राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी का बचाव किया, लोगों से बदतमीजी छोड़ने की अपील

राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी का बचाव किया, लोगों से बदतमीजी छोड़ने की अपील

जुल॰, 13 2024

राहुल गांधी ने किया स्मृति ईरानी का बचाव

हाल ही में, कांग्रेस नेता और विपक्ष के प्रमुख राहुल गांधी ने भाजपा नेता स्मृति ईरानी के खिलाफ ऑनलाइन नफरत और अभद्र भाषा का सामना करने के बाद उनका समर्थन किया। राहुल गांधी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर किसी भी प्रकार की गंदी भाषा और दुर्व्यवहार से दूर रहें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव में जीतना और हारना जीवन का एक हिस्सा है और किसी भी व्यक्ति का अपमान करना कमजोरी का संकेत है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

यह घटना तब हुई जब स्मृति ईरानी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अमेठी सीट से हारने के बाद अपना आधिकारिक निवास खाली किया। चुनावी नतीजों में ईरानी को कांग्रेस के वफादार किशोरी लाल शर्मा के मुकाबले 1.4 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले, ईरानी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अमेठी से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, इसे कांग्रेस पार्टी की हार का 'घोषणा पत्र' बताया था।

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी का बयान एक दुर्लभ दृश्य है, जिसमें विपक्षी दलों के नेताओं के प्रति समर्थन प्रदर्शित किया जा रहा है। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों में अमेठी से ईरानी ने गांधी को हराया था। अपने बयान में गांधी ने व्यक्त किया कि किसी भी नेता या व्यक्ति का अपमान करना गलत है और यह भारतीय लोकतंत्र की परंपरा के खिलाफ है।

गांधी का यह कदम न केवल उनके अपने राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। उन्होंने अपने बयान में यह भी जोड़ दिया कि नफरत और दुर्व्यवहार समाज में विभाजन को बढ़ावा देते हैं और इसकी बजाय हमें एकजुट होकर देश की प्रगति के लिए काम करना चाहिए।

स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के इस समर्थन का स्वागत किया और उनके बयान को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि राजनीति में विपक्ष की आलोचना करना आवश्यक है, लेकिन हमें इस आलोचना को मर्यादा के पालन के साथ करना चाहिए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर गांधी के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह भारतीय राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।

सीखने के लिए बातें

यह घटना हमें कई पहलुओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। सबसे पहले, राजनीति में स्वस्थ आलोचना और व्यक्तिगत हमलों के बीच एक स्पष्ट अंतर होना चाहिए। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में असहमति और आलोचना का होना स्वाभाविक है, परंतु यह असहमति मर्यादा और सज्जनता के दायरे में रह कर होनी चाहिए।

दूसरे, यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि राजनीति केवल चुनाव जीतने और हार जाने तक नहीं सीमित है। यह एक लंबी यात्रा है जिसमें समाज की सेवा करने और देश को प्रगति की दिशा में ले जाने का लक्ष्य होता है। किसी भी नेता का व्यक्तिगत अपमान करना उनके काम और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करता है और यह समाज के लिए भी हानिकारक होता है।

अंत में, राहुल गांधी का बयान और स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया यह दर्शाते हैं कि राजनीति में भी मानवीय मूल्य और रिश्तों का महत्व है। सत्ता की लड़ाई में व्यक्तिगत दुश्मनी रखने की बजाय हमें देश की भलाई और वृहद हित को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।

ऐसा नहीं है कि भारतीय राजनीति में यह पहली बार हुआ है जब विपक्षी नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति सम्मान और संवेदना दिखाई है, परन्तु यह घटना विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह उस समय आयी जब समाज में विभाजन और नफरत तेजी से बढ़ रहे हैं।

नामपार्टीवोटों का अंतर
स्मृति ईरानीभाजपा-1.4 लाख
किशोरी लाल शर्माकांग्रेस1.4 लाख

8 टिप्पणियाँ

  • Manikandan Selvaraj
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Manikandan Selvaraj
    12:39 अपराह्न 07/14/2024
    ये सब नाटक है भाई राहुल गांधी का अब तक किसी का बचाव नहीं किया अब अचानक स्मृति ईरानी का बचाव क्यों कर रहा है ये चुनावी चाल है जो लोग अब तक उसकी बातों पर विश्वास करते थे उन्हें आंखें खोलनी चाहिए
  • Naman Khaneja
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Naman Khaneja
    15:35 अपराह्न 07/15/2024
    बहुत अच्छा किया राहुल जी 😊 राजनीति में नफरत नहीं बातचीत होनी चाहिए 🙏 आजकल सब कुछ लड़ाई बन गया है अगर हम एक दूसरे को समझने लगे तो देश बदल जाएगा 💪
  • Gaurav Verma
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Gaurav Verma
    03:23 पूर्वाह्न 07/16/2024
    ये सब एक योजना है। जानबूझकर शांति का नाटक किया जा रहा है। अगर वो असली शांति चाहते तो पहले अपने ही दल के लोगों को रोकते। ये सब दिखावा है।
  • Fatima Al-habibi
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Fatima Al-habibi
    22:54 अपराह्न 07/17/2024
    मुझे लगता है कि यह एक राजनीतिक अवसर है। लेकिन अगर इसके पीछे एक सच्ची इच्छा है तो इसे सराहना योग्य है। क्योंकि राजनीति में व्यक्तिगत आक्रमण कभी भी स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
  • Nisha gupta
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Nisha gupta
    22:26 अपराह्न 07/18/2024
    यह बहुत बड़ा कदम है। राजनीति में जब लोग आपस में एक-दूसरे को इंसान मानने लगेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा। यह बयान सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि एक पूरी परंपरा के लिए एक नया आधार है।
  • Roshni Angom
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Roshni Angom
    10:39 पूर्वाह्न 07/20/2024
    ये बात सच है... बहुत बार लोग भूल जाते हैं कि राजनीतिज्ञ भी इंसान होते हैं... और जब हम उन्हें नीचा दिखाते हैं तो हम खुद को नीचा दिखा रहे होते हैं... इसलिए राहुल गांधी का ये बयान बहुत जरूरी था... और अगर ये एक शुरुआत है तो इसे बहुत बढ़िया कहना पड़ेगा...
  • vicky palani
    के द्वारा प्रकाशित किया गया vicky palani
    12:19 अपराह्न 07/21/2024
    इस बयान के बाद भी वो अपने दल के लोगों को रोक नहीं पा रहे तो ये बयान बस एक ट्रेंडिंग टॉपिक बनाने के लिए है। असली बदलाव तभी होगा जब उनके फैन्स भी नफरत छोड़ेंगे।
  • jijo joseph
    के द्वारा प्रकाशित किया गया jijo joseph
    21:02 अपराह्न 07/22/2024
    इस घटना में एक गहरा राजनीतिक अर्थ छिपा है। यह एक नए नेतृत्व वाले राजनीतिक व्यवहार की ओर एक संकेत है जो विपक्षी दलों के बीच संवाद की संभावना को दर्शाता है। यह एक व्यवस्थित राजनीतिक अभियान का हिस्सा हो सकता है।

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