झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल से रिहा, उच्च न्यायालय ने दी जमानत

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल से रिहा, उच्च न्यायालय ने दी जमानत

जून, 29 2024

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली जमानत

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है। झारखंड उच्च न्यायालय ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दी है, जिसके बाद उन्हें बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से रिहाई मिली। सोरेन की गिरफ्तारी 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भूमि घोटाले के मामले में की थी। कोर्ट के आदेशानुसार, सोरेन को 50,000 रुपये के बांड और दो जमानती प्रस्तुत करने होंगे।

मामले का संक्षिप्त विवरण

गिरफ्तारी से पहले, हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे। उनके खिलाफ ईडी ने एक भूमि घोटाले के मामले में जांच शुरू की थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी शामिल थे। जांच के दौरान, ईडी ने यह पाया कि कुछ भूमि हस्तांतरण सौदे अवैध थे और सोरेन का नाम इन सौदों में सामने आया।

कोर्ट का निर्णय और सोरेन की जमानत

झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रोंगन मुखोपाध्याय की बेंच ने सोरेन की जमानत याचिका स्वीकार की। जमानत की शर्तों के अनुसार, सोरेन को 50,000 रुपये का बांड और दो हमेशा उपस्थित रहने वाले जमानती प्रस्तुत करने होंगे। कोर्ट ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में सोरेन द्वारा न्यायालय में उपस्थित होने के भी निर्देश दिए हैं।

परिवार और समर्थकों की उपस्थिति

जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए, तब उनकी पत्नी कल्याणी सोरेन, मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद 'पिंटू', और मंत्री हाफिजुल हसन ने उनका स्वागत किया। उनके छोटे भाईयों, बसंत सोरेन और कुमार सौरभ, ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और उनके जमानती के रूप में कार्य किया।

अन्य आरोपियों पर भी दायर हैं चार्जशीट

अन्य आरोपियों पर भी दायर हैं चार्जशीट

ईडी ने जांच पूरी करने के बाद हेमंत सोरेन समेत पांच व्यक्तियों के खिलाफ 30 मार्च को चार्जशीट दायर की थी। सोरेन के साथ शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ भी इसी मामले में कानूनी कार्यवाही चल रही है।

हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा

गौरतलब है कि हेमंत सोरेन केवल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। पार्टी की गतिविधियों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वे पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक माने जाते हैं।

जनता में प्रतिक्रिया

हेमंत सोरेन की रिहाई से उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। कई स्थानों पर जनता ने जश्न मनाया और मिठाइयाँ बाँटी। इस पूरे मामले ने झारखंड के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है।

आगे की राह

हेमंत सोरेन की जमानत मिलने के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसे चली जाती है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि आरोपी के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए फौरन निर्णय नहीं लिया जा सकता।

मामले का विशेष महत्व

मामले का विशेष महत्व

यह मामला केवल हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी तक सीमित नहीं है; यह पूरे झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में अक्सर नेताओं की गिरफ्तारी होती रहती है, लेकिन एक पूर्व मुख्यमंत्री का इस प्रकार का मामला नविनतम है।

न्याय की प्रतीक्षा

हेमंत सोरेन ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वे निरंतर न्यायालय के आदेशों के अनुसार कार्य करेंगे और अपनी बेगुनाही के सबूत प्रस्तुत करेंगे। अब सबकी नजरें इस बात पर होंगी कि न्यायालय में आगे क्या होता है और हेमंत सोरेन की राजनैतिक भविष्य की दिशा क्या होगी।

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