिन्होंने अपने अनुभव और सलाह से युवाओं को मार्गदर्शन दिया है। अनुभवी निशानेबाज जैसे कि रंजीत सिंह और शेखर चौधरी ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उनकी ट्रेनिंग और प्रतियोगिता के अनुभवों ने युवाओं को नए टिप्स और ट्रिक्स सिखाए हैं जो प्रतियोगिता में निर्णायक साबित हो सकते हैं।

इन खिलाड़ियों के मार्गदर्शन में युवा निशानेबाजों ने अपने प्रदर्शन को निखारा है और छोटी-छोटी गलतियों को सुधारा है। इसके चलते टीम का समग्र प्रदर्शन बेहतर हुआ है और उनकी जीत की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।

खास रणनीतियां और तकनीक

भारतीय निशानेबाज़ों ने इस बार विशेष रणनीतियां बनाई हैं। उनकी योजनाओं में प्रत्येक शॉट की बारीकी और एकाग्रता पर खास ध्यान दिया गया है। ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए अभ्यास करवाया गया है ताकि खिलाड़ियों को हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके।

खास तकनीकों का उपयोग भी इस बार भारतीय निशानेबाज करेंगे। नवीनतम उपकरण और तकनीक के साथ-साथ मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने के लिए योग और ध्यान की विधियों को भी शामिल किया गया है। इन सबके माध्यम से खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

उम्मीदों का भार

उम्मीदों का भार

भारतीय निशानेबाजों पर इस बार बहुत सारी उम्मीदें हैं। पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल ने अच्छा प्रदर्शन किया था और इस बार भी लोगों की उम्मीदें उतनी ही अधिक हैं। प्रत्येक खिलाड़ी ने इस चुनौती को स्वीकार किया है और अपनी पूरी ताक़त से प्रयास कर रहा है।

ट्रेनिंग कैम्प में खिलाड़ियों की लगन और मेहनत देखकर उम्मीद बंधती है कि इस बार भी भारतीय दल राष्ट्रमंडल खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करेगा। कोचों का मानना है कि अगर निशानेबाज अपनी योजना और तकनीक पर दृढ़ रहें, तो वे निश्चित तौर पर पदक जीत कर लौटेंगे।

17 टिप्पणियाँ

  • Shivakumar Lakshminarayana
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Shivakumar Lakshminarayana
    13:08 अपराह्न 09/23/2024
    ये सब बकवास है। निशानेबाजी में कोई ट्रेनिंग नहीं चलती। बस एक बार निशाना लगा दो और चलो घर। ये सारे योग और ध्यान बस टीवी पर दिखाने के लिए हैं।
  • Parmar Nilesh
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Parmar Nilesh
    19:43 अपराह्न 09/24/2024
    हमारे निशानेबाज़ तो दुनिया के सबसे तेज़ दिमागों के मालिक हैं! जिन्होंने अपनी आत्मा को बंदूक में बदल दिया है! ये योग-ध्यान? बस एक नाम है - असली ताकत तो हमारे वैदिक खून में है! दुनिया देखेगी कि भारत कैसे सोने का ढेर बना देगा!
  • Arman Ebrahimpour
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Arman Ebrahimpour
    18:39 अपराह्न 09/26/2024
    ये सब तैयारी बस एक धोखा है... जानते हो क्या हो रहा है? वो निशानेबाज़ जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है... वो सब चुने हुए हैं। बाकी जिन्होंने खेला वो गायब हो गए... क्यों? क्योंकि वो सच्चे नहीं थे। सरकार का नाम लेने वाले ही चलते हैं।
  • SRI KANDI
    के द्वारा प्रकाशित किया गया SRI KANDI
    21:32 अपराह्न 09/27/2024
    अच्छा है कि युवाओं को मौका मिल रहा है... बस उन्हें दबाव न दें। खेल खेलने का है, न कि देश का नाम रोशन करने का।
  • Ananth SePi
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Ananth SePi
    11:57 पूर्वाह्न 09/29/2024
    इतनी गहरी तैयारी... ये बस एक खेल नहीं, ये तो एक दर्शन है। जब एक निशानेबाज़ अपनी सांसों को नियंत्रित करता है, तो वो अपने अंदर के ब्रह्मांड को छू रहा होता है। ये योग, ये ध्यान, ये निशाना... ये सब एक ही चीज़ है - आत्मा की एकाग्रता। और भारत इसे दुनिया को सिखा रहा है।
  • Gayatri Ganoo
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Gayatri Ganoo
    02:58 पूर्वाह्न 09/30/2024
    अंशिका शर्मा के बारे में सब बातें झूठ हैं वो तो किसी ने नहीं देखा कभी उसका नाम किसी रिकॉर्ड में नहीं है और ये सब फेक न्यूज़ है
  • harshita sondhiya
    के द्वारा प्रकाशित किया गया harshita sondhiya
    19:47 अपराह्न 10/ 1/2024
    अरे भाई ये सब गप्पें क्यों बुन रहे हो? जब तक आप लोग अपने घर की बिजली नहीं चलाओगे तब तक निशानेबाज़ी का नाम क्यों ले रहे हो? ये खिलाड़ी तो सिर्फ टीवी पर दिखते हैं, बाकी तो बर्बाद हैं!
  • Balakrishnan Parasuraman
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Balakrishnan Parasuraman
    18:25 अपराह्न 10/ 2/2024
    भारत की शक्ति केवल उन लोगों से आती है जो बिना शोर किए काम करते हैं। ये निशानेबाज़ इसी की जीवंत प्रतीक हैं। विजय निश्चित है।
  • Animesh Shukla
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Animesh Shukla
    02:26 पूर्वाह्न 10/ 4/2024
    क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक निशानेबाज़ बंदूक उठाता है, तो वो अपने अंदर के सारे डर, संदेह, और उम्मीदों को भी उठाता है? ये खेल बस निशाना लगाने का नहीं... ये अपने आप को जीतने का खेल है। इसलिए ये जीत भारत के लिए नहीं... ये इंसान के लिए है।
  • Raj Entertainment
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Raj Entertainment
    05:40 पूर्वाह्न 10/ 4/2024
    युवाओं को बस थोड़ा सा समय दो। वो अपना रास्ता बना लेंगे। आप लोग बस उनके साथ खड़े रहो। ये खेल जीतने का नहीं... बस खेलने का है।
  • Manikandan Selvaraj
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Manikandan Selvaraj
    03:50 पूर्वाह्न 10/ 5/2024
    अंशिका शर्मा कौन है? क्या वो किसी राजनेता की बेटी है? ये सब फेक है। बस नाम बनाने के लिए निकाल दिए गए हैं। असली खिलाड़ी तो गायब हैं।
  • Naman Khaneja
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Naman Khaneja
    00:05 पूर्वाह्न 10/ 7/2024
    बहुत बढ़िया हुआ! ये लोग तो बहुत मेहनत कर रहे हैं। बस थोड़ा सा सपोर्ट दो... वो जीत जाएंगे! 💪🇮🇳
  • Gaurav Verma
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Gaurav Verma
    12:39 अपराह्न 10/ 8/2024
    ये ट्रेनिंग कैम्प एक फैक्ट्री है। बच्चों को बेच रहे हैं। जब तक ये निशाना नहीं लगाते, तब तक नहीं छोड़ेंगे।
  • Fatima Al-habibi
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Fatima Al-habibi
    05:40 पूर्वाह्न 10/10/2024
    क्या आप वाकई मानते हैं कि एक युवा खिलाड़ी, जिसका नाम किसी राष्ट्रीय रिकॉर्ड में नहीं है, अचानक एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में जीत सकता है? यह बहुत आसान लगता है।
  • Nisha gupta
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Nisha gupta
    19:08 अपराह्न 10/11/2024
    प्रतियोगिता का मतलब जीतना नहीं, बल्कि अपनी सीमाओं को पार करना है। ये खिलाड़ी अपने अंदर के डर को हरा रहे हैं। ये जीत उनकी है। देश की नहीं।
  • Roshni Angom
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Roshni Angom
    14:50 अपराह्न 10/12/2024
    ये टीम बहुत अच्छी लग रही है... युवा और अनुभवी एक साथ... ये तो जीवन का असली सबक है। बस इतना ही चाहिए - सम्मान, साथ, और शांति।
  • vicky palani
    के द्वारा प्रकाशित किया गया vicky palani
    15:24 अपराह्न 10/13/2024
    ये सब तो बस बजट का निकास है। अगर ये खिलाड़ी असली होते तो अपने घर के पास अभ्यास करते। ये सब बस नाम कमाने के लिए है।

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