7‑8 सितम्बर 2025 को भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण, ब्लड मून जैसा लाल चंद्रमा, दिल्ली में रात 11:41 बजे चरम, और सूतक काल के धार्मिक प्रभाव.
चंद्र ग्रहण – क्या है, कब देखेंगे और क्यों महत्वपूर्ण है
जब चंद्र ग्रहण, पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चंद्रमा पर छाया डालती है. इसे अक्सर नयन भ्रम कहा जाता है, लेकिन इसका वैज्ञानिक अर्थ बिल्कुल अलग है। खगोल विज्ञान, आकाशीय पिंडों के अध्ययन की शाखा इस घटना को विस्तृत रूप से देखता है, जबकि सूर्य ग्रहण, सूर्य पर छाया पड़ने की स्थिति से इसका संबंध यह है कि दोनों में क्षितिज स्थिति और छाया की भूमिका समान रहती है। कई धर्मों में धर्म, आस्था और धार्मिक प्रथाओं का समुच्चय चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व देता है, जैसे कुछ मान्यताएँ इसे शुभ या अशुभ चेतावनी मानती हैं। इस परिचय से आप समझेंगे कि चंद्र ग्रहण केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि विज्ञान, संस्कृति और प्रौद्योगिकी से घना जुड़ा हुआ है।
चंद्र ग्रहण के प्रमुख प्रकार और देखने के आसान उपाय
चंद्र ग्रहण को मुख्य रूप से तीन भागों में बाँटा जाता है: पूर्ण, अंशात्मक और लंशीय। पूर्ण ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में छिप जाता है, जबकि अंशात्मक में केवल हिस्सा ही देखी जाती है। लंशीय (छायादार) में चंद्रमा की सतह पर हल्का लाल रंग दिखता है, जिसे अक्सर ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। ये प्रकार अलग‑अलग समय पर आते हैं और उनका दृश्यमान प्रभाव भी अलग होता है। देखने के लिए आपको बहुत महँगा उपकरण नहीं चाहिए – एक साधारण दूरबीन या भरपूर ज़ूम वाले स्मार्टफोन कैमरा से भी साफ़ दृश्य मिल सकता है। साफ़ आसमान, कम प्रकाश प्रदूषण और समय पर तैयार रहना सबसे बड़ी टिप है। यदि आप भारत में रहने वाले हैं तो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा जारी किए गए टाइमटेबल को देख सकते हैं; यह आपको बताता है कब और कहाँ से ग्रहण देखना बेहतर रहेगा।
ज्यादातर लोग चंद्र ग्रहण को फ़ोटोग्राफ़ी के कारण याद रखते हैं। फोटो की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए फ़्रेमिंग को स्थिर रखें, ट्राइपॉड का उपयोग करें और ISO को कम रखें। यदि आप शुरुआती हैं तो लंबा एक्सपोज़र और ब्रैकिटिंग जैसा तकनीक इस्तेमाल करके चंद्रमा के रंग को बेहतर बनाने की कोशिश कर सकते हैं। ये छोटे‑छोटे टिप्स आपके अनुभव को प्रोफ़ेशनल बनाते हैं बिना जटिल उपकरणों के।
आज के समय में चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक अध्ययन के कई पहलुओं के लिए भी उपयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, पृथ्वी की वायुमंडलीय संरचना और धूल के स्तर को समझने के लिए वैज्ञानिक चंद्रमा के प्रकाश में बदलाव को मापते हैं। इसी कारण से ISRO और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस दौरान विशेष सेंसर्स भेजती हैं। यदि आप विज्ञान में रुचि रखते हैं तो इस तरह के डेटा एक्सेस करने के लिए सार्वजनिक डेटाबेस देख सकते हैं। इससे आपके ज्ञान में गहराई जुड़ती है और आप स्वयं भी इस प्राकृतिक घटना की महत्ता को समझ पाते हैं।
इस पेज पर मिलने वाले लेखों में आप चंद्र ग्रहण के इतिहास, आगामी ग्रहणों के विवरण, फ़ोटोग्राफी के गाइड, और धार्मिक कथाओं के विश्लेषण पाएँगे। चाहे आप विज्ञान प्रेमी हों, फ़ोटोग्राफ़ी के शौकीन या संस्कृति के खोजी, यहाँ सभी के लिए कुछ न कुछ उपयोगी है। अब आप तैयार हैं – आगे जाकर देखें कि कौन‑से लेख आपके लिए सबसे प्रासंगिक हैं और अपनी अगली चंद्र ग्रहण यात्रा को बेहतरीन बनाइए।