सूर्यकुमार यादव का नया कीर्तिमान
टी20 क्रिकेट में जब बल्लेबाजों की बात होती है तो सूर्यकुमार यादव का नाम अग्रणी होता जा रहा है। हाल ही में उन्होंने अपने करियर का एक और चमकता हुआ अध्याय लिखा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में सूर्यकुमार ने गेराल्ड कोएटज़े की गेंद पर छक्का मारते हुए टी20 इंटरनेशनल में अपने 145 छक्के पूरे किए। इसके साथ ही वह इन छक्कों की सूची में तीसरे स्थान पर आ गए हैं, जिन्होंने सबसे अधिक छक्के मारे हैं। उनसे आगे रोहित शर्मा और मार्टिन गुप्टिल हैं।
निकोलस पूरन को पछाड़ा
इस बेहतरीन प्रदर्शन के कारण सूर्यकुमार ने निकोलस पूरन को पीछे छोड़ दिया। पूरन ने इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगस्त 2024 में एक मैच में 7 छक्के मारकर सूर्यकुमार को पीछे छोड़ दिया था। तब पूरन ने कुल 139 छक्कों के साथ सूर्यकुमार के स्थान पर कब्जा कर लिया था। लेकिन अब सूर्यकुमार ने उसे पीछे छोड़ते हुए सूची में अपना पुराना स्थान वापस हासिल कर लिया है।
मैच की विशेषताएं और सूर्यकुमार का प्रदर्शन
इस मैच में भारत ने शुरुआती पावरप्ले में ही एक विकेट खोकर 56 रन बनाए, जिससे सूर्यकुमार के लिए मंच तैयार हुआ। उनका प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि भारतीय क्रिकेट में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है। इस प्रकार की प्रदर्शनियों ने भारतीय टीम को अनेकों बार जीत दिलाई है और सूर्यकुमार इस राह में नए मील के पत्थर स्थापित करते रहते हैं।
भविष्य की होड़
जब क्रिकेट के स्टेडियम में सूर्यकुमार का बल्ला चलता है, तो दर्शकों के उत्साह की कोई सीमा नहीं रहती। उनके करियर में इस तरह के कारनामे उन्हें हर फॉर्मेट में एक मुख्य खिलाड़ी बनाते जा रहे हैं। भविष्य में, वह और कितने छक्के मारेंगे, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल वह शीर्ष पर बने रहना सुनिश्चित कर रहे हैं और आगे भी इसी प्रकार से प्रदर्शन करते रहेंगे।
क्रिकेट प्रेमियों की धड़कन
सूर्यकुमार यादव के छक्कों को देखना हमेशा से ही दर्शकों के लिए मनमोहक होता है। जब भी वह अपनी पकड़ में गेंद को लेने के लिए आते हैं, पूरा स्टेडियम जैसे उनके साथ झूम उठता है। यह उनकी क्षमता और उनकी दृष्टिकोण को दर्शाता है जो उन्हें सबसे अलग और विशेष बनाता है। निकोलस पूरन को पछाड़ने के बाद, अब सूर्यकुमार की नजर और भी बड़े लक्ष्यों पर होगी।
खेल जगत में नई बहस
इस उपलब्धि के बाद सूर्यकुमार यादव के फैंस और विशेषज्ञों में यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर क्या उन्हें आने वाले दिनों में और भी बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। क्रिकेट में लगातार इस तरह के प्रदर्शन ने उन्हें एक नई ऊंचाई पर ला खड़ा किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे सूर्यकुमार यादव आने वाले समय में अपने खेल को और बेहतर करते हैं।
सूर्यकुमार यादव का ये कारनामा सिर्फ छक्कों की संख्या नहीं, बल्कि टी20 क्रिकेट के खेल के तरीके को बदल रहा है। उनकी बल्लेबाजी में वो अनोखी रिदम है जो किसी और में नहीं मिलती। जब वो बल्ला घुमाते हैं, तो लगता है जैसे गेंद को अपने नियंत्रण में ले लिया हो। ये सिर्फ शक्ति नहीं, बल्कि बुद्धि का खेल है।
मैंने देखा है कि वो गेंद को जहां चाहते हैं, वहीं भेज देते हैं-बाहर की ओर, अंदर की ओर, यहां तक कि जहां फील्डर नहीं भी होता। ये सिर्फ टैलेंट नहीं, बल्कि एक अनुभव का नतीजा है।
रोहित और गुप्तिल के बाद वो तीसरे स्थान पर हैं, लेकिन अगर ये रुझान जारी रहा, तो एक दिन वो नंबर वन भी हो सकते हैं। उनकी आंखों में वो जुनून है जो किसी को रोक नहीं सकता।
इतने सारे छक्के मारने का मतलब ये नहीं कि वो बस बल्लेबाजी कर रहे हैं-वो खेल को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।
मैं इसे बस एक खिलाड़ी का बेहतरीन प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत मानता हूं।
ये सब बकवास है जो लोग बोल रहे हैं सूर्यकुमार यादव के बारे में असली खिलाड़ी कौन है वो तो जानते हो ना रोहित शर्मा जो इतने सालों से भारत की टीम को बचा रहा है
मैं तो सिर्फ इतना कहूंगा कि एक खिलाड़ी जो अपने खेल को इतनी गहराई से समझता है, उसकी उपलब्धि को सिर्फ छक्कों की संख्या से नहीं मापा जा सकता।
सूर्यकुमार की बल्लेबाजी में वो शांति है जो दबाव के बीच भी बरकरार रहती है। वो जब बल्ला घुमाते हैं, तो लगता है जैसे वो गेंद के साथ बातें कर रहे हों।
निकोलस पूरन के खिलाफ ये रिवर्सल देखकर लगा जैसे क्रिकेट का दिल फिर से धड़क रहा हो।
ये बस एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि एक पीढ़ी का संदेश है-कि नए तरीके से खेलना भी बहुत जरूरी है।
हमें इस तरह के खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा दबाव नहीं देना चाहिए। बस उन्हें खेलने दो।
मैं उनके खेल को देखकर ये महसूस करता हूं कि क्रिकेट अभी भी एक जीवित कला है।
भाई ये वाला बच्चा तो असली टी20 किंग है। जब वो बल्ला घुमाता है तो लगता है जैसे गेंद उसकी इच्छा से उड़ रही हो।
मैंने देखा है एक बार उसने लेग साइड पर बैककट शॉट लगाया था-बाहर वाला फील्डर तो बस खड़ा रह गया था।
अब ये नंबर 3 पर है, लेकिन अगला लक्ष्य रोहित का रिकॉर्ड है।
अगर वो इसी तरह खेलते रहे, तो अगले 3 साल में वो दुनिया के टॉप पर हो जाएंगे।
भाई ये खिलाड़ी तो बस एक बार खेले तो दिल जीत जाता है।
इस उपलब्धि को लेकर जो लोग विवाद शुरू कर रहे हैं, वो इस बात को भूल रहे हैं कि क्रिकेट एक टीम खेल है।
सूर्यकुमार के छक्के तो अच्छे हैं, लेकिन अगर टीम ने उन्हें बल्लेबाजी के लिए मौका नहीं दिया, तो ये सब कुछ असंभव होता।
हमें इस तरह के खिलाड़ियों को सिर्फ छक्कों के लिए नहीं, बल्कि उनके खेल के तरीके के लिए भी सम्मान देना चाहिए।
ये एक ऐसा खिलाड़ी है जो अपने आप को बाहर के दबाव से बचाता है।
उसकी शांति, उसकी धैर्य, उसकी अनुशासन-ये सब कुछ उसे अलग बनाता है।
मैं चाहती हूं कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड उसे इस तरह के दबाव से बचाए।
हम उसे एक खिलाड़ी के रूप में देखें, न कि एक रिकॉर्ड के रूप में।
क्या ये सब बस एक बार का नाटक है? जब भी कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है, तो सब उसे भगवान बना देते हैं।
अगर वो अगले मैच में आउट हो जाएं, तो क्या ये सब भूल जाएंगे?
भाई सूर्यकुमार तो असली बॉस है 😎🔥
हर छक्का देखकर मेरा दिल दहल जाता है।
जब भी वो बल्ला घुमाता है, तो लगता है जैसे दुनिया रुक गई हो।
अगला लक्ष्य 200 छक्के 😍
सूर्यकुमार यादव का ये कारनामा भारतीय क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा अध्याय है।
हमने अपने खिलाड़ियों को हमेशा बाहरी देशों के खिलाफ तुलना करने की आदत डाल ली है।
लेकिन ये आदमी ने अपनी बल्लेबाजी से साबित कर दिया कि हमारे खिलाड़ी दुनिया के बेस्ट के साथ खड़े हो सकते हैं।
हमें इसे निर्माण का एक अंग मानना चाहिए, न कि एक नाटक के रूप में।
हमारे युवा खिलाड़ियों के लिए ये एक आदर्श है।
अगर हम इस तरह के खिलाड़ियों को दबाव देते रहे, तो हमारा खेल खत्म हो जाएगा।
हमें उन्हें खेलने देना चाहिए।
हमें उनके लिए आशा रखनी चाहिए।
ये एक खिलाड़ी नहीं, एक राष्ट्रीय गौरव है।
ये सब बस एक फेक है। छक्के तो सब मारते हैं। असली टेस्ट क्रिकेट में देखो कौन असली है।
ये रिकॉर्ड बनाने के लिए टीम ने जानबूझकर फील्ड रखा होगा।
मैंने देखा है-हर बार जब वो छक्का मारता है, तो फील्डर बाहर चले जाते हैं।
ये सब बस एक बड़ा धोखा है।