नव॰, 30 2024
चक्रवात के कारण तमिलनाडु में आपातकालीन स्थिति
संवेदनशील तटीय राज्य तमिलनाडु में चक्रवात 'फेंगल' के चलते आपातकाल सुरक्षा उपाय सक्रिय हो गए हैं। इस चक्रवात की वजह से व्यापक सोचविचार के बाद विशेषत: महाबलीपुरम और मरकनम के बीच के इलाकों में चेतावनी जारी की गई है। इस चक्रवात से संभवतः 90 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में राज्य भर में जलभराव की स्थिति ने चिंता का माहौल बना दिया है।
चेन्नई और पुदुचेरी में पहले से ही चक्रवात के कारण तेज हवाओं और भयंकर बारिश की स्थितियाँ देखने को मिली हैं। यहाँ के अनेकों क्षेत्रों में जलभराव हो चुका है और यही वजह है कि निर्धारित किए गए हवाई, रेलवे, और सार्वजनिक परिवहन सेवाएँ बाधित हुई हैं। इससे 7 प्रमुख सबवे और 134 स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है, जो राहत और बचाव कार्यों को बेहद कठिन बना रही है।
सरकारी प्रयास और सचेतता
राज्य सरकार ने चक्रवात 'फेंगल' की चुनौती के मद्देनजर त्वरित कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया और विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं, जिनमें राहत शिविरों की स्थापना, प्रभावित क्षेत्रों में भोजन वितरण, और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
बुधवार को घोषित परियोजना के तहत, सरकारी अधिकारियों ने 30 नवंबर को शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित कर दिया, जबकि आईटी कंपनियों से कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया। इस दौरान, आवश्यक सेवाओं जैसे दूध और बिजली की आपूर्ति को चला रही है, और चेन्नई मेट्रो रेल सामान्य रूप से चल रही है। सबअर्बन ट्रेन सेवाएँ आंशिक रूप से निलंबित कर दी गई हैं, जिससे कुछ एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को देरी का सामना करना पड़ा है।
सावधानियों का पालन
लोगों को संकट की गंभीरता की जानकारी मुहैया कराई गई है और उनसे आग्रह किया गया है कि वे घर के अंदर रहें जब तक कि आवश्यक न हो। ईस्ट कोस्ट रोड (ECR) और ओल्ड महाबलीपुरम रोड (OMR) पर सार्वजनिक परिवहन को शनिवार दोपहर तक निलंबित कर दिया गया है। चक्रवात संबंधी इन सावधानियों के अलावा, स्थानीय प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किए हैं जिनमें शामिल हैं चेन्नई, तिरुवल्लुर, चेंगलपेट, कांचीपुरम, विलुपुरम, कल्लाकुरिची, कड्डलोर और पुदुचेरी।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि अगर जमीन तक पहुंचने में देर होती है, तो इससे पूरे तमिलनाडु में बढ़ती बारिश और अधिक गंभीर हो सकती हैं, खासकर उत्तर तटीय तमिलनाडु और पुदुचेरी के हिस्सों में। इस चेतावनी के साथ, राज्य की सरकार ने राहत एवं पुनर्वास कार्य बल को तैयार कर दिया है और चक्रवात प्रभावित पहले से मौजूद सुविधाओं में अधोसंरचना विस्तार के कार्य भी प्रारंभ किए हैं।
गौरतलब है कि तमिलनाडु ने हाल के वर्षों में कई गंभीर चक्रवातों का सामना किया है, जिसके चलते ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ उनकी कार्यप्रणाली और राष्ट्रव्यापी चेतावनियों की प्रक्रियाओं को मजबूत किया गया है। इस बार भी, 'फेंगल' चक्रवात के सामने सभी संबंधित एजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके।
संभावित प्रभाव और भविष्य की उम्मीदें
चक्रवातों का भारी असर सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। इसके आकर्षक दृष्टिकोण के चलते यातायात, संचार और बिजली आपूर्ति जैसी नि:स्वार्थ सेवाएँ बहाल रखने के लिए सरकारी अधिकारियों को सफलतापूर्वक कठिनतम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान किए गए प्रयास न केवल पीड़ितों के लिए राहत का जरिया होते हैं, बल्कि भविष्य के प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करते हैं। इन परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा और सहायता सेवाएं सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती हैं।
संभवतः चक्रवात 'फेंगल' की स्थिति में भी अधिकारियों का तेज, कुशल और सुनियोजित कार्य योजनाएं नागरिकों को आवश्यक सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित कराने में मददगार साबित होंगी। नागरिकों को भी प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करना बेहद आवश्यक होता है ताकि परिस्थिति का सही सामना किया जा सके।