बॉम्बे हाईकोर्ट ने हटा रोक, अन्नू कपूर की फिल्म 'हमारे बारह' के लिए सुझाव दिए कुछ संशोधन

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हटा रोक, अन्नू कपूर की फिल्म 'हमारे बारह' के लिए सुझाव दिए कुछ संशोधन

जून, 19 2024

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'हमारे बारह' फिल्म पर से हटाई रोक

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अन्नू कपूर की फिल्म 'हमारे बारह' पर लगी रोक को हटा दिया है। परन्तु यह आदेश कुछ शर्तों के साथ आया है। फिल्म निर्माताओं को विवादित संवाद और कुरान की आयत को फिल्म से हटाना होगा। इसके अलावा, न्यायालय ने दो 12 सेकंड्स के डिस्क्लेमर जोड़ने के निर्देश दिए हैं।

न्यायाधीशों की राय

न्यायालय की बेंच में न्यायाधीश बीपी कोलाबावाला और न्यायाधीश फ़िरदौस पूनीवाला ने यह फैसला सुनाया। उनका कहना था कि फिल्म में ऐसा कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं है जो खासकर कुरान, मुस्लिम समुदाय, या महिलाओं के खिलाफ हो। न्यायालय ने यह भी माना कि फिल्म महिलाओं के उत्थान के लिए है और इसमें किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं दर्शाई गई है।

मुस्लिम समुदाय की आपत्ति

यह मामला तब उजागर हुआ जब मुस्लिम समुदाय की कुछ योजनाओं ने फिल्म में इस्तेमाल हुए संवादों पर आपत्ति जताई। उनकी आपत्ति थी कि इन संवादों और आयतों से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। इस आपत्ति के चलते फिल्म पर अस्थाई रोक लगा दी गई थी।

फिल्म का भविष्य

निर्देशकों ने अदालत के निर्देशों को मान लिया है और फिल्म में आवश्यक संशोधन करने का आश्वासन दिया है। अब, ये संशोधन करने के बाद, फिल्म को रिलीज़ करने का रास्ता साफ हो गया है।

सेंसर बोर्ड की नाराजगी

फिल्म निर्माताओं को अदालत ने एक अन्य विषय पर दंड भी दिया। बिना सर्टिफिकेशन के फिल्म के ट्रेलर को रिलीज़ करने पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई थी। न्यायालय ने इसे गंभीर रूप से लिया और फिल्म निर्माताओं को पेनल्टी का सामना करना पड़ा।

महिलाओं के उत्थान पर आधारित फिल्म

न्यायाधीशों ने कहा कि फिल्म का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के उत्थान के लिए है। यह समाज की उन मानसिकताओं के खिलाफ एक आवाज़ है जो महिलाओं को दबाने की कोशिश करती हैं। फिल्म में किसी प्रकार की हिंसा नहीं है जो इसे संवेदनशील लेख बनाती है।

निर्माताओं की प्रतिक्रिया

फिल्म के निर्देशक और निर्माता ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि फिल्म को समाज के विभिन्न हिस्सों में अच्छा संदेश पहुंचाने के लिए बनाया गया है। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए फिल्म में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

रिलीज़ की तैयारी

अब, जब न्यायालय ने फिल्म की रिलीज पर हरी झंडी दिखा दी है, निर्माता और निर्देशक जल्द ही इसे सिनेमा घरों में लाने का विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फिल्म समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचने के लिए तैयार है और इसमें दिखाया गया संदेश हर दिल को छुएगा।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि फिल्म 'हमारे बारह' को लेकर आई कठिनाइयाँ अब समाप्त हो चुकी हैं और यह जल्द ही बड़े परदे पर दर्शकों के बीच होगी। देखा जाए तो यह फिल्म महिलाओं के प्रति सोच और उनकी स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

7 टिप्पणियाँ

  • Ajay Chauhan
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Ajay Chauhan
    00:00 पूर्वाह्न 06/21/2024
    ये फिल्म तो बस एक और वुमेन-पावर वाला नाटक है जिसमें कुरान की आयतें डालकर धार्मिक भावनाओं को टारगेट किया जा रहा है। कोर्ट ने बस इसे बचाने का नाटक किया है।
    कोई भी फिल्म जो धर्म को टारगेट करे उसे रोकना चाहिए, न कि इसे सेंसर के बाहर निकालना।
  • Taran Arora
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Taran Arora
    13:34 अपराह्न 06/22/2024
    बहुत बढ़िया खबर! ये फिल्म महिलाओं की आवाज़ है और अदालत ने सही फैसला सुनाया।
    धर्म की भावनाएं नहीं, इंसानियत की भावनाएं बचानी हैं।
    फिल्म बनाने वालों को बधाई। ये फिल्म देश को बदल देगी।
  • Atul Panchal
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Atul Panchal
    03:00 पूर्वाह्न 06/23/2024
    ये सब लीबरल एलीट्स का अंधाधुंध अप्रोच है। फिल्म में कुरान की आयतें इस्तेमाल करना अपराध है।
    हमारे देश में धर्म की संवेदनशीलता को नजरअंदाज करना देशद्रोह है।
    कोर्ट का फैसला अब तक का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्षता अपराध है।
  • Shubh Sawant
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Shubh Sawant
    06:27 पूर्वाह्न 06/23/2024
    इस फिल्म का ट्रेलर बिना सर्टिफिकेशन के रिलीज़ करना बिल्कुल गलत था। लेकिन फिर भी फिल्म का मकसद बहुत अच्छा है।
    हमें फिल्म को देखना चाहिए, न कि उसके लिए बहस करना।
    हिंदुस्तान में अब तक इतनी साहसी फिल्में नहीं बनीं।
  • Patel Sonu
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Patel Sonu
    07:57 पूर्वाह्न 06/24/2024
    सेंसर बोर्ड का इस पर जोर देना बेकार की बात है।
    फिल्म में कोई हिंसा नहीं है, कोई अपमान नहीं है, बस एक महिला की आवाज़ है।
    इसे रिलीज़ करो, इसे देखो, इसे समझो।
    बाकी सब बकवास है।
  • Puneet Khushwani
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Puneet Khushwani
    23:40 अपराह्न 06/25/2024
    ये फिल्म बस एक और ब्रोकेन फीमेल आर्कटाइप का नाटक है।
    कोई असली बात नहीं है इसमें।
  • Adarsh Kumar
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Adarsh Kumar
    10:56 पूर्वाह्न 06/27/2024
    अरे भाई, ये सब एक बड़ी इंटरनेशनल कंस्पिरेसी है।
    कुरान की आयतें हटाने के बाद फिल्म को रिलीज़ करना बिल्कुल नियंत्रित फैसला है।
    कोर्ट ने अपने अपने बैंक अकाउंट के लिए ये फैसला लिया है।
    कल देखोगे, ये फिल्म वैश्विक एलीट्स के लिए एक नए आइडियोलॉजी का ब्रांडिंग है।
    हमारी धर्म भावनाओं को बेच रहे हैं।
    इसके बाद अगला टारगेट होगा गीता।
    फिर वेद।
    फिर हमारा अस्तित्व।
    ये जो बातें कर रहे हैं, वो सब बाहरी शक्तियों की रणनीति है।
    हम अब जाग जाएं, नहीं तो अगली बार आपके घर का नाम भी बदल दिया जाएगा।

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