जीएसटी नोटिस के चलते इंफोसिस के शेयर की गिरावट
इंफोसिस के शेयर में 1% की गिरावट देखने को मिली है जब कंपनी को 32,000 करोड़ रुपये का जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) नोटिस मिला है। 1 अगस्त, 2024 को शेयर बाजार में यह गिरावट देखी गई। यह नोटिस केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय (DGGI) द्वारा जारी किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी विदेशी शाखाओं से प्राप्त सप्लाइज़ पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत IGST चुकाने के लिए उत्तरदायी है।
जुलाई 2017 से 2021-22 तक का विवाद
DGGI का दावा है कि जुलाई 2017 से 2021-22 तक की अवधि के दौरान कंपनी ने यह टैक्स नहीं भरा है। इस अवधि में कंपनी पर 32,000 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है। आईटी कंपनी इंफोसिस ने इस नोटिस को खारिज किया है। कंपनी का कहना है कि जीएसटी उन खर्चों पर लागू नहीं होता जिनका दावा DGGI कर रहा है और उन्होंने सभी भुगतान कर दिए हैं। कंपनी ने कहा है कि वह पूरी तरह से केंद्रीय और राज्यीय नियमों का पालन कर रही है।
इंफोसिस के शेयरों की स्थिति
नोटिस के बावजूद, इंफोसिस के शेयर 1,850 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ट्रेड कर रहे हैं, जो पिछले दिन की 0.5% गिरावट के बाद है। कंपनी का शेयर बाजार में अच्छा प्रदर्शन रहा है और हाल ही में उसने अपनी पहली तिमाही के नतीजे जारी किए थे।
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
इंफोसिस ने Q1 FY25 के लिए 7.1% की वृद्धि के साथ 6,368 करोड़ रुपये की शुद्ध लाभ दर्ज की है। इसकी आय में भी 3.6% की वृद्धि होकर 39,315 करोड़ रुपये की हो गई है। इन आंकड़ों ने सड़कों की उम्मीदों को मात दी थी। कंपनी ने FY24-25 के लिए अपनी आय वृद्धि के मार्गदर्शन को भी बढ़ाकर 3-4% कर दिया है।
ब्रोकरेज हाउसों की राय
ब्रोकरेज फर्म्स जैसे जेफरीज और नोमुरा ने इंफोसिस के स्टॉक के लिए अपने टार्गेट प्राइस बढ़ा दिए हैं। जेफरीज ने इसे 2,040 रुपये और नोमुरा ने इसे 1,950 रुपये तय किया है, दोनों ने 'बाय' का कॉल बनाए रखा है।
स्लोडाउन के बावजूद सुधार
इस जीएसटी विवाद के समय में, इंफोसिस और अन्य बड़ी भारतीय आईटी कंपनियाँ मुख्य विदेशी बाजारों में डिस्क्रीशनरी टेक खर्चों में आई सुस्ताव से सुधार के संकेत दिखा रही हैं। इंफोसिस का कहना है कि उन्होंने अपनी सभी देनदारियों का भुगतान किया है और वे सभी केंद्रीय और राज्य कानूनों के अनुरूप हैं।
इंफोसिस का ये GST नोटिस तो बस एक टेक्निकल डिस्प्यूट है। रिवर्स चार्ज का अर्थ ही अलग होता है जब आप ओवरसीज सर्विसेज दे रहे हों। DGGI बस बुनियादी कॉन्सेप्ट्स समझ नहीं पा रहा। इंफोसिस के फाइनेंशियल्स तो अभी भी सॉलिड हैं।
अगर ये टैक्स लगता है तो हर MNC को भारत में ऑफशोरिंग करना बंद कर देना चाहिए।
मुझे डर लग रहा है इस बार वो फिर से शेयर गिरा देंगे
32k crore? ये तो बस टैक्स ड्रामा है। इंफोसिस ने तो अपने फॉर्मलिटीज सब फिल कर दिए हैं। अब ये सब बॉर्यूक्रेट्स अपनी बात बनाने के लिए नोटिस भेज रहे हैं।
ये आईटी कंपनियाँ हमेशा ऐसे ही होती हैं। लाभ तो बड़ा कमाती हैं लेकिन टैक्स के लिए हर छेद ढूंढती हैं। इंफोसिस का नाम तो बड़ा है लेकिन ये भी एक कंपनी है जो टैक्स बचाने के लिए बाहर निकल जाती है।
भारत की आईटी कंपनियाँ दुनिया की बेस्ट हैं और ये नोटिस भी उनकी एक्सपर्टिस का हिस्सा है। इंफोसिस ने सब कुछ लीगल तरीके से किया है। देश के लिए गर्व की बात है। जय हिंद!
हमारे बच्चे इन्हीं कंपनियों में जॉब करेंगे।
ये नोटिस तो बाहरी शक्तियों का षड्यंत्र है। भारतीय कंपनियों को धक्का देने के लिए टैक्स नोटिस भेजा जा रहा है। हमें अपने घर की बात पर अपने ही लोगों को बचाना होगा।
क्या बात है भाई! इंफोसिस के शेयर गिरे तो क्या हुआ? उनका Q1 रिजल्ट तो बेहतरीन आया। ये नोटिस बस टेम्पोररी है। अगर तुम लंबे समय तक इन्वेस्ट कर रहे हो तो ये बस एक चिंता का विषय है।
जीएसटी के नियम तो बहुत कॉम्प्लेक्स हैं और इंफोसिस ने अपने एक्सपर्ट्स के साथ सब कुछ कवर कर लिया है। बाकी जो नोटिस आया है वो तो बस फॉर्मलिटी का हिस्सा है। इंफोसिस अभी भी बेस्ट ब्रैंड है।
मैंने अपने पोर्टफोलियो में और शेयर खरीद लिए हैं।
इंफोसिस के शेयर 1850 पर हैं और ब्रोकर्स 2000 तक का टार्गेट दे रहे हैं। ये नोटिस तो बस बाजार को डराने के लिए है।