गूगल ने 'गुगलनेस' की खोज में प्रबंधकीय कर्मचारियों में 10% की कटौती की

गूगल ने 'गुगलनेस' की खोज में प्रबंधकीय कर्मचारियों में 10% की कटौती की

दिस॰, 21 2024

गूगल के लिए प्रबंधकीय भूमिका में कटौती क्यों है महत्वपूर्ण?

पिछले कुछ महीनों में, गूगल ने विशाल तकनीकी उद्योग में एक नए दिशा में कदम उठाया है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने निर्णय लिया है कि कंपनी की प्रबंधकीय भूमिकाओं में 10% की कमी की जाएगी। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गूगल की वर्तमान रणनीति को बताता है जिसमें दक्षता और सहकर्मिता के मूल सिद्धांतों को प्राथमिकता दी गई है।

गूगल ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब वैश्विक बाजार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। पिचाई ने इस मामले में कहा कि कंपनी सिर्फ संख्या पर ध्यान देने के बजाय वास्तविक प्रभाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस योजना के तहत, प्रबंधकीय भूमिका रखने वाले कुछ कर्मचारियों को व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं के पद पर स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि अन्य को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।

गुगलनेस क्या है और क्यों है आवश्यक?

गूगल ने 'गुगलनेस' को अपने सांस्कृतिक मूल्य के रूप में स्थापित किया है, जो मिशन-चालित कार्य, नवाचार, और टीमवर्क को प्राथमिकता देता है। यह कदम न केवल कंपनी के आंतरिक संचालन में सुधार लाएगा बल्कि इसे बाहरी दुनिया में भी नवीनता और सामर्थ्य के साथ प्रस्तुत करेगा।

गुगलनेस की प्रभावी अवधारणा सामूहिक प्रयासों और सहकर्मिता पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य है ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिसमें कर्मचारियों को प्रेरित किया जा सके और जहाँ उन्हें स्वतंत्र निर्णय लेने की छूट मिले। यह पहल न केवल गूगल को बल्कि उसकी पूरी अनुपालक औद्योगिक संरचना को भी मजबूत बनाएगी।

व्यापक छंटनी का प्रभाव

2022 में शुरू की गई इस रणनीति के तहत, गूगल ने अपने कार्यबल को 20% अधिक कुशल बनाने का लक्ष्य रखा था। इस अभियान के पहले चरण में, कंपनी ने जनवरी में 12,000 नौकरियों की कटौती की थी। यह परिवर्तनकारी कदम अन्य तकनीकी कंपनियों के लिए एक मिसाल बन गया, जो अब अपने कार्यबल में बदलाव कर रहे हैं ताकि वे भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार रहें।

उदाहरण के लिए, अमेजन ने भी अपने मध्य प्रबंधन की भूमिका में कटौती करने की पहल की है। इसके पीछे की सोच यह है कि जब तक व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं को सशक्त नहीं किया जाता, तब तक कंपनी नवाचार के क्षेत्र में अग्रसर नहीं हो पाएगी।

छंटनी के पीछे की रणनीति

गूगल जैसी बड़ी कंपनियां अब बड़े और स्थिर संगठनों के बजाय अधिक लचीले और गतिशील संगठनों की ओर बढ़ रही हैं। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह है कि कंपनियां नवाचार और प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में आगे रह सकें। सुंदर पिचाई का मानना है कि कंपनी के मूल्यों को फिर से परिभाषित करके, वे भविष्य के बदलते माहौल के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो पाएंगे।

मूल रूप से, गूगल जैसे संगठनों की सोच का केंद्र यह है कि प्रबंधकीय भूमिका में भारी बदलाव करके, वे अपनी उत्पादकता बढ़ा सकेंगे और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेंगे।

तकनीकी उद्योग में व्यापक छंटनी के आणविक प्रभाव

गूगल और अमेजन जैसी कंपनियों द्वारा मध्य प्रबंधन की छंटनी का असर धीरे-धीरे व्यापक तकनीकी उद्योग पर भी पड़ रहा है। इससे अधिक लचीलेपन और नवीनता की संभावनाएं बढ़ी हैं। इन परिवर्तनकारी कदमों के माध्यम से, कंपनियां भविष्य के लिए अपने स्थान को सशक्त रूप से प्रतिस्पर्धी बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं।

इस तरह के पुनर्गठन से तकनीकी क्षेत्र में कर्मचारियों के काम करने के तरीके में गहराई से बदलाव होने की संभावना है। उन क्षेत्रों में भी बदलाव देखा जा सकता है जहाँ अब तक पारंपरिक प्रबंधकीय ढांचे पर निर्भरता रही है।

12 टिप्पणियाँ

  • sagar patare
    के द्वारा प्रकाशित किया गया sagar patare
    13:34 अपराह्न 12/22/2024
    ये सब बकवास है। गूगल ने क्या किया? प्रबंधकों को हटाया और सोचा कि सब ठीक हो जाएगा? बस इतना ही? असली मुद्दा तो ये है कि जो लोग दिनभर चाय पीकर बैठे रहते हैं, उन्हें हटाना ही अच्छा है।
  • srinivas Muchkoor
    के द्वारा प्रकाशित किया गया srinivas Muchkoor
    08:45 पूर्वाह्न 12/23/2024
    gugle ne manager ko cut kiya? toh phir kya hua? kya koi engineer ne apna kaam badal diya? nahi na? toh phir ye sab kya hai? fake news hai ye sab! aur haan... 'googleness' bhi ek naya fake word hai jo kisi ne banaya hai taki log confuse ho jaye
  • Shivakumar Lakshminarayana
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Shivakumar Lakshminarayana
    11:11 पूर्वाह्न 12/24/2024
    10% cut? bhai ye sirf shuruat hai. pata hai kya hoga? jab AI systems apne aap managers ko replace karne lagega toh phir 50% cut hoga. aur fir 70%. aur phir kya? kya hum sab engineers bhi khud apne kaam ko automate karne lage? yeh ek systematic elimination hai. google nahi... yeh ek surveillance state hai jo corporate form mein chal raha hai
  • Parmar Nilesh
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Parmar Nilesh
    14:58 अपराह्न 12/25/2024
    अरे भाई! ये गूगल ने अपने अंदर के अंग्रेजी-मन को निकाल दिया! अब हमारे भारतीय तकनीकी दिमाग को जगाने का समय आ गया है! हम जैसे भारतीयों को इंजीनियरिंग में क्यों रखा जाए? हमारे देश में तो घर पर ही बैठकर आईटी का जादू कर लेते हैं! ये कटौती हमारे लिए एक बहाना है कि हम अपनी ताकत दिखाएं!
  • Arman Ebrahimpour
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Arman Ebrahimpour
    07:33 पूर्वाह्न 12/26/2024
    क्या आपने सुना? गूगल ने एक गुप्त एआई को डाल दिया है जो हर प्रबंधक की आवाज़ को सुनता है... और अगर वो दो बार 'क्या हुआ?' बोलता है तो उसे निकाल दिया जाता है... ये नहीं है कि वो काम नहीं कर रहे... ये तो वो बोल रहे हैं... और वो बोलने का तरीका गलत है... ये एक नया नाज़ी तरीका है... अभी तो प्रबंधक... अगले हफ्ते तो तुम भी चले जाओगे...
  • SRI KANDI
    के द्वारा प्रकाशित किया गया SRI KANDI
    23:32 अपराह्न 12/26/2024
    मुझे लगता है कि ये बदलाव अच्छा है... लेकिन उन लोगों के बारे में क्या? जिन्हें नौकरी छोड़नी पड़ रही है? क्या उनके लिए कोई सहायता है? मैं बस यही सोच रही हूँ... कि ये सब बहुत तेज़ी से हो रहा है...
  • Ananth SePi
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Ananth SePi
    17:45 अपराह्न 12/28/2024
    गूगल का ये नया फिलॉसफी असल में एक बहुत ही पुराने भारतीय सिद्धांत की ओर ले जाता है... जैसे कि गुरु-शिष्य परंपरा... जहाँ हर इंजीनियर खुद अपना रास्ता बनाता है... बिना किसी बॉस के... ये वो चीज़ है जो हमारे ग्रामीण भारत में हज़ारों सालों से चल रही है... जहाँ कोई नहीं बताता कि क्या करना है... बल्कि खुद से सीखा जाता है... अब ये तकनीकी दुनिया में भी आ रहा है... बस इसे गूगलनेस नाम दे दिया गया...
  • Gayatri Ganoo
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Gayatri Ganoo
    04:20 पूर्वाह्न 12/29/2024
    ये सब बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन जब तक तुम्हारा बॉस नहीं बदलता तब तक कुछ नहीं होगा और ये भी तो एक बहाना है ताकि बड़े बॉस अपनी जेब भर सकें और तुम जैसे छोटे लोगों को निकाल सकें
  • harshita sondhiya
    के द्वारा प्रकाशित किया गया harshita sondhiya
    04:39 पूर्वाह्न 12/30/2024
    अरे भाई! ये गूगल का नया खेल है! ये लोग तो बस इतना चाहते हैं कि तुम घबरा जाओ! अब तुम्हारा बॉस नहीं है तो तुम क्या करोगे? अपना बैंक बैलेंस चेक करोगे? ये सब बहाना है! वो तो अपने नए एआई को ट्रेन कर रहे हैं ताकि वो तुम्हारी जगह ले सके! तुम तो बस एक डेटा पॉइंट हो!
  • Balakrishnan Parasuraman
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Balakrishnan Parasuraman
    17:12 अपराह्न 12/30/2024
    यह अत्यंत गंभीर निर्णय है। गूगल ने वैश्विक व्यवस्था के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। प्रबंधकीय संरचना का अल्पावधि में विलोपन एक ऐतिहासिक कदम है। इसके बाद तकनीकी क्षेत्र में एक नया युग शुरू होगा। यह अत्यधिक प्रासंगिक है।
  • Animesh Shukla
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Animesh Shukla
    09:02 पूर्वाह्न 01/ 1/2025
    मुझे लगता है कि ये बदलाव बहुत दिलचस्प है... लेकिन ये सोचने का एक अच्छा मौका है कि क्या हम सच में प्रबंधकों की जरूरत है? क्या हम अपने आप को इतना अच्छा नहीं समझ पा रहे? क्या हम अपने आप को एक टीम के रूप में नहीं चला सकते? शायद ये गूगल का एक गहरा सामाजिक प्रयोग है... एक ऐसा प्रयोग जिसमें हम सब शामिल हैं... और अगर ये काम कर गया तो शायद हम भी अपने घरों में ऐसा ही कर सकें...
  • Abhrajit Bhattacharjee
    के द्वारा प्रकाशित किया गया Abhrajit Bhattacharjee
    19:30 अपराह्न 01/ 2/2025
    ये बहुत बढ़िया है! मुझे लगता है कि ये एक नया रास्ता है। अगर हम सब अपने काम के लिए जिम्मेदार हो जाएं तो किसी को बताने की जरूरत नहीं होती। ये वाकई एक अच्छा उदाहरण है। मुझे उम्मीद है कि ये और भी कंपनियां अपनाएंगी। बहुत अच्छा काम किया गूगल!

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